भाजपा ने गुरुवार को 59 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, तो महिला उम्मीदवारों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं होने लगीं. इनमें सबसे खास तो सरिता आर्य को टिकट मिलना रहा, जो चार दिन पहले ही कांग्रेस से भाजपा में दाखिल हुईं. नैनीताल सीट से टिकट पाने वाली सरिता को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराज़गी की खबरें भी हैं, लेकिन उनका कहना है कि सबकी सहमति जुटा ली जाएगी. उनके अलावा भाजपा ने किन महिलाओं पर दांव खेला है? विस्तार से जानिए.
रानी देवयानी को बीजेपी ने खानपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है. 15 जुलाई 1976 को जन्मी देवयानी पोस्ट ग्रेजुएट हैं. देवयानी को राजनीति विरासत में मिली है. वह लक्सर और खानपुर सीट से 4 बार विधायक रह चुके प्रणव सिंह चैंपियन की पत्नी हैं. देवयानी खुद भी तीन बार ज़िला पंचायत सदस्य निर्वाचित हो चुकी हैं और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं. देवयानी के पिता महेंद्र भाटी नोएडा की दादरी सीट से 3 बार विधायक रह चुके हैं.
अल्मोड़ा की सोमेश्वर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहीं राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य 1978 में जन्मीं थीं. शिक्षिका बनने की आकांक्षा रखने वाली रेखा ने बीएड किया था लेकिन भाग्य उन्हें राजनीति में ले आया. अल्मोड़ा में ज़िला पंचायत के चुनाव से शुरुआत करने वाली रेखा ने 2012 का चुनाव सोमेश्वर से निर्दलीय लड़ा. 2014 उपचुनाव में कांग्रेस ने रेखा को टिकट दिया. फिर साल 2016 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड विधानसभा में स्पीकर रह चुके हरबंस कपूर के पिछले साल निधन के बाद उनकी पत्नी सविता कपूर को भाजपा ने देहरादून कैंट से टिकट दिया है. कपूर के निधन के बाद से ही उनकी पत्नी का टिकट लगभग तय माना जा रहा था. सविता अपने पति के साथ हमेशा बनी रहीं और कपूर जब भी राजनीतिक कार्यक्रमों में शिरकत करते थे, सविता ज़्यादातर मौकों पर उनके साथ सक्रिय दिखा करती थीं.
चंद्रा पंत को भाजपा ने फिर चुनाव मैदान में उतारा है. पिथौरागढ़ सीट से 2019 में चंद्रा बीजेपी के टिकट पर तब विधायक बनी थीं, जब कैंसर के कारण उनके पति और पूर्व विधायक प्रकाश पंत का निधन हो गया था. पंत के निधन के बाद बीजेपी ने उनकी पत्नी चंद्रा को भाजपा का उम्मीदवार बनाया था. इस बार उन्हें पार्टी ने दूसरी बार मौका दिया है.
यमकेश्वर सीट से बीजेपी ने इस बार रेणु बिष्ट को चुनाव मैदान में उतारा है. रेणु 2003 से 2008 तक ब्लॉक प्रमुख रही हैं और पहली बार 2007 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. 2012 से रेणु बिष्ट निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ती रहीं और 3 साल पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. उन्हें टिकट मिलना बड़ा दांव है क्योंकि यहां से बीजेपी ने पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की बेटी और विधायक रितु खंडूरी का टिकट काटा है.
सरिता आर्य को भाजपा ने नैनीताल से टिकट दिया है, जो इसी हफ्ते कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं. 1961 में जन्मीं सरिता के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज है कि वह आज़ादी के बाद से नैनीताल सीट पर विधायक बनने वाली पहली महिला रही हैं. 2012 के चुनाव में वह विधायक बनी थीं और 2015 में उन्हें उत्तराखंड महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था.
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