लखनऊ/देहरादून. कांवड़ यात्रा को उत्तराखंड ने इस साल कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र रद्द करने का फैसला लिया था, लेकिन पिछले ही दिनों इस पर विचार करने की बात कही गई. अब हरिद्वार में मुख्य रूप से पहुंचने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर नए सिरे से विचार किया जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 जुलाई से शुरू होने वाली इस यात्रा को निर्विघ्न रूप से संपन्न कराने के आदेश दे दिए हैं. इस आदेश के बाद उप्र प्रशासन उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के साथ बातचीत कर यात्रा संबंधी तमाम इंतज़ाम करने में जुट गया है. इधर, योगी और उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच बातचीत भी हुई है.
सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों में कहा जा रहा है कि योगी और धामी के बीच कांवड़ यात्रा को लेकर जो बातचीत हुई है, उसके बाद उत्तराखंड सरकार इस यात्रा को रद्द करने के फैसले पर यू टर्न ले सकती है. इधर, उप्र के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के मुताबिक जलाभिषेक के लिए उत्तराखंड और बिहार जाने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो, साथ ही कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल का पालन भी हो सके, इस संबंध में उत्तराखंड और बिहार से बातचीत की जा रही है. क्या होगा योगी की बात का असर?
खबरों में कहा जा रहा है कि योगी ने धामी से बातचीत करते हुए कहा है कि उप्र से आने वाले कांवड़ियों को हरिद्वार से गंगा जल लेने के लिए रोका न जाए. हालांकि खबरें सूत्रों पर आधारित हैं, लेकिन माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार योगी की इस इच्छा को ठुकराने की नहीं, बल्कि मानने की ही कोशिश करेगी. दूसरी तरफ उप्र और उत्तराखंड दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं, तो ऐसे में भाजपा अपने भारी वोट बैंक के रूप में कांवड़ियों को निराश भी नहीं करना चाहेगी. क्या होगा उत्तराखंड का रुख?
इधर, बुधवार को हरिद्वार में सीएम धामी ने कहा था कि कांवड़ यात्रा को लेकर विचार किया जा रहा है और श्रद्धालुओं को निराश नहीं किया जाएगा. यह पूछने पर कि क्या इस बारे में केंद्र से सलाह मशवरा किया जाएगा, धामी ने कहा कि यह उत्तराखंड और यूपी के बीच का मामला है. 'मैं सीएम योगी से इस बारे में दो बार बात कर चुका हूं और ज़रूरत पड़ने पर फिर इस मामले में बात कर ली जाएगी.'
बता दें कि बीते 30 जून को उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को इस साल टाल दिए जाने के आदेश दिए थे, लेकिन पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद रुख बदल रहा है. इस यात्रा के दौरान 3 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच सकते हैं. यह भी गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में कोरोना संक्रमण के बीच कुंभ मेले का आयोजन भी उत्तराखंड ने किया था, जिसे बाद में संक्रमण के लिहाज़ से सुपर स्प्रेडर कहा गया.
वो फिल्म जिसका क्लाइमैक्स बदलते ही, सिनेमाघर में रो पड़े थे दर्शक, चमक गई थी अमिताभ बच्चन की किस्मत
विराट ने कभी नहीं मांगा 18 नंबर, पिता की मौत, टीम इंडिया में डेब्यू, कोहली छोड़ नहीं पाए इस नंबर का साथ
Andha Yug Play: सारे पहिये हैं उतर गये जिससे वह निकम्मी धुरी तुम हो, क्या तुम हो प्रभु?
UPSC Story : इसरो में साइंटिस्ट समेत 6 जॉब ऑफर ठुकराए, पहले प्रयास में बनीं IPS, डॉ. कलाम के पत्र ने दी प्रेरणा