चीन ने भी धार्मिक कट्टरता से निपटने के लिए साल 2016 से ही एक बड़ा अभियान चलाया हुआ है. चीन में इस्लाम के प्रभाव को घटाने के उद्देश्य से मस्जिदों की शक्ल बदली जा रही हैं. ब्रिटिश टेलिग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कल्चरल व्हाइटवाश कैंपेन के तहत चीन में मस्जिदों के गुंबद और अन्य सजावटी हिस्से हटाए जा रहे हैं.
चीन पर पहले भी मुस्लिमों को दबाने और उइगर मुसलमानों को प्रताड़ित करने के आरोप लगे हैं. वहीं, अब देशभर की मस्जिदों की शक्ल बदली जा रही है. नीनझिआ प्रोविन्स की राजधानी यीनचुआन के नानगुआन मस्जिद के चमकीले हरे गुंबद और अन्य हिस्सों को हटा दिया गया है. क्रिस्टिना स्कॉट ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की है जिसमें नानगुआन मस्जिद बिना गुंबद के दिख रही है. उन्होंने लिखा कि ट्रिपएडवाइजर इस मस्जिद में घूमने की सलाह देता है, लेकिन यहां किसी भी व्यक्ति को घूमने की इजाजत नहीं है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीते कुछ सालों से चीन में तमाम धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई के मामले बढ़े हैं. विभिन्न धर्मों के धार्मिक स्थलों को कम्युनिस्ट पार्टी के हिसाब से बदलने की कोशिश की जा रही है. तिब्बती बच्चों को बौद्ध धर्म की शिक्षा लेने से भी चीन में रोका जा रहा है. वहीं, चर्च और मस्जिद से जुड़ी कई गाइडलाइंस जारी की गई हैं. वहीं, करीब 10 लाख मुस्लिमों को चीन में रि-एजुकेशन के नाम पर कैंप में रखा गया है.
इससे पहले गान्सू के लिंशिया में भी कई मस्जिदों के गुंबद तोड़े जाने की खबरें सामने आयीं थीं और मुस्लिम बहुल शिनजियांग के अतुश सुंथग गांव में एक मस्जिद (Tokul mosque torn down) को पब्लिक टॉयलेट में बदल दिया गया जबकि दो मस्जिदों को गिरा दिया गया था. चीन में मुस्लिमों के खिलाफ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार (CPP) के खिलाफ मुस्लिमों पर अत्याचार के आरोप लग रहे हैं. खासकर शिनजियांग प्रांत में उइगरों की संस्कृति को खत्म करने के लिए मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप भी लगाया है.
लिंशिया को कभी चीन का छोटा मक्का कहा जाता था. अब यहां से हर मस्जिद के गुंबद को तोड़ा जा रहा है. चीन की सरकार पर आरोप है कि उसके कार्यक्रम के तहत चीन के शहरों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है. कई मस्जिदों की छतें ऐसे बनाई गई हैं जो सरकार को ज्यादा चाइनीज लग रही हैं. छोटी मस्जिदों को भी टार्गेट किया जा रहा है.
साल 2016 में मस्जिदों में सुधार करने के लिए और कट्टरता कम करने के लिए ये अभियान शुरू किया गया था. सरकार इसकी आड़ में बड़े पैमाने पर मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को तोड़ रही है. अतुश सुंथग गांव के उइगर मुस्लिम कमेटी के चीफ के मुताबिक, गांव में सभी घर में टॉयलेट पहले से ही हैं और मस्जिद को टॉयलेट बनाने की कोई ज़रुरत नहीं थी.
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