गोमुख ग्लेशियर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जो ट्रॉली यहां लगवाई गई थी उसका उद्देश्य था कि यात्रियों की आवाजाही आसान हो सके. लेकिन जबकि चार धाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, तब यह गंगोत्री पार्क बेखबर है कि यह ट्रॉली बेहद मुश्किल खड़ी कर रही है. देखिए बलबीर परमार की रिपोर्ट.
उत्तरकाशी. गंगोत्री नेशनल पार्क में गोमुख ग्लैशियर से पहले लगी ट्रॉली जान हथेली पर लेकर किया जाने वाला सफर बन गई है. जान जोखिम में डालना पर्यटकों की मजबूरी बन गई है लेकिन ताज्जुब है कि पार्क प्रशासन को इसकी जानकारी ही नहीं है. न्यूज़ 18 पर आप एक्सक्लूसिव तस्वीरें देख सकते हैं कि किस तरह ट्रॉली की रस्सियां कमज़ोर पड़ चुकी हैं और इन्हीं रस्सियों के सहारे पर्यटक ट्रॉली से गंगा नदी को पार कर रहे हैं.
हालात ये हैं कि नदी पार करने के बाद पर्यटकों को मंझधार में जान जोखिम में डालकर रस्सों के सहारे उतरना पड़ रहा है. तस्वीरें देखकर कोई भी कह सकता है कि गोमुख में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसके बावजूद पार्क प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.
यह ट्रॉली भोजवासा से आगे लगाई है ताकि तपोवन तक जाने वाले पर्यटक अब गोमुख ग्लेशियर के ऊपर से न जाते हुए इस ट्रॉली से नदी पार कर तपोवन पहुंच सकें. यह ट्रॉली गौमुख ग्लेशियर की सुरक्षा की दृष्टि से लगाई गई है.
गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेंद्र बिष्ट ने गंगोत्री नेशनल पार्क से इस ट्रॉली को जल्द से जल्द सही करवाने की मांग की है. उनका कहना है पर्यटकों को सुरक्षा को देखते हुए इसे प्राथमिकता के साथ ठीक करवाया जाना चाहिए.
वहीं, गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पाण्डेय का कहना है वह पार्क के क्षेत्राधिकारी को जल्द मौके पर ट्रॉली की जांच के लिए भेजेंगे. गौरतलब है कि इन दिनों चार धाम यात्रा के दौर में हज़ारों यात्री रोज़ गंगोत्री धाम पहुंच रहे हैं.