PHOTOS: यहां रिटायरमेंट के बाद वानप्रस्थ जीवन जीते हैं कई बुजुर्ग, जानिए क्या है वानप्रस्थ जीवन शैली?

हिंदू दर्शन में मनुष्य को शतायु माना गया है. इसके तहत शुरू के 25 साल ब्रह्मचर्य फिर 50 साल तक ग्रहस्थ और 50 से 75 साल की उम्र को वानप्रस्थ और बाकी बचे जीवन को सन्यास आश्रम के रूप में विभाजित किया गया है. गंगा की नगरी हरिद्वार में स्थित वानप्रस्थ आश्रम विलुप्त हो चुकी वानप्रस्थ जीवन शैली से परिचय कराता है. यहां सैकड़ों बुजुर्ग वानप्रस्थ जीवन शैली को जी कर आध्यात्मिक चिंतन कर रहे हैं. (फोटो व रिपोर्ट- पुलकित शुक्ला)

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