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UP News: जहां मुकदमा था दर्ज...उसी थाने में 35 सालों से नाम बदलकर नौकरी कर रहा था गैंगस्टर, पुलिस के उड़े होश

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UP News: आजमगढ़ में पिछले 35 साल से एक गैंगस्टर फर्जी तरीके से होमगार्ड की नौकरी कर रहा था. जबकि उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती तक के मामले दर्ज थे. सितंबर 1989 में होमगार्ड के पद पर भर्ती हुआ नकदू अपनी पहचान छिपाकर नंदलाल बना हुआ था. तब से लेकर 2024 तक जिले के रानी की सराय और मेंहनगर थाने में नौकरी करता रहा.

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आजमगढ़: जिले में पिछले 35 साल से एक गैंगस्टर होमगार्ड के पद पर तैनात था. जिसे आजमगढ़ की पुलिस ने कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया. जांच में फर्जीवाड़ा की पुष्टि होने पर पुलिस ने रानी की सराय थाने में उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर किया गया है. दरअसल आरोपी नकदू, नंदलाल बनकर थाना रानी की सराय में होमगार्ड के पद पर तैनात था. मामले का खुलासा तब हुआ जब आरोपी के भतीजे की शिकायत पर तत्कालीन डीआईजी वैभव कृष्ण के द्वारा मामले की जांच की गई.

भतीजे की शिकायत के बाद मामला आया सामने

आरोपी नकदू के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती के कई मामले दर्ज थे. सितंबर 1989 से लेकर 2024 तक जिले के रानी की सराय और मेंहनगर थाने में नौकरी कर रहा था, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी थी. जानकारी के मुताबिक आरोपी नकदू के भतीजे ने उसके खिलाफ तीन दिसंबर को डीआईजी वैभव कृष्ण से शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि चाचा 35 साल से फर्जी तरीके से होमगार्ड की नौकरी कर रहे हैं. इस पर डीआईजी ने जांच के आदेश दिए. जांच में सामने आया कि रानी की सराय थाना क्षेत्र के चकवारा निवासी नकदू पर 1984 में हत्या और साक्ष्य छुपाने का मुकदमा भी दर्ज हुआ था.
कई तरह के अपराधिक मुकदमे हैं दर्ज

जांच में यह भी सामने आया कि नकदू ने 1984 में जहानागंज थाना क्षेत्र के रहने वाले मुन्ना यादव की रंजिश में गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद नकदू पर 1987 में डकैती का मुकदमा भी दर्ज हुआ था जिसके बाद नकदू पर 1988 में गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी. इसकी हिस्ट्रीशीट खोलने पर सामने आया कि नकदू यादव कक्षा चार तक गांव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ा है. कक्षा आठ का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर वर्ष 1989 में होमगार्ड की नौकरी हासिल की. आरोपी नकदू ने नौकरी पाने के लिए अपनी पहचान भी बदल दी. 1990 के पहले तक आरोपी की पहचान नकदू यादव पुत्र लोकई यादव के रूप में थी.

हिस्ट्रीशीटर होने के बावजूद थाने से मिला चरित्र प्रमाणपत्र
1989 में आरोपी नकदू से नंदलाल बन गया. इसके बाद भी आरोपी ने सितंबर 1989 को होमगार्ड विभाग ज्वाइन कर लिया. मजे की बात तो ये है कि हिस्ट्रीशीटर होने के बाद भी तत्कालीन रानी की सराय थाने और लोकल इंटेलिजेंस की टीम के प्रभारियों ने आरोपी होमगार्ड के चरित्र प्रमाण पत्र पर सितंबर 1992 में हस्ताक्षर भी कर दिए. इस मामले में आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना में बताया कि रानी की सराय थाना क्षेत्र में एक फर्जीवाड़ा कर होमगार्ड की नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया था.

भेजा गया जेल
मामले की जांच हुई तो यह सही पाया गया. नकदू के खिलाफ रानी की सराय थाने में मुकदमे पंजीकृत है. उसके द्वारा कूट रचित दस्तावेज तैयार कर नाम में परिवर्तन किया गया था. पिछले 35 साल से वह मेहनगर थाने में नौकरी कर रहा था. उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है. उक्त आरोपी किस प्रकार से पुलिस को चकमा देकर नौकरी करता था. इसकी भी विभागीय जांच कराई जा रही है कि वह अब तक पुलिस की पकड़ में क्यों नहीं आया था. एसपी ने बताया कि आरोपी इस समय जेल में बंद है.
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35 सालों से नाम बदलकर नौकरी कर रहा था गैंगस्टर, पुलिस के उड़े होश
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