Char Dham Yatra में बड़ी तादाद में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंच रहे हैं. सवाल यह खड़ा हो रहा है कि धामों में इंतज़ामों, श्रद्धालुओं की मौतों और परिवहन व बोर्डिंग में मुश्किलों जैसी खबरों के बीच पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व्यवस्थाओं को मैनेज करने की बजाय विदेश यात्रा पर क्यों हैं?
देहरादून. उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के बीच अचानक पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज सुर्खियों और राजनीतिक चर्चाओं में आ गए हैं. चार धाम यात्रा को लेकर उत्साह यह है कि बद्रीनाथ और केदारनाथ में 2.5 लाख से ज़्यादा तो गंगोत्री व यमुनोत्री में 1.25 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जबकि यात्रा को 10 दिन भी पूरे नहीं हुए हैं. एक तरह से उत्तराखंड में पर्यटकों का मेला लगा हुआ है और इस दौरान पर्यटन मंत्री उत्तराखंड तो दूर, देश में ही नहीं हैं. दुबई पहुंचे सतपाल महाराज को अब पूर्व नेता प्रतिपक्ष निशाने पर लेकर कई तंज़ कस रहे हैं.
7 मई को दुबई के लिए गए महाराज संभवत: 14 मई तक लौट सकेंगे. इधर, सवाल ये खड़े हो रहे हैं कि उत्तराखंड को जब पर्यटन मंत्री की ज़रूरत है ताकि वह चार धाम यात्रा को व्यवस्थित ढंग से संचालित करवाए, तब वह विदेश में है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह ने तंज़ कसा, 'उन्हें समझना चाहिए कि चार धाम का पर्यटक कहां से आएगा.' इसके बाद दोनों नेताओं के बीच खासी ज़ुबानी जंग हुई.
सिंह ने महाराज को आड़े हाथों लेते हुए कहा, वह उत्तराखंड के नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मंत्री हैं इसलिए राज्य की कभी नहीं, हमेशा विदेश की ही बात करते हैं. 'उत्तराखंड में जब पर्यटक त्रस्त हो रहे हैं, तब पर्यटन मंत्री दुबई में मस्त हैं.' सिंह के इस कटाक्ष पर महाराज ने कहा, 'उन्हें कुछ समझ नहीं है कि पर्यटन को कैसा बढ़ाया जा सकता है.'
उत्तराखंड के पर्यटन के लिए दुनिया भर से निवेश लाने को यात्रा का मकसद महाराज ने बताया तो इस पर फिर सिंह ने तंज़ कसा, 'हम नासमझ ही सही, लेकिन चार धाम के लिए पर्यटक सऊदी अरब से नहीं आएंगे, यह तो समझते हैं. वैसे भी भाजपा तो मुस्लिमों के आने का विरोध ही करती है.' बयानबाज़ी अलग, सवाल यह है कि आखिर महाराज दुबई में क्यों हैं?
अरेबियन ट्रैवेल मार्केट प्रोग्राम को लेकर इन दिनों पर्यटन मंत्री दुबई दौरे पर हैं. वह लगातार वहां के कार्यक्रमों के बारे में अपने सोशल मीडिया में जानकारी दे रहे हैं. आज 12 मई को उन्होंने UAE के निवेशकों से मुलाकात के बारे में बताते हुए लिखा, पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए कई निवेशक उत्तराखंड आने के इच्छुक हैं.
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