महिलाओं की अंडरवियर में क्यों होती है खुफिया जेब? औरतों को भी नहीं पता होगा इसका महत्वपूर्ण काम
Agency:News18Hindi
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महिलाओं की अंडरवियर के अंदर लगने वाली खुफिया जेब (Secret Pocket in Women's Underwears) असल में जेब का काम नहीं करती. अंडरवियर के निचले भाग में अलग से एक ऐसा कपड़ा लगाया जाता है जो ज्यादा नमी को सोखे. अक्सर ये कपड़ा कॉटन का बना होता है. इससे प्राइवेट अंग जल्दी सूख जाते हैं और पर्याप्त हवा शरीर के निचले हिस्से तक पहुंचती है जिससे दाद या स्किन से जुड़ी कोई अन्य समस्या होने का खतरा कम हो जाता है.

इंसानों के पहनने के लिए जो कपड़े बनाए जाते हैं उनका निर्माण डिजाइन और स्टाइल के अलावा आराम और स्वच्छता तो भी ध्यान में रखकर किया जाता है. इसलिए हमारे कपड़ों में नजर आने वाली छोटी-मोटी चीजों के पीछे भी कई कारण छुपे होते हैं जो कई बार हमें नहीं पता होते. ऐसा ही एक वस्त्र है अंडरवियर. महिलाओं ने गौर किया होगा कि उनकी अंडरवियर के अंदर एक खुफिया जेब (Small Pocket Inside Ladies Underwear) बनी होती है. कई लोग सोचते हैं कि अंडरवियर में जेब (Use of Pocket in Ladies knickers) का क्या काम है. चलिए हम आपको इसका कारण बताते हैं.
महिलाओं का प्राइवेट पार्ट ऐसा हिस्सा जहां बहुत जल्द ही इंफेक्शन हो सकता है. इसलिए अंडरवियर को इस हिसाब से बनाया जाता है कि उन्हें पहनने में ना ही असुविधा हो और ना ही उनके स्वास्थ (Underwear Pocket for Hygiene) पर बुरा प्रभाव पड़े. अंडरवियर के अंदर लगने वाली खुफिया जेब (Secret Pocket in Women’s Underwears) असल में जेब का काम नहीं करती. अंडरवियर के निचले भाग में अलग से एक ऐसा कपड़ा लगाया जाता है जो ज्यादा नमी को सोखे. अक्सर ये कपड़ा कॉटन का बना होता है. इससे प्राइवेट अंग जल्दी सूख जाते हैं और पर्याप्त हवा शरीर के निचले हिस्से तक पहुंचती है जिससे दाद या स्किन से जुड़ी कोई अन्य समस्या होने का खतरा कम हो जाता है.
इंफेक्शन रोकने के लिए बनाया जाता है पॉकेट. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Youtube/Cleverly)
पुरुषों की अंडरवियर में भी होता है ऐसा कपड़ा
ये कपड़ा नमी सोखता है जिससे इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है. दूसरी ओर सिंथेटिक से बनी अंडरवियर कपड़े और स्किन के बीच के घर्षण को कम नहीं करती इसलिए घाव होने का खतरा तो बढ़ता ही है, साथ में प्राइवेट पार्ट की नमी जल्द नहीं खत्म होती जिससे स्किन से जुड़ी समस्याएं होने का डर बढ़ जाता है. इसलिए सिंथेटिक अंडरवियर में भी कॉटन का एक जेबनुमा कपड़ा लगाया जाता है. पुरुषों की अंडरवियर में भी कई बार पी-होल के ऊपर एक अलग से कपड़ा लगा होता है जो महिलाओं के अंडरवियर में बने पॉकेट का काम करता है. ये प्राइवेट पार्ट को आराम देता है और इंफेक्शन से भी बचाता है.
ये कपड़ा नमी सोखता है जिससे इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है. दूसरी ओर सिंथेटिक से बनी अंडरवियर कपड़े और स्किन के बीच के घर्षण को कम नहीं करती इसलिए घाव होने का खतरा तो बढ़ता ही है, साथ में प्राइवेट पार्ट की नमी जल्द नहीं खत्म होती जिससे स्किन से जुड़ी समस्याएं होने का डर बढ़ जाता है. इसलिए सिंथेटिक अंडरवियर में भी कॉटन का एक जेबनुमा कपड़ा लगाया जाता है. पुरुषों की अंडरवियर में भी कई बार पी-होल के ऊपर एक अलग से कपड़ा लगा होता है जो महिलाओं के अंडरवियर में बने पॉकेट का काम करता है. ये प्राइवेट पार्ट को आराम देता है और इंफेक्शन से भी बचाता है.
महिलाओं के अंडरवियर में क्यों होती है बो?
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर ये भी सवाल काफी ट्रेंड में था कि महिलाओं की अंडरवियर में बो क्यों लगी होती है. रेडिट पर दिए एक जवाब के अनुसार पहले के समय में इस बो (Bow on Ladies Underwear and Bra) की वजह से लोगों को पैंटी का सीधा-उलटा समझ आता था. इसकी वजह से जल्दी में पैंटी पहनने में आसानी होती थी.
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर ये भी सवाल काफी ट्रेंड में था कि महिलाओं की अंडरवियर में बो क्यों लगी होती है. रेडिट पर दिए एक जवाब के अनुसार पहले के समय में इस बो (Bow on Ladies Underwear and Bra) की वजह से लोगों को पैंटी का सीधा-उलटा समझ आता था. इसकी वजह से जल्दी में पैंटी पहनने में आसानी होती थी.
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