कमिश्नर दीपक अग्रवाल के इस कदम से विश्वनाथ मंदिर के कमर्चारियों और संबद्धित अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. दरअसल पूरा मामला विश्वनाथ मंदिर के निरक्षण को लेकर है, लेकिन ये निरीक्षण दीपक अग्रवाल ने लाव लश्कर के साथ नहीं बल्कि आम दर्शनार्थी बन कर किया है. इस दौरान उनको कई खामियां मिली, जिसको लेकर उन्होंने चेतावनी जारी की है.
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने आम आदमी बनकर विश्वनाथ मंदिर में एंट्री ली. इसके बाद वह मुंह पर गमछा बांधने के साथ सफेद और नीले कलर की साधारण चेक शर्ट पहन कर दर्शनार्थियों की तरह लाइन में लग गए. इस दौरान उनके साथ कोई सुरक्षाकर्मी भी मौजूद नहीं था. दरअसल दीपक अग्रवाल ने ये निरक्षण दर्शनार्थियों को दी जा रही सुविधा की जांच के लिए किया जिसमें उन्हें कई खामियां मिली हैं. इसके लेकर उन्होंने चेतवानी जारी की है.
वह लाइन में लग कर बाबा के दर्शन का इंतजार करने लगे. वहीं, जब वो गर्भगृह के पास पहुंचे तो दर्शनार्थियों से पुलिसकर्मियों और सेवादारों का व्यवहार ठीक नहीं लगा, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा. इसके बाद देखा कि सेवादार और पुलिसकर्मी चढ़ावे का पैसा हुंडी में न डालकर उसे अपने हाथ में ही दबा ले रहे थे. इसके बाद दीपक अग्रवाल का पारा चढ़ चुका था. फिर वो तत्काल मन्दिर में बने अथिति गृह पहुंचे और मन्दिर न्यास व पुलिसकर्मियों को बुलाकर लताड़ लगाई. साथ की कई निर्देश जारी किए हैं. कमिश्नर के इस निरक्षण से जहां बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया तो वहीं दर्शनार्थियों के बीच चर्चा का विषय भी बना रहा. लोगों ने उम्मीद जताई है कि अब व्यवस्थाएं और दुरुस्त हो जाएंगी.
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