लेबनान की अदालत ने प्रधानमंत्री हसन दिआब (Hassan Diab) के अलावा 3 पूर्व मंत्रियों के खिलाफ बेरूत धमाकों (Berut Blast) में लापरवाही का केस दर्ज किया है. इन धमाकों में करीब 200 लोगों की मौत हो गई थी.
साल 2020 की सबसे बड़ा त्रासदियों में से एक था लेबनान की राजधानी बेरूत (Berut) में हुआ धमाका. इस धमाके में 190 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. अब देश की एक अदालत ने केयर-टेकर प्रधानमंत्री हसन दिआब (Hassan Diab) और उनकी सरकार के तीन मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. बेरूत में हुए धमाके के बाद सालों से चल रही सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार के मुद्दे पूरी दुनिया के सामने आ गए थे. (फोटो सौ. रॉयटर्स)
पीएम के अलावा वित्त मंत्री अली हसन खलील, गाजी जीटर और यूसुफ फेनियानोस के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया गया है. उन्होंने जांच के दौरान बताया कि बंदरगाह में सालों से पड़ा 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट इस दर्दनाक घटना का कारण था. जज फादी सावन ने पीएम से सवाल किया था कि पद पर रहते हुए उन्हें कितने वक्त से विस्फोटकों के बारे में जानकारी थी और क्यों उन्होंने इसे हटाने के लिए निर्देश नहीं दिए? (फोटो सौ. रॉयटर्स)
अगस्त 2020 में बेरूत शहर उस वक्त थर्रा गया था जब बंदरगाह के पास लगातार दो धमाके हुए थे. ये धमाके इतने तेज थे कि बंदरगाह के पास जमीन ही गायब हो गई थी. 150 से ज्यादा लोगों की मौत घटना के कारण हो गई थी जबकि पांच हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसमें सबसे बड़ा नुकसान वहां मौजूद भंडारग्रह को हुआ था जिसके कारण अनाज की कमी का खतरा पैदा हो गया था. (फोटो सौ. रॉयटर्स)
लेबनान में पहले से ही आर्थिक संकट था जिसके बीच कोरोना वायरस भी कहर बरपा रहा था. वहीं, सरकार के खिलाफ लचर रवैये और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे. राजधानी बेरूत में हुए धमाकों के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा जिसके बाद पीएम समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा देकर केयरटेकर की भूमिका निभाने की बात कही थी. (फोटो सौ. न्यूज18 इंग्लिश)