वाराणसी. पूरी दुनिया को अन्न प्रदान करने वाली माता अन्नपूर्णा (Maa Annapurna) का दरबार मंगलवार को धान की बालियों से भव्य रूप से सजाया गया है. मंदिर के गर्भगृह से लेकर मंडप और पूरे परिसर को करीब 40 क्विंटल धान से बहुत ही आकर्षण ढंग से सजाया गया. धान से सजे माता अन्नपूर्णा के अद्भत श्रृंगार के दर्शन कर भक्त निहाल हो गए. हर एक भक्त के मन में इस अद्भुत झांकी की तस्वीर मन में समा गई. बता दें कि माता अन्नपूर्णा के मंदिर को धान की बालियों से सजाने की परंपरा सदियों पुरानी है.
माता के दरबार को अन्न से सजाने के लिए पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों के किसान अपने पहले फसल का कुछ हिस्सा माता अन्नपूर्णा को दान देते हैं. इसी दान में मिले धान से हर साल 17 दिवसीय माता अन्नपूर्णा के व्रत के समापन के अवसर पर इसे सजाया जाता है. धान की बालियों से मंदिर को सजाने में करीब 48 घण्टे का वक्त लगा है. किसान खुद इन धान की बालियों की छटाई करते हैं और उससे इस मंदिर को सजाया जाता है.
मंदिर के महंत स्वामी शंकरपुरी ने बताया कि माता के दरबार को अन्न से सजाने की परम्परा काफी पुरानी है और आज भी निरंतर यहां इस परम्परा का निर्वहन होता चला आ रहा है. उन्होंने बताया कि 40 सालों से वो खुद इसके साक्षी हैं. वैसे तो पूरे पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों से धान की बालियां आती हैं, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा धान वाराणसी सटे सोनभद्र जिले से किसान ले आते हैं.
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