शेर की तरह सांप की भी होती है 'मौसी', बिना नर के पैदा कर सकती है बच्चे! क्या आप जानते हैं नाम?
Agency:News18Hindi
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शेर (Lion) की ही तरह सांप (Snake) की भी 'मौसी' (Saanp ki Mausi) होती है. दिखने में ये सांप की ही तरह होती है मगर ये सांप जैसी जहरीली नहीं होती है. क्या आप इसका नाम जानते हैं?

क्या आप जानते हैं कि शेर (Sher ki Mausi) की ‘मौसी’ किसे कहा जाता है? चलिए हम आपको इस सवाल का जवाब देते हैं. बिल्ली (Cat) को शेर की मौसी (Mausi) कहते हैं. यूं तो इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है मगर कुछ पुरानी काल्पनिक कहानियों से बिल्ली को शेर की मौसी कहने का प्रचलन शुरू हुआ. कहानी ने शेर (Lion) अपने नवजात बच्चे को बिल्ली के पास हुनर सीखने के लिए भेजता है. बिल्ली सारे गुण सिखाती है बस पेड़ पर चढ़ने का गुण नहीं सिखाती और इसी तरह शेर से बिल्ली की जान बच पाती है. इसलिए बिल्ली को चालाक मौसी कहते हैं. मगर क्या आप जानते हैं कि शेर की ही तरह सांप (Snake) की भी ‘मौसी’ होती है?
जी हां, आपने सही पढ़ा, सांप की भी ‘मौसी’ (Saanp ki Mausi) होती है. हम बात कर रहे हैं सांप जैसे ही दिखने वाले एक जीव बभनी की. अंग्रेजी में स्किंक (Skink) के नाम से फेसम ये जीव सरीसृप यानी रेप्टाइल (Reptile) होते हैं. जैसे बिल्लियों को शेर की ‘मौसी’ कहे जाने के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है, वैसे ही बभनी को भी सांप की मौसी कहने के पीछे कोई वैज्ञानिक पहलु नहीं है. ऐसा इन्हें सिर्फ सांपों जैसे लुक के चलते कहा जाता है. दिखने में ये सांप और छिपकली (Lizard) की ही तरह होते हैं मगर इनके पास छोटे पैर भी होते हैं जो सांपों के पास नहीं हैं, यही एक चीज इन्हें सांपों की मौसी का दर्जा देती है. इनकी चमड़ी सांपों की तुलना में काफी चमकीली और सॉफ्ट होती है. बभनी मैदानों, घरों में आसानी से दिख जाती हैं मगर ये किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं. आपको बता दें कि ये जीव सांपों की तरह जहरीला नहीं होता है और काफी शर्मीला होता है इसलिए छिपकलियों के मुकाबले इन्हें छुपकर रहना पसंद है.
भारत में बभनी की 62 प्रजातियां हैं.
भारत में मौजूद हैं बभनी की 62 प्रजातियां
साल 2020 में जूओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( Zoological Survey of India) ने भारत में बभनियों की प्रजाति की पहचान करने का जिम्मा उठाया. ZSI के अनुसार वैज्ञानिकों ने भारत में बभनी की 62 प्रजातियों (62 species of skinks in India) का पता लगाया. इनमें से 57 फीसदी यानी करीब 33 प्रजातियां ऐसी हैं जो सिर्फ भारत में ही पाई जाती हैं. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से ये रिपोर्ट पिछले साल रिलीज की गई थी. भारत में ये पहली बार था जब स्किंक की प्रजाति पर कोई रिपोर्ट आई थी.
साल 2020 में जूओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( Zoological Survey of India) ने भारत में बभनियों की प्रजाति की पहचान करने का जिम्मा उठाया. ZSI के अनुसार वैज्ञानिकों ने भारत में बभनी की 62 प्रजातियों (62 species of skinks in India) का पता लगाया. इनमें से 57 फीसदी यानी करीब 33 प्रजातियां ऐसी हैं जो सिर्फ भारत में ही पाई जाती हैं. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से ये रिपोर्ट पिछले साल रिलीज की गई थी. भारत में ये पहली बार था जब स्किंक की प्रजाति पर कोई रिपोर्ट आई थी.
बिना नर के भी पैदा कर सकती है बच्चे!
बभनी से जुड़ी एक सबसे रोचक बात ये है कि इसे बच्चे पैदा करने के लिए नर की जरूरत नहीं पड़ती है. कनाडा की मैक्वायर यूनिवर्सिटी (Macquarie University) में हुए एक शोध में ये पाया गया कि मादा बभनी अपने शरीर में नर के साथ प्रजनन (Reprodution) के बाद स्पर्म जमा (Female skinks store sperm) कर लेती है. इसी जमा किए हुए स्पर्म के जरिए वो एक साल से भी ज्यादा वक्त के बाद बिना नर के साथ प्रजनन के बच्चे पैदा कर सकती है. ये रिसर्च जर्नल ऑफ हेरिडिटी (Journal of Heredity) में छपी थी. डलहाउजी यूनिवर्सिटी के डिपार्मेंट ऑफ बायोलॉजी (Dalhousie University’s Department of Biology) की डॉ. जुलिया रीले (Dr. Julia Riley) ने बताया कि अपने पेयर के बाहर अगर कोई मादा बभनी प्रजनन करती है तो उसका पार्टनर उसे हमेशा के लिए छोड़ सकता है. इसी वजह से मादा बभनी किसी दूसरे नर के साथ संबंध नहीं बनाती है. यही वजह है कि वो अपने अंदर स्टोर किए हुए स्पर्म की मदद से बिना नर के भी बच्चे पैदा कर सकती है.
बभनी से जुड़ी एक सबसे रोचक बात ये है कि इसे बच्चे पैदा करने के लिए नर की जरूरत नहीं पड़ती है. कनाडा की मैक्वायर यूनिवर्सिटी (Macquarie University) में हुए एक शोध में ये पाया गया कि मादा बभनी अपने शरीर में नर के साथ प्रजनन (Reprodution) के बाद स्पर्म जमा (Female skinks store sperm) कर लेती है. इसी जमा किए हुए स्पर्म के जरिए वो एक साल से भी ज्यादा वक्त के बाद बिना नर के साथ प्रजनन के बच्चे पैदा कर सकती है. ये रिसर्च जर्नल ऑफ हेरिडिटी (Journal of Heredity) में छपी थी. डलहाउजी यूनिवर्सिटी के डिपार्मेंट ऑफ बायोलॉजी (Dalhousie University’s Department of Biology) की डॉ. जुलिया रीले (Dr. Julia Riley) ने बताया कि अपने पेयर के बाहर अगर कोई मादा बभनी प्रजनन करती है तो उसका पार्टनर उसे हमेशा के लिए छोड़ सकता है. इसी वजह से मादा बभनी किसी दूसरे नर के साथ संबंध नहीं बनाती है. यही वजह है कि वो अपने अंदर स्टोर किए हुए स्पर्म की मदद से बिना नर के भी बच्चे पैदा कर सकती है.
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