




यहां ट्रेडर शेयर खरीदता नहीं बल्कि ब्रोकर से उधार लेता है.


वही शेयर बाजार बंद होने तक वो वापस ब्रोकर को कमीशन के साथ लौटा देता है.

मान लीजिए कि ट्रेडर ने 200 रुपये पर 10 शेयर ब्रोकर से उधार लिए.
ट्रेडर ने 150 रुपये पर स्ट्राइक रखी और वहां पहुंचते ही शेयर बेच दिया.
इस तरह से उसे टोटल 500 रुपये (2000-1500) का लाभ हुआ.
अब इसमें से कुछ हिस्सा वो कमीशन के तौर पर ब्रोकर को दे देगा.
लेकिन शेयर अगर 50 रुपये ऊपर चला गया तो ट्रेडर को तगड़ी चपत लगेगी.
उसे 500 रुपये का नुकसान तो होगा ही साथ में कमीशन भी चुकाना पड़ेगा.
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