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1.56 सेकेंड में हवा से बातें करने लगता है ये झूला, कई लोगों की तोड़ चुका है हड्डियां! अस्थायी रूप से हुआ बंद

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दुनिया का सबसे तेज गति से एक्सिलेरेट करने वाला रोलर कोस्टर (Fastest Accelerating Roller Coaster) अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. इस झूले पर बैठने वाले लोगों की हाल ही में हड्डियां (Bones) भी टूट चुकी हैं. अब इंजिनियर इसके पीछे कि वजह ढूंढ रहे हैं कि लोग घायल क्यों हो रहे हैं.

1.56 सेकेंड में हवा से बातें करने लगता है ये झूला, अस्थायी रूप से हुआ बंदझूलने पर राइड करने वाले कुछ लोगों की हड्डियां टूट चुकी हैं. इंजिनियर अब पता लगाने में जुट गए हैं कि हादसे क्यों हो रहे हैं. (फोटो: Instagram/@thecoasterchannel)
अपने जीवन में आप किसी एडवेंचर पार्क (Adventure Park) में तो जरूर गए होंगे. जो लोग नहीं गए उन्हें बता दें कि एडवेंचर पार्क एक ऐसा पार्क होता है जहां लोगों के रोमांच के लिए अलग-अलग प्रकार के झूले लगे होते हैं. इनमें से कुछ झूले बेहद डरवाने और खतरनाक होते हैं. वो इसलिए कि इन झूलों की रफ्तार इतनी तेज होती है कि अगर आप इन पर बैठ गए तो आप को चक्कर आना तय है. मगर जिस रोलर कोस्टर (Roller Coaster) झूले की हम बात करने जा रहे हैं वो सिर्फ चक्कर तक ही सीमित नहीं है. इस खतरनाक झूले पर सवार होने वाले लोगों के शरीर की हड्डियां (Bones) भी इसपर बैठने के कारण टूट चुकी हैं. इस वजह से इस झूले को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.

2001 से शुरू हुआ था झूला
जापान (Japan) के फूजी क्यू हाईलैंड पार्क (Fuji-Q Highland Park) में एक रोलर कोस्टर झूला है जिसका नाम डू-डोडोनपा (Do-Dodonpa). रोलर कोस्टर पूरी दुनिया में कम वक्त में तेज गति हासिल कर लेने के लिए फेमस है. ये दुनिया के सबसे तेज चलने वाले रोलर कोस्टर्स (Fastest Roller Coasters) की लिस्ट में शुमार है. मगर इस झूले को अस्थायी रूप से बंद (Temporarily Closed) कर दिया गया है. रोलर कोस्टर को बंद करने का कारण ये है कि इसकी गति ज्यादा होने के कारण पिछले कुछ ही महीनों में कई लोगों की हड्डियां इसपर बैठने के चलते टूट चुकी हैं. किसी के गले की हड्डी तो किसी के पीठ की हड्डी झूले ने तोड़ दी है. आपको बता दें कि ये रोलर कोस्टर 2001 से चल रहा है. झूले पर बैठने का अनुभव बेहद रोमांचक होता है मगर तेज गति से डरने वालों के लिए ये राइड बेहद खतरनाक हो सकती है.
बेहद कम वक्त में छू लेता है टॉप स्पीड
आपको बता दें कि ये रोलर कोस्टर दुनिया में सबसे तेज एक्सिलेरेट (Accelerate) करने के लिए फेमस है. यानी ये झूला 0 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार महज 1.56 सेकेंड में हासिल कर सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस झूले पर बैठने से पिछले साल दिसंबर तक एक भी हादसा दर्ज नहीं किया गया था. मगर उसके बाद से ही लोगों के घायल होने की खबरें आने लगीं. अब तक लोगों के घायल होने के 6 मामले सामने आए हैं जिसमें से 4 लोगों के गर्दन की हड्डी और पीठ की हड्डी टूट गई है. पहले इस झूले की टॉप स्पीड 172 किलोमीटर प्रति घंटे थी मगर 2017 में टॉप स्पीड को बढ़ाया गया क्योंकि झूले पर कभी कोई हादसा नहीं हुआ था. मगर पिछले साल से ही जब हादसों की खबर आने लगी तो इस बात नें प्रशासन को चिंतित कर दिया. इस वजह से इसी महीने पार्क के प्रशासन ने झूले को अस्थायी रूप से बंद कर दिया और अब जांच में लगे हैं कि आखिर ऐसे मामले क्यों बढ़ रहे हैं.

इंजिनियर ढूंढ रहे हैं हादसों का कारण
सांसेई टेक्नोलॉजी, जिसने इस झूले का निर्माण किया था, उन्होंने इन हादसों के बाद घायलों से माफी भी मांगी मगर वो अबतक कोई कारण नहीं बता पाए हैं कि आखिर पिछले कुछ वक्त में ऐसा क्या गलत हो रहा है कि झूले पर बैठने से लोगों की हड्डियां टूट जा रही हैं. कुछ इंजिनियर्स का कहना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है कि झूले का एक्सिलेरेशन यानी तेज गति पकड़ने का दर इतना ज्यादा है कि उससे लोगों की हड्डियां टूट जा रही हैं. मगर इस बात को नकार दिया गया क्योंकि दिसंबर से पहले भी एक्सिलेरेशन इतना ही था लेकिन तब कोई हादसे नहीं घट रहे थे. जानकारों ने एक वजह लोगों के बैठने के तरीके को भी बताया. उनके अनुसार लोग अगर टेढ़े होकर बैठेंगे तो उनकी पीठ और झूले की सीट के बीच में जगह खाली रहेगी. इस वजह से गर्दन टूटने का खतरा बन सकता है. अब वजह ढूंढने पर शोध जारी है.
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