देहरादून. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जैव विविधता का धनी है. यह टाइगर रिजर्व दुनिया में सबसे ज्यादा बाघों के घनत्व के लिए जाना जाता है. लेकिन यहां थल के साथ ही जल और नभ के भी कई जीव पाये जाते हैं. जल और थल के जीवों की गणना भी यहां होती रहती है. लेकिन पहली बार इस टाइगर रिजर्व में खुले आसमान में विचरण करने वाले पक्षियों की भी गणना की गई है.
इसके परिणाम भी काफी उत्साहित करने वाले हैं. यहां इस गणना में 402 पक्षियों की प्रजातियां पाई गई हैं. जिनमें प्रमख रूप से हॉर्नबिल की 3, वुड पैकर की 12, किंगफिशर और डवकी 6-6, ईगल की 15, उल्लू की 14, बुलबुल की 8, बी-इटर की 3, स्टॉक की 4 और क्रेन के साथ ही गिद्धों की प्रजातियां भी मिली हैं.
कॉर्बेट में यह गणना 16 फरवरी से 18 फरवरी तक की गई थी. इस तीन दिवसीय गणना में 76 पक्षी विशेषज्ञों के साथ वॉलिंटियर्स ने काम किया. टाइगर रिजर्व के 26 स्थानों पर यह गणना एक साथ की गई. पक्षी विशेषज्ञ संजय छिम्वाल कहते हैं कि वह भी गणना टीम के सदस्य थे. कॉर्बेट प्रशासन ने टाइगर रिजर्व में पक्षी गणना का महत्वपूर्ण कार्य किया. और इसके रिजल्ट भी काफी उत्साहजनक हैं.
उन्होंने कहा कि हम कॉर्बेट प्रशासन को इस गणना के लिए धन्यवाद देते हैं. उधर कॉर्बेट के निदेशक राहुल की यदि माने तो मानसून सीजन में फिर बर्ड्स काउंट की जाएंगी, जिससे पता चल सके कि यहां मानसून में कितने पक्षी रहते हैं. अभी गणना के रिजल्ट में कई प्रवासी पक्षी भी गिने गए हैं.
सीजन में यह पक्षी यहां नहीं मिलेंगे और जो पक्षी मिलेंगे उनसे उस समय के पक्षी प्रजाति का पता चल सकेगा. कॉर्बेट में हुई इस पक्षी गणना से पर्यटन की संभावना भी बढ़ जाएगी. निश्चित ही पक्षियों की इतनी बड़ी संख्या बर्ड वॉचर्स का ध्यान इस ओर खींचेगी.
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