वाराणसी के युवा वैज्ञानिक ने भारतीय फौज के लिए एक ऐसा जूता तैयार किया है जो न केवल बीस किमी दूर से घुसैपैठियों की आहट को सुनकर घुसपैठ रोक सकता है बल्कि गोलियां भी बरसा सकता है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने ये कमाल किया है. श्याम अशोका इंस्टीट्यूट में रिसर्च एंड डेवलेपमेंट इंचार्ज हैं. श्याम ने ऐसा जूता तैयार किया है जो दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकता है. उन पर गोलियां बरसा सकता है. बकौल श्याम, इस जूते में लगे दो फोल्डिंग 9 एमएम के गन बैरल महज कुछ सेकेंड में आहट पहचान कर फायर कर सकते है.
ये जूता रेडियो फ्रिक्वेंसी और मोबाइल नेटवर्क पर भी काम करता है. करीब साढ़े छह सौ ग्राम का ये जूता रबर और स्टील की प्लेट को मिलाकर तैयार किया गया है. ये केवल दुश्मनों पर गोलियां ही नहीं बरसाएगा बल्कि सियाचीन और दूसरे सर्द इलाकों में जवानों को गरमाहट भी देगा. इसके लिए जूते में विशेष प्रकार का हीटर भी लगाया गया है. कुछ और खासियतों की बात करें तो इसमे सोलर चार्जिंग सिस्टम, स्टील की चादर, एलईडी लाइट, सोलर प्लेट रेडियो सर्किट, स्विच और इलेक्ट्रानिक ट्रिगर के साथ-साथ वाइब्रेशन मोटर भी लगी है.
श्याम के मुताबिक जूते का लेजर सेंसर और ह्यूमन सेंसर बार्डर में रखा होगा. जैसे ही सीमा पर कोई दुश्मन सेंसर की रेंज में आएगा तो सेंसर एक्टिव मोड में आ जाएगा. इसके बाद सिग्नल सीधे जूते को मिलेगा और जूते में लगा अलार्म बीप की आवाज करने लगेगा. जवान फौरन मुस्तैद होकर घुसपैठियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हो जाएंगे.
एलर्ट होने के साथ जवान किसी विषम परिस्थितियों में दुश्मन पर जूते से फायरिंग भी कर सकते है. ये जूता आगे और पीछे दोनों तरफ फायर कर सकता है. श्याम बताते हैं कि वो इस प्रयोग को लेकर भारत सरकार, रक्षा मंत्री को पत्र लिखेंगे ताकि जल्द से जल्द सेना के जवान को ये जूता मजबूती प्रदान कर सकें. श्याम ने बताया कि इसके सेंसर को और भी बढ़ाया जा सकता है. ये सिर्फ डेमो के लिए बनाया गया है.
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