'जिस विकेट पर 350 रन बने, वो अच्छी...बाकी?' भारतीय पिचों को 'औसत' रेटिंग देने को लेकर ICC पर भड़के द्रविड़
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भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप 2023 में जिन 4 वेन्यू पर अपने मुकाबले खेले हैं, उनमें से दो-चेन्नई और अहमदाबाद की पिच को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने 'औसत' रेटिंग दी है. लेकिन टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ इससे भड़क गए हैं. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से पहले कहा कि मैं निश्चित रूप से अहमदाबाद और चेन्नई के विकेट को दी गई औसत रेटिंग से सम्मानपूर्वक असहमत होऊंगा. मुझे लगता है कि वे अच्छे विकेट थे.

नई दिल्ली. टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ वर्ल्ड कप 2023 में भारतीय पिचों की रेटिंग को लेकर आईसीसी पर भड़क गए हैं. आईसीसी ने पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहमदाबाद और चेन्नई में हुए भारत के मैच में इस्तेमाल की गई पिचों को आईसीसी ने ‘औसत’ रेटिंग दी थी. द्रविड़ आईसीसी के इस फैसले से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उन्होंने इस पर अपनी असहमति जताई है. द्रविड़ ने कहा कि वनडे में केवल चौके-छक्कों की बरसात नहीं होनी चाहिए, बल्कि गेंदबाजों को भी अपना कौशल दिखाने का मौका मिलना चाहिए.
राहुल द्रविड़ ने भारत-न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीसी के भारतीय पिचों को औसत रेटिंग देने से जुड़े सवाल पर कहा, “मैं यकीनन उन दो वेन्यू की पिच के लिए दी गई औसत रेटिंग से सम्मानपूर्वक असहमत होऊंगा. मुझे लगता है कि दोनों विकेट बहुत अच्छे थे. अगर आप केवल 350 रन का मैच देखना चाहते हैं और केवल उन्हीं विकेटों को अच्छी रेटिंग देना चाहते हैं, तो मैं इससे सहमत नहीं हूं. मुझे लगता है कि आपको मैच में अलग-अलग स्किल को देखना होगा. द्रविड़ ने खेल के अलग-अलग पहलू की अहमियत बताई, जैसे स्ट्राइक रोटेट करने की काबिलियत, स्पिन गेंदबाजों की क्वालिटी.”
वनडे सिर्फ चौके-छक्के का खेल नहीं: द्रविड़
द्रविड़ ने आगे कहा, “बात इस बारे में नहीं है कि हम केवल चौके और छक्के लगते देखना चाहते हैं. इसके लिए हमारे पास टी20 क्रिकेट है, जहां विकेट रनों से भरपूर होते हैं. हमने पुणे और दिल्ली में मैच खेले जहां 350 रन वाली पिच थी. वनडे क्रिकेट में अलग तरह की स्किल की ज़रूरत होती है, जिन्हें खिलाड़ियों को अपने भीतर तैयार करना होता है. स्ट्राइक को रोटेट करना और स्पिन को खेलने की कला खिलाड़ियों को आनी चाहिए. रवींद्र जाडेजा, मिचेल सैंटनर, ऐडम ज़ाम्पा की गेंदबाज़ी देखिए. केन विलियमसन के स्ट्राइक रोटेट करने की कला को देखिए और जिस तरह से विराट कोहली और के एल राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी की, यह सभी वैसी ही कलाएं हैं जिसकी मांग वनडे क्रिकेट आपसे करता है.”
द्रविड़ ने आगे कहा, “बात इस बारे में नहीं है कि हम केवल चौके और छक्के लगते देखना चाहते हैं. इसके लिए हमारे पास टी20 क्रिकेट है, जहां विकेट रनों से भरपूर होते हैं. हमने पुणे और दिल्ली में मैच खेले जहां 350 रन वाली पिच थी. वनडे क्रिकेट में अलग तरह की स्किल की ज़रूरत होती है, जिन्हें खिलाड़ियों को अपने भीतर तैयार करना होता है. स्ट्राइक को रोटेट करना और स्पिन को खेलने की कला खिलाड़ियों को आनी चाहिए. रवींद्र जाडेजा, मिचेल सैंटनर, ऐडम ज़ाम्पा की गेंदबाज़ी देखिए. केन विलियमसन के स्ट्राइक रोटेट करने की कला को देखिए और जिस तरह से विराट कोहली और के एल राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी की, यह सभी वैसी ही कलाएं हैं जिसकी मांग वनडे क्रिकेट आपसे करता है.”
‘पिच से अगर स्पिनर को मदद मिलती तो क्या बुराई’
द्रविड़ के मुताबिक, अगर पिच स्पिनर को मदद पहुंचाती या पिच में ऐसा कुछ होता है, जिससे गेंदबाज़ मैच में वापस आ जाते हैं तो इसमें गलत क्या है? सिर्फ़ इस आधार पर पिच को औसत बताना कहां तक सही है? हमें पिच को औसत और अच्छा बताने के लिए बेहतर मापदंड तलाशने की ज़रूरत है.
द्रविड़ के मुताबिक, अगर पिच स्पिनर को मदद पहुंचाती या पिच में ऐसा कुछ होता है, जिससे गेंदबाज़ मैच में वापस आ जाते हैं तो इसमें गलत क्या है? सिर्फ़ इस आधार पर पिच को औसत बताना कहां तक सही है? हमें पिच को औसत और अच्छा बताने के लिए बेहतर मापदंड तलाशने की ज़रूरत है.
बता दें कि भारत ने अहमदाबाद में पाकिस्तान को 42.5 ओवर में 191 रन पर समेट दिया था और फिर मैच 117 गेंद रहते जीत का लक्ष्य 3 विकेट पर हासिल कर लिया था. जबकि चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया को टीम इंडिया ने 49.3 ओवर में 199 रन पर ऑल आउट कर दिया था और 52 गेंद रहते 4 विकेट पर लक्ष्य हासिल कर लिया था.
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Saurabh Mishra
पत्रकारिता में 15 साल पूरे हो चुके हैं. देवी अहिल्या विश्व विद्यालय से मास्टर्स डिग्री. शुरुआत स्पोर्ट्स से हुई. पहले कुछ साल टीवी चैनलों के लिए काम किया. इस दौरान भारतीय क्रिकेट टीम की कई सीरीज कवर कीं. इसके ब...और पढ़ें
पत्रकारिता में 15 साल पूरे हो चुके हैं. देवी अहिल्या विश्व विद्यालय से मास्टर्स डिग्री. शुरुआत स्पोर्ट्स से हुई. पहले कुछ साल टीवी चैनलों के लिए काम किया. इस दौरान भारतीय क्रिकेट टीम की कई सीरीज कवर कीं. इसके ब... और पढ़ें
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