म्यांमार में सेना के तख्तापलट के बाद से हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. सेना के विरोध में जहां लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं सेना भी अब आंदोलन को कुचलने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है. सेना की ओर से की गई कार्रवाई में अबतक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. खबर है कि तख्तापलट के खिलाफ शनिवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों पर म्यांमार की सेना ने गोलीबारी की जिसमें 91 लोग मारे गए.
म्यांमार में सेना के तख्तापलट के विरोध में प्रदर्शन तेज हो गया है. बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से म्यांमार में प्रदर्शन तो हो रहा था लेकिन सेना और प्रदर्शनकारी आमने सामने नहीं आए थे. लेकिन शनिवार को प्रदर्शन ने एक बार फिर उग्र रूप ले लिया, जिसके बाद सेना ने 91 लोगों को मौत के घाट उतार दिया.
स्थानीय ऑनलाइन समाचार वेबसाइट म्यांमार नाउ के मुताबिक सेना की कार्रवाई में शनिवार को 91 लोगों की मौत हो गई. यह संख्या बीते 14 मार्च को एक दिन में हुई कुल मौत से भी ज्यादा है. उस दिन 74 से 90 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई गई थी.
म्यांमार में तख्तापलट के बाद शनिवार का दिन सबसे बुरा रहा. खबर है कि म्यांमार में वार्षिक सशस्त्र सेना दिवस के मौके पर एक बार फिर लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. इसके बाद सेना ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए गोली चला दी. सेना की ओर से की गई इस कार्रवाई में बच्चों सहित दर्जनों नागरिकों की मौत हो गई.
बता दें कि 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को यंगून, मांडले और अन्य शहरों की सड़कों पर सेना के खिलाफ प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना ने उस वक्त भी गोली चलाई थी. स्थानीय मीडिया के मुताबिक प्रदर्शनकारियों के सिर और पीठ पर गोली मारी गई थी.
इस घटना के संबंध में जब सैन्य प्रवक्ता से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. सेना के खिलाफ एक विरोधी समूह का नेतृत्व करने वाले स्थानीय नेता डॉ ससा के प्रवक्ता ने कहा, सशस्त्र बलों के लिए आज का दिन शर्मनाक है. 300 से अधिक निर्दोष नागरिकों को मारने के बाद सशस्त्र सेना दिवस मनाया जा रहा है. यह म्यांमार के इतिहास का सबसे खराब दिन है.