बता दें कि भूकंप तब आता है जब पृथ्वी की सबसे बाहरी परत के बड़े टुकड़े अचानक एक दूसरे के पीछे चले जाते हैं. एक सवाल यह भी उठ रहा है कि इन भूकंपों के कारण इतनी मौतें क्यों हुईं. BBC के अनुसार 7.8 तीव्रता पर आया भूकंप आधिकारिक रूप से बहुत विनाशकारी श्रेणी में रखा जाता है. एक्सपर्ट का मानना है कि तुर्की का भूकंप एक स्ट्राइक-स्लिप भूकंप था. (फोटो AP)
गौरतलब है कि पृथ्वी अलग-अलग हिस्सों में बंटी हुई है. इन हिस्सों का मिलन एक फॉल्ट लाइन पर होता है. जहां प्लेटें आमतौर पर एक-दूसरे से टकराती हैं. लेकिन कभी-कभी तनाव बढ़ जाता है. तब प्लेटें बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकालती हैं और एक दूसरे को तेजी से पार करती हैं. इस दौरान दो प्लेटें एक-दूसरे को झटका देते हुए दो अलग-अलग दिशाओं में निकल जाती हैं. इसी प्रक्रिया के कारण भूकंप आता है. (फोटो AP)
अब समझते हैं तुर्की में क्यों भूकंप के झटके बार-बार आ रहे हैं. तुर्की के नीचे की टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार हिल रही हैं. तुर्की कई प्रमुख फॉल्टलाइन पर स्थित है, जो एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट से जुड़ा हुआ है. जिस वजह से यहां भूकंप आने का खतरा अधिक होता है. एक्सपर्ट का मानना है कि एनाटोलियन प्लेट और अरैबियन प्लेट के बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है. (फोटो AP)
इटली के भूकंप एक्सपर्ट डॉ. कार्लो डोग्लियोनी ने तुर्की में जानलेवा भूकंप के बारे में कहा है कि तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स 5 से 6 मीटर तक खिसक सकती है. वहीं डरहम यूनिवर्सिटी के स्ट्रक्चरल जियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. बॉब होल्डवर्थ ने कहा कि भूकंप की तीव्रता को देखते हुए टेक्टोनिक प्लेट्स का शिफ्ट होना तर्कससंगत कहा जा सकता है. (फोटो AP)
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