कर्मचारी भविष्य निधि- कर्मचारी भविष्य निधि (Employee Provident Fund) अनिवार्य सेवानिवृत्ति बचत योजना है. इसका प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employee Provident Fund Organization) करता है. इसे खोलने के लिए कर्मचारी को कहीं जाने की जरूरत नहीं है. जब वह पहली बार किसी कंपनी में काम करता है तो उस कंपनी की तरफ से ही पीएफ खाता (PF Account) खुलवाया जाता है. इसमें कंपनी हर महीने कर्मचारी के मूल वेतन (Basic Salary) का 12 फीसदी काटकर जमा करती है और खुद भी अधिकतम 12 फीसदी उस कर्मचारी के पीएफ खाते में डालती है. इस पूरे पैसे पर सालाना ब्याज (Interest on PF Account) दिया जाता है.
भविष्य निधि खाते (PF Account) में जमा राशि को तीन भागों में बांटा गया है. सबसे पहले वह कंपनी जो आपकी बेसिक सैलरी से (12 फीसदी) काटकर जमा करती है. दूसरा, कंपनी भी अपनी ओर से उतनी ही राशि यानी 12 फीसदी आपके पीएफ खाते (Employers’ Contribution) में जमा करती है. कंपनी की जमा राशि को दो भागों में बांटा गया है. 12 फीसदी में से 3.67 फीसदी पीएफ अंशदान और 8.33 फीसदी पेंशन फंड (Pension) में जमा है. आपके रिटायरमेंट के बाद आपके लिए पेंशन फंड से पेंशन शुरू होती है. पेंशन की राशि कितनी होगी, यह आपके पीएफ खाते में जमा राशि पर निर्भर करता है.
ज्यादातर लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा छोटी बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) में निवेश करते हैं. इन योजनाओं पर सरकार ब्याज देती है. मौजूदा समय में पीएफ पर ऐसी तमाम योजनाओं से ज्यादा ब्याज मिल रहा है. अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आप अपनी कमाई का कुछ हिस्सा पीएफ खाते के साथ-साथ स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में भी जमा कर सकते हैं. इतना ही ब्याज वीपीएफ के साथ-साथ पीएफ पर भी मिलता है. जैसे आपके मूल वेतन का कुछ हिस्सा आपके भविष्य निधि खाते में जाता है, वैसे ही आप अपने वेतन का कुछ और हिस्सा स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) में भी अपनी इच्छानुसार जमा कर सकते हैं.
वीपीएफ खाता सेवानिवृत्ति पर जोखिम मुक्त और हाई रिटर्न (Risk free high return) का विकल्प है. वीपीएफ खाता खोलने के लिए आपको अपनी कंपनी के मानव संसाधन या वित्त विभाग (HR/Finance Department) से अनुरोध करना होगा. वीपीएफ खाते में कंपनी का कोई योगदान नहीं है. इस खाते में आप अपनी सैलरी से जितनी राशि जमा करेंगे, उस पर आपको सालाना ब्याज मिलेगा. जमा राशि पर पीएफ जितना ही ब्याज मिलता है. फिलहाल इस पर सालाना ब्याज 8.65 फीसदी है.
सालाना 1.50 लाख रुपये तक की जमा राशि पर धारा-80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. इसमें जमा की गई रकम पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. नौकरी बदलने पर इसे PF Account की तरह आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) आपके आधार (Aadhaar) से लिंक होना चाहिए. यूएएन के लिए आप अपनी कंपनी के एचआर से संपर्क कर सकते हैं.
पीएफ में मूल वेतन का 12 फीसदी निकालने के बाद मासिक मूल वेतन का शेष 88 फीसदी अन्य भत्तों के साथ मिलता है. कर्मचारी चाहें तो वीपीएफ खाते में बेसिक सैलरी का बचा हुआ 88 फीसदी और महंगाई भत्ता का 100 फीसदी तक जमा कर सकता है. आमतौर पर साल में दो बार VPF में जमा की जाने वाली राशि में बदलाव कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको अपनी कंपनी के एचआर/वित्त विभाग से ही संपर्क करना होगा.
वीपीएफ अकाउंट निवेश विकल्प है, जिसमें आपके रिटायरमेंट के बाद आपको ब्याज के साथ एकमुश्त पैसा मिलता है. हालांकि, कुछ परिस्थितियों में नौकरी छोड़ने के बाद और नौकरी के दौरान भी PF के नियमों के मुताबिक ही VPF का पैसा निकाला जा सकता है.
नौकरी छूटने पर: अगर आपकी नौकरी छूट गई है और आप एक महीने से बेरोजगार हैं तो आप अपने वीपीएफ खाते से 75 फीसदी राशि निकाल सकते हैं. शेष 25 फीसदी नौकरी छूटने के दो महीने बाद वापस लिया जा सकता है. अगर आपने वीपीएफ में 5 साल से कम का योगदान दिया है तो आपको निकाली गई राशि पर टैक्स देना होगा.
शादी के लिए: अगर आप अपने बच्चे, भाई/बहन या अपनी शादी के लिए वीपीएफ से पैसा निकालना चाहते हैं तो 50 फीसदी रकम निकाल सकते हैं. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि आपने नौकरी करते हुए 7 साल पूरे कर लिए हों यानी 7 साल से VPF खाते में पैसा जमा किया जा रहा है.
उच्च शिक्षा: आप अपने या अपने बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए वीपीएफ खाते से ब्याज सहित 50 फीसदी राशि निकाल सकते हैं. इसके लिए भी काम करते हुए कम से कम 7 साल पूरे करना जरूरी है. हालांकि, उच्च शिक्षा से संबंधित दस्तावेज पेश करने होंगे.
आपात चिकित्सा: अगर आप अपने, जीवन साथी, बच्चों या माता-पिता के इलाज के लिए पैसा चाहते हैं, तो आप अपने मूल वेतन का 6 गुना या वीपीएफ की पूरी राशि में जो भी कम हो, निकाल सकते हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि नौकरी कितनी पुरानी है.
घर खरीदने के लिए: अगर आप घर खरीदना या बनवाना चाहते हैं तो आपकी बेसिक सैलरी का 36 गुना तक और अगर आप जमीन खरीदना चाहते हैं तो VPF Account से 24 गुना तक बेसिक सैलरी निकाली जा सकती है. इसके लिए जरूरी है कि आपने नौकरी करते हुए कम से कम 5 साल पूरे कर लिए हों.
ईपीएफओ ग्राहकों को बिना किसी प्रीमियम के बीमा योजना चुनने की सुविधा भी देता है. यह योजना कर्मचारी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI Scheme) या ईडीएलआई योजना, 1976 के तहत प्रदान की जाती है, जो एक व्यक्ति को 7 लाख रुपये तक का लाभ लेने की अनुमति देती है.
ऑनलाइन बैलेंस चेक करने के लिए आप EPFO की वेबसाइट epfindia.gov.in पर लॉगइन कर ई-पासबुक (E-Passbook) पर क्लिक करें. इसके बाद नया पेज passbook.epfindia.gov.in खुलेगा. यहां आप अपना यूजर नाम (UAN), पासवर्ड और कैप्चा भरें. इसके बाद एक नया पेज खुलेगा. यहां मेंबर आईडी सेलेक्ट करें. यहां आपको E-Passbook पर अपना EPF Balance दिखेगा.
अपना उमंग ऐप (Unified Mobile Application for New-age Governance) ओपन करें और EPFO पर क्लिक करें. अब आप किसी और पेज पर एम्प्लोई-सेंट्रिक सर्विस (employee-centric services) पर क्लिक करें. यहां आप ‘View Passbook’ पर क्लिक करें. इसके साथ आप अपना UN नंबर और पासवर्ड (OTP) नंबर फिल करें. OTP आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आ जाएगा. इसके बाद आप अपना PF बैलेंस चेक कर सकते हैं.
अगर आपका UAN नंबर EPFO के पास रजिस्टर्ड है तो आप अपने PF के बैलेंस की सभी डिटेल्स मैसेज के जरिए भी ले सकते हैं. इसके लिए आपको 7738299899 पर EPFOHO लिखकर भेजना होगा. इसके बाद आपको PF की सारी डिटेल्स मैसेज के जरिये मिल जाएगी. हिंदी में जानकारी चाहिए तो EPFOHO UAN लिखकर भेजना होगा. पीएफ बैलेंस जानने की ये सेवा अंग्रेजी, पंजाबी, मराठी, हिंदी, कन्नड़, तेलगू, तमिल, मलयालम और बंगाली में मिल रही है. पीएफ बैलेंस के लिए जरूरी है कि आपका UAN, बैंक अकाउंट, पैन (PAN) और आधार (AADHAR) से लिंक होना जरूरी है.