देश में ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते मामलों और तीसरी लहर (third wave) की चिंता के बीच पहाड़ में पर्यटक बेफिक्र हैं. पर्यटकों की बेरोकटोक एंट्री से उत्तराखंड में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. पर्यटन स्थलों पर कोरोना नियमों की अनदेखी यहां के लोगों पर भारी पड़ सकती है तो नियमों का पालन कराने वाले खुद उलंघन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी की अपील का लोगों पर असर नहीं दिख रहा.
देश में ओमिक्रॉन की दस्तक के साथ पहाड़ों की ये तस्वीरें डरा रही हैं. पर्यटन स्थलों में लगी ये भीड़ कोरोना की तीसरी लहर को न्यौता दे रही है. बिना जांच के साथ नैनीताल पहुंचे पर्यटक बिना मास्क के ही घूम रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल प्रशासन से लेकर पर्यटकों तक को नहीं है.
हालात ये हैं कि होटल, रेस्टोरेंट, दुकानों में कोरोना के नियमों का खुला उलंघन हो रहा है. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कहीं दिख नहीं रहा है. लापरवाही इस कदर है कि जिन लोगों को नियमों का पालन कराना है वो भी बिना मास्क पहने हुए हैं और पर्यटकों से मास्क न पहनने के लिए जुर्माना वसूल रहे हैं. रेंज के डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि सभी पुलिस थाने और कोतवाली को कोविड नियमों का पालन कराने का आदेश दे दिया गया है. अगर कोई नहीं मानता है तो और सख्ती की जाएगी.
कोरोना के बढ़ते मामलों की चिंता के बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश की जनता से अपील की थी कि कोविड के नियमों का पालन करें. राज्य सरकार से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक कोरोना संक्रमण पर चिंतित हैं. ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचने की अपील के बाद भी नैनीताल में वायरस फैलने का खतरा बना हुआ है.
पर्यटक सिद्धार्थ ने कहा कि यहां कोई भी मास्क नहीं पहन रहा है. उन्होंने भी नहीं पहना है. जब सोशल डिस्टेंस का ही नहीं पालन हो रहा है तो मास्क का क्या फायदा. वहीं अन्य छोटे बच्चों को बिना मास्क के घुमा रहे पर्यटकों ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि उन्होंने दोनों कोरोना की वैक्सीन की डोज ले ली हैं. उनको मास्क की जरूरत नहीं है.