23 साल सैंडविच खाती रही महिला, गंभीर बीमारी हुई तो लत छुड़ाना हुआ मुश्किल, लेनी पड़ी एक्सपर्ट की मदद!
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ज़ो सैडलर ने 23 साल तक सिर्फ क्रिस्पी सैंडविच खाए. इससे उन्हें मल्टीपल स्केलेरोसिस हो गया. ऐसे में सैंडविच की लत को छुड़ाने के लिए उन्हें हिप्नोथेरेपी की मदद लेनी पड़ी. आखिर उन्होंने अपनी लत छोड़ी और अब वे सेहतमंद खाना खाती हैं. उनकी कहानी प्रेरणादायक है.

आज के दौर में लाइफस्टाइल समस्याएं बहुत बढ़ती जा रही हैं. लोगों में खान पान को लेकर बहुत सारी दिक्कतें हो रही हैं जो शुरू से ही खाने को लेकर लापरवाही बरतते देखे जाते हैं. डॉक्टर भी खान पान पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की पैरवी करते हैं. फास्ट फूड कल्चर ने खास तौर से दुनिया में सेहत संबंधी कई तरह की समस्याएं पैदा की हैं. एक महिला के साथ भी ऐसा ही हुआ क्योंकि उसने एक दो नहीं लगातार 23 साल तक क्रिस्पी सैंडविच खाया, लेकिन आखिर में उसे एक गंभीर बीमारी ने घेर लिया जिसके बाद उसे अपनी लत छुड़ाने के लिए खास तरह की थेरेपी करनी पड़ी!
सिर्फ सैंडविच खाने की आदत
आप शायद यकीन ना करें, ज़ो सैडलर नाम की एक महिला ने 23 साल तक सिर्फ चीज़-ऑनियन क्रिस्प सैंडविच खाए. यह उनकी रोज़मर्रा की आदत बन चुकी थी. वह बचपन से ही क्रिस्प खाती थीं. उनके माता-पिता बताते हैं कि ज़ो ने छोटी उम्र में दूसरा खाना खाने से मना कर दिया. वह सिर्फ क्रिस्प चूसकर खाती थीं.
आप शायद यकीन ना करें, ज़ो सैडलर नाम की एक महिला ने 23 साल तक सिर्फ चीज़-ऑनियन क्रिस्प सैंडविच खाए. यह उनकी रोज़मर्रा की आदत बन चुकी थी. वह बचपन से ही क्रिस्प खाती थीं. उनके माता-पिता बताते हैं कि ज़ो ने छोटी उम्र में दूसरा खाना खाने से मना कर दिया. वह सिर्फ क्रिस्प चूसकर खाती थीं.
एक गंभीर बीमारी
लेकिन आखिरकार वही हुआ जिसका की अंदेशा किसी को भी हो सकता है. उनकी यह आदत उनकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हुई. ज़ो को मल्टीपल स्केलेरोसिस नाम की गंभीर बीमारी हो गई. यह एक ऐसी बीमारी है जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. इसके बाद ज़ो ने सोचा कि उन्हें अपनी सेहत सुधारनी ही होगी.
लेकिन आखिरकार वही हुआ जिसका की अंदेशा किसी को भी हो सकता है. उनकी यह आदत उनकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हुई. ज़ो को मल्टीपल स्केलेरोसिस नाम की गंभीर बीमारी हो गई. यह एक ऐसी बीमारी है जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. इसके बाद ज़ो ने सोचा कि उन्हें अपनी सेहत सुधारनी ही होगी.
लत छुड़ाने के लिए आखिर जो को हिप्नोथेरेपी का सहारा लेना पड़ा. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
पर एक और दिक्कत थी ज़ो के साथ
ज़ो को सबसे पहले अपनी खाने की लत के छुटकारा पाना था. उन्होंने अपनी क्रिस्प की लत छुड़ाने के लिए हिप्नोथेरेपिस्ट डेविड किलमरे की मदद ली. डेविड ने पाया कि ज़ो को अवॉइडेंट/रेस्ट्रिक्टिव फूड इनटेक डिसऑर्डर है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति कुछ खास खाने तक सीमित रहता है. डेविड ने दो-दो घंटे के दो हिप्नोथेरेपी सेशन किए.
ज़ो को सबसे पहले अपनी खाने की लत के छुटकारा पाना था. उन्होंने अपनी क्रिस्प की लत छुड़ाने के लिए हिप्नोथेरेपिस्ट डेविड किलमरे की मदद ली. डेविड ने पाया कि ज़ो को अवॉइडेंट/रेस्ट्रिक्टिव फूड इनटेक डिसऑर्डर है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति कुछ खास खाने तक सीमित रहता है. डेविड ने दो-दो घंटे के दो हिप्नोथेरेपी सेशन किए.
अब सब कुछ खाने की चाह
इसके बाद ज़ो की आदत बदल गई. अब वे क्रिस्पी सैंडविच नहीं खातीं. वे अब स्वस्थ खाना खाती हैं. वह स्ट्रॉबेरी खाने का आनंद लेती हैं, रेस्तरां जाती हैं और करी खाने की कोशिश करना चाहती हैं. ज़ो कोवेंट्री में वेयरहाउस में काम करती हैं. उनकी इस बदलाव की कहानी प्रेरणादायक है.
इसके बाद ज़ो की आदत बदल गई. अब वे क्रिस्पी सैंडविच नहीं खातीं. वे अब स्वस्थ खाना खाती हैं. वह स्ट्रॉबेरी खाने का आनंद लेती हैं, रेस्तरां जाती हैं और करी खाने की कोशिश करना चाहती हैं. ज़ो कोवेंट्री में वेयरहाउस में काम करती हैं. उनकी इस बदलाव की कहानी प्रेरणादायक है.
अब चर्चित हो गई हैं ज़ो
डेविड का कहना है कि ज़ो ने बहुत कम समय में नए खाने को शांति से अपनाया. उन्होंने अपने ‘सुरक्षित’ खाने की सूची में फल और सब्जियां जोड़ीं. मल्टीपल स्केलेरोसिस की बीमारी के बाद सिर्फ क्रिस्प सैंडविच खाना उनके लिए खतरनाक था.” अब ज़ो की कहानी सोशल मीडिया पर चर्चा में है.
डेविड का कहना है कि ज़ो ने बहुत कम समय में नए खाने को शांति से अपनाया. उन्होंने अपने ‘सुरक्षित’ खाने की सूची में फल और सब्जियां जोड़ीं. मल्टीपल स्केलेरोसिस की बीमारी के बाद सिर्फ क्रिस्प सैंडविच खाना उनके लिए खतरनाक था.” अब ज़ो की कहानी सोशल मीडिया पर चर्चा में है.
ज़ो अब नई चीज़ें आज़माने के लिए उत्साहित हैं. वह धीरे-धीरे नए स्वाद सीख रही हैं. उनकी कहानी हमें प्रेरित करती है कि सेहत के लिए बदलाव करना ज़रूरी है. अगर आप भी एक ही तरह का खाना खाते हैं, तो यह विचार करना जरूरी है कि क्या आप अपने खाने में बदलाव ला सकते हैं? मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारी में स्वस्थ आहार बहुत जरूरी है. फल, सब्जियां, और संतुलित भोजन शरीर को मज़बूत रखते हैं. ज़ो ने हिप्नोथेरेपी की मदद से अपनी आदत बदली. यह दिखाता है कि सही मदद से कोई भी अपनी ज़िंदगी बदल सकता है.
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Vikas Sharma
As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training...और पढ़ें
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