क्रिकेट की डिक्शनरी में असंभव शब्द नहीं है. लाइव मैच से इतिहास के पन्ने तक हर जगह इस बात के सबूत आसानी से मिल जाते हैं. क्रिकेट में अक्सर कुछ ऐसा घटता है, जो कल्पना से परे होता है. कभी एक ओवर में 6 छक्के लग जाते हैं, तो कभी पूरी टीम 25-30 रन भी नहीं बना पाती. और कभी एक टीम हजार रन बनाकर भी 354 रन से हार जाती है. मैं विजय प्रभात आज ऐसा ही क्रिकेट का किस्सा लेकर आया हूं. जिसमें 2300 से ज्यादा रन बने, जिसमें 19 शतक बने. जिसमें 3 बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में शतक बनाए.
1949 में 11 मार्च को बॉम्बे और महाराष्ट्र (Bombay vs Maharashtra) के बीच एक मैच शुरू हुआ. पुणे में खेला गया यह मैच रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) का सेमीफाइनल था. दोनों टीमों की यह जोर-आजमाइश स्कोरकार्ड में बखूबी दर्ज है. सात दिन चले इस मैच में 2,376 रन बने. 707.2 ओवर के इस खेल में विकेट गिरे 38.
इस ऐतिहासिक मैच में बॉम्बे ने पहले बैटिंग करते हुए 651 रन बनाए. इसके जवाब में महाराष्ट्र ने 407 का स्कोर बनाया. इस तरह बॉम्बे को पहली पारी में 244 रन की बढ़त मिली. बॉम्बे ने पहली पारी की तरह दूसरी पारी में भी बेशुमार रन बनाए. उसने मैच के छठे दिन जब अपनी दूसरी पारी घोषित की तो उसका स्कोर 8 विकेट पर 714 रन हो चुका था. इस तरह महाराष्ट्र को जीत के लिए 959 रन का लक्ष्य मिला. महाराष्ट्र की टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 177.3 ओवर में 604 रन बनाकर आउट हो गई.
महाराष्ट्र ने इस मैच में कुल 1008 रन बनाए. इसके बावजूद वह 354 रन से हार गया. इस मैच में बल्लेबाजों ने कुल 9 शतक बनाए और 10 अनचाहे शतक गेंदबाजों के नाम दर्ज हैं. मैच में बने कुल 2376 रन आज भी प्रथमश्रेणी क्रिकेट में एक मैच में सबसे अधिक रन का रिकॉर्ड है.