इस पेड़ के फल से तैयार होता है प्राकृतिक सिंदूर, जानें इसके बारे में रोचक तथ्य
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Natural Sindoor tree: मार्केट में मिलने वाला सिदूंर एक पेड़ के मदद से तैयार किया जाता है, लेकिम क्या आपको ये पहले पता था, चलिए जानते हैं आखिर कैसे नेचुरल सिंदूर को तैयार किया जाता है.
गिरिडीह. सिंदूर एक ऐसा चीज है, जिसे भारतीय बड़े ही आस्था के साथ मानते हैं. इस सिंदूर का उपयोग न सिर्फ सुहागिन महिलाएं, बल्कि हिन्दू धर्म में पूजा और लाल रंग के रूप में भी किया जाता है. ऐसे में आपको बता दें कि जो सिंदूर आप बाजार में पैकेट के रूप में खरीदते हैं. दरअसल, उसका पेड़ भी होता है. सुनकर चौंकिए मत! जी हां सिंदूर का पेड़ होता है, जहां से आप प्राकृतिक रूप में प्राप्त कर सकते हैं.
सिंदूर का पेड़ बहुत ही मुश्किलों से होता है. इसके लिए अलग तरह की मिट्टी और वातावरण की जरूरत होती है. यही वजह है कि अब सिंदूर का पेड़ देखने को नहीं मिलता है. लेकिन आपको बता दें कि जो आप मार्केट से पैकेट में सिंदूर खरीदते हैं. उसे इसी पेड़ के फल से तैयार किया जाता है. जानकारी के मुताबिक सिंदूर के पेड़ में फल पूरे साल नहीं बल्कि बरसात के बाद उसके फल आते हैं. हालांकि शुरुआत में इसका फल हरे रंग का होता है. जो बाद में पकने के बाद लाल हो जाता है. वहीं सिंदूर फल के अन्दर निकलने वाले दानों से तैयार किया जाता है.
फल के दानों से सिंदूर
जैसा कि आपने देखा कि फल के बीज को सिर्फ आप अपने हाथों में रगड़ते हैं, तो लाल रंग का निकलता है, जो बहुत ही चिकना और पतला होता है. हालांकि मार्केट में इसके फल के सूखे बीजों को पीसकर तैयार किया जाता है. पहले महिलाएं इसको पेड़ से तोड़कर प्राकृतिक रूप में ही लगाती थीं, लेकिन अब इस पेड़ की संख्या बहुत ही कम हो गई है. इसलिए लोग पैकेट वाले सिंदूर का उपयोग करते हैं. इसके बीज का उपयोग सिंदूर के अलावा लिपस्टिक, तिलक के साथ ही दवाइयों में भी उपयोग किया जाता है. इस पेड़ पर फल मात्र 2 महीने देखने को मिलते हैं. इसलिए इसकी कीमत 400 रुपए किलो तक है.
जैसा कि आपने देखा कि फल के बीज को सिर्फ आप अपने हाथों में रगड़ते हैं, तो लाल रंग का निकलता है, जो बहुत ही चिकना और पतला होता है. हालांकि मार्केट में इसके फल के सूखे बीजों को पीसकर तैयार किया जाता है. पहले महिलाएं इसको पेड़ से तोड़कर प्राकृतिक रूप में ही लगाती थीं, लेकिन अब इस पेड़ की संख्या बहुत ही कम हो गई है. इसलिए लोग पैकेट वाले सिंदूर का उपयोग करते हैं. इसके बीज का उपयोग सिंदूर के अलावा लिपस्टिक, तिलक के साथ ही दवाइयों में भी उपयोग किया जाता है. इस पेड़ पर फल मात्र 2 महीने देखने को मिलते हैं. इसलिए इसकी कीमत 400 रुपए किलो तक है.
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Anuj Singh
Anuj Singh serves as a Content Producer for Local 18 at News18, bringing over one years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology.He has worked as...और पढ़ें
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