जगह कम, लेकिन मुनाफा चाहिए तगड़ा! तो फिर इस नए फॉर्मूले से करें सीताफल की खेती
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Agency:Local18
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Sitafal Farming Success: बीड के रावसाहेब फफाल जैविक तरीके से सीताफल की खेती कर रहे हैं. उनकी खेती में बिना रसायन के उच्च उत्पादन हो रहा है, जिससे हर सीजन में तीन से साढ़े तीन लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है.

बीड: महाराष्ट्र के बीड जिले में सीताफल की खेती का महत्व दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. कम जगह में अधिक उत्पादन देने वाली यह खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. पहले किसान केवल पारंपरिक फसलों पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब कई किसान पारंपरिक फसलों के साथ सीताफल की खेती भी कर रहे हैं. खासकर जैविक किसानों की सफलता की कहानियां सामने आ रही हैं. बीड़ जिले के रावसाहेब फफाल एक ऐसे किसान हैं, जो जैविक तरीके से सीताफल की खेती करते हैं.
सीताफल खेती की सफलता की कहानी
रावसाहेब फफाल पिछले चार-पांच सालों से अपने खेत में सीताफल की खेती कर रहे हैं और उन्होंने कभी भी रासायनिक उर्वरकों या कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया. वे अपने खेतों में घर पर बने जैविक बायोसाइड्स का छिड़काव करते हैं और गोबर का उपयोग करके मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाते हैं. जैविक विधि ने उनकी खेती की लागत को कम कर दिया है और उत्पादन संतोषजनक है. इस कारण से, वे खेतों में अधिक उत्पादन कर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं.
रावसाहेब फफाल पिछले चार-पांच सालों से अपने खेत में सीताफल की खेती कर रहे हैं और उन्होंने कभी भी रासायनिक उर्वरकों या कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया. वे अपने खेतों में घर पर बने जैविक बायोसाइड्स का छिड़काव करते हैं और गोबर का उपयोग करके मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाते हैं. जैविक विधि ने उनकी खेती की लागत को कम कर दिया है और उत्पादन संतोषजनक है. इस कारण से, वे खेतों में अधिक उत्पादन कर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं.
सीताफल की खेती की तकनीक
सीताफल की खेती के लिए सूखा और गर्म मौसम अनुकूल होता है. 30 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान और 500 से 750 मिमी वर्षा वाले क्षेत्र इसके लिए उपयुक्त माने जाते हैं. सीताफल किसी भी मिट्टी में उग सकता है, लेकिन हल्की, दोमट और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में इसका उत्पादन बेहतर होता है.
सीताफल की खेती के लिए सूखा और गर्म मौसम अनुकूल होता है. 30 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान और 500 से 750 मिमी वर्षा वाले क्षेत्र इसके लिए उपयुक्त माने जाते हैं. सीताफल किसी भी मिट्टी में उग सकता है, लेकिन हल्की, दोमट और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में इसका उत्पादन बेहतर होता है.
रावसाहेब फफाल अपनी सीताफल की खेती से एक सीजन में लगभग तीन से साढ़े तीन लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. जैविक विधि के उपयोग से उत्पादन लागत कम हो जाती है और इसलिए लाभ अधिक होता है. यही कारण है कि किसान पारंपरिक फसलों के साथ सीताफल की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
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Abhay Pandey
Abhay Pandey serves as a Content Producer for the AI Team at News18, bringing over three years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, agriculture, food, and health. A nati...और पढ़ें
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