स्पेन में एक सीवर कर्मचारी को अपनी त्वचा के भीतर कीड़े रेंगते महसूस हुए. डॉक्टर्स बताते हैं कि ये शख्स "सीवेज मैनेजमेंट में काम करता था और उसने अपना सारा जीवन स्पेन के एक शहरी इलाके में रहकर बिताया. मरीज की इम्यूनिटी कमजोर हो गई थी जिससे उसे काफी ज्यादा संक्रमण हो गया जो कि एक संभावित घातक स्थिति थी जिसमें लार्वा काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं जिससे सेप्सिस और ऑर्गन फेलियर तक हो सकता है.
स्पेन में एक सीवर कर्मचारी को अपनी त्वचा के भीतर कीड़े रेंगते महसूस हुए. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन ने इस घटना को प्रकाशित किया है. जाम प्रेस की खबर के मुताबिक 64 साल के सीवर ट्रीटमेंट कर्मचारी को डायरिया और खुजली वाले दाने हो गए.अपनी परेशानी का इलाज लेकर ये शख्स मैड्रिड के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल गया. यहां डॉक्टर्स ने उसे बताया कि वह स्ट्रांगिलोइड्स स्टेरकोरेलिस के संपर्क में आ गया है जो कि उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहने वाले परजीवी राउंडवॉर्म की प्रजाति है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ये नेमाटोड आम तौर पर इंसान की त्वचा और दूषित मिट्टी के बीच संपर्क में आने से फैलते हैं. वेबसाइट के मुताबिक "मेजबान, इंसान के शरीर में प्रवेश करते हैं और आंतों तक पहुंचते हैं जहां वे परिपक्व होकर वयस्क होते हैं और अंडे देते हैं." हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि सफाईकर्मी कैसे संक्रमित हो गया. डॉक्टर्स बताते हैं कि ये शख्स "सीवेज मैनेजमेंट में काम करता था और उसने अपना सारा जीवन स्पेन के एक शहरी इलाके में रहकर बिताया."
स्ट्रॉन्गिलोइड्स आम तौर पर बिना लक्षण वाले होते हैं, इसके होने के बाद अक्सर सालों तक पता नहीं चलता है. डॉक्टर्स को संदेह है कि शुरू में इस शख्स के साथ ऐसा ही हुआ है. हालांकि, तब उन्हें घातक रीढ़ की हड्डी में हुई समस्या के लिए हार्मोन थेरेपी दी गई थी. इससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई , जिससे प्रभावी रूप से परजीवियों उनके शरीर में फैल गए.
नतीजतन, मरीज को काफी ज्यादा संक्रमण हो गया जो कि एक संभावित घातक स्थिति थी जिसमें लार्वा काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं जिससे सेप्सिस और ऑर्गन फेलियर तक हो सकता है. उसकी ऐसी हालत हो गई थी कि नेमाटोड सचमुच उसकी त्वचा के भीतर छटपटा रहे थे. शख्स की त्वचा पर आदमी की त्वचा पर लाल झालर जैसे चकत्ते दिखाई दे रहे हैं. फ्यूचरिस्म की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्टून जैसे दिखने वाले टेढ़े-मेढ़े ये नेमाटोड हैं जिनपर डॉक्टर्स ने चाक की मदद से संक्रमण के प्रारंभिक स्थलों को देखने के लिए निशान लगा दिया था.
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