10 प्वाइंट में समझिये कैसे होती है रुपये की छपाई

भारतीय रुपये की छपाई केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के आदेश पर होती है. इसके लिए सरकार का अपना सरकारी प्रिंटिंग प्रेस(SMPCIL) है.

देवास, नासिक, सालबोनी और मैसूर ये चार ऐसे जगह हैं, जहां नोटों की छपाई का काम होता है.

देवास मध्य प्रदेश में पड़ता है. वहां एक वर्ष में 265 करोड़ रुपये के नोट छपते हैं.

रुपये को बनाने के लिए आरबीआई कपास का इस्तेमाल करता है, क्योंकि कागज की तुलना में इसकी उम्र अधिक होती है.

भारत के अलावा दुनिया के कई देश नोट छापने के लिए कपास का इस्तेमाल करते हैं.

नोट प्रिंटिंग में इस्तेमाल होने वाले इंक को स्विट्जरलैंड की एक कंपनी बनाती है, जो कई प्रकार की होती है. 

अब भारत के देवास बैंकनोट प्रेस में भी स्याही तैयार की जाने लगी है, जिसे ऑफसेट स्याही कहा जाता है.

भारतीय करेंसी पर कुल 17 भाषाएं प्रिंट होती हैं, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी भी शामिल हैं.

अभी भारत में  10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 रुपये के नोट चलन में हैं.

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