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शोरूम से उठा ले आएंगे खराब कार, फुल पैसा देने के बाद भी मिलेगा धोखा, डिलीवरी लेने से पहले जरूर करें कार की PDI

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एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि आप कार की पूरी कीमत का भुगतान पहले ही कर देते हैं तो ऐसे में डीलर मौके का फायदा उठाकर खराब कार आपके नाम पर रजिस्टर कर सकता है.

नई कार खरीदने जा रहे हैं? तो डिलीवरी के पहले जरूर करें PDI, नहीं खाएंगे धोखा!कार की डिलीवरी लेने से पहले प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन जरूर करना चाहिए. (Image: Canva)
Car Pre-Delivery Inspection: नई कार खरीदने की खुशी अलग ही होती है. कार की डिलीवरी वाले दिन पूरी फैमिली इंतजार करती है कि कब आप जल्दी से नई कार को घर ले आएं. लेकिन आपको निराशा तब होती है जब यह पता चलता है कि आपने जो नई नवेली कार खरीदी है उसमें कई तरह की गड़बड़ियां है और उसके कई पार्ट्स ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे है. ऐसे में आपको इस बात का अहसास होता है कि शायद आपने कार की डिलीवरी लेने से पहले उसे चेक कर लिया होता तो ये प्रॉब्लम आती ही नहीं.

कई डीलर कार बिक जाने के बाद ग्राहक की परेशानियों से पल्ला झाड़ लेते हैं. ऐसे में कई लोग कार खरीदने के बाद उसे ठीक करवाने के लिए डीलरशिप के चक्कर लगाते रहते हैं लेकिन फिर भी उनकी परेशानी का हल नहीं निकलता. एक्सपर्ट्स का मानना है कि नई कार की डिलीवरी लेते समय हमें उसकी PDI (प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन) जरूर करना चाहिए. इससे कार ग्राहक कई परेशानियों से बच सकते हैं.
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क्या है PDI और इसका क्या है फायदा?
प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) यानी, कार की डिलीवरी लेने से पहले उसे अच्छी तरह जांचना. आमतौर पर डिलीवरी लेने के पहले ग्राहक PDI इसलिए करते हैं ताकि पता लगाया जा सके कि कार में कोई समस्या तो नहीं है. इसे नई कार की डिलीवरी लेने से पहले का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्टेप माना जाता है. एक्सपर्ट्स की सलाह मानें तो, डीलरशिप से नई या सेकेंड हैंड कार खरीदते समय PDI करने के बाद ही पूरे पैसों का भुगतान करना चाहिए. इससे ग्राहक पैसे देकर खराब कार खरीदने से बच सकते हैं.
प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) करते समय कार के इंटीरियर और एक्सटीरियर के सभी पार्ट्स जैसे हेडलाइट, टर्न इंडिकेटर, इंजन, डैशबोर्ड, स्विच, ऐसी, लाइट्स, विंडो आदि की टेस्टिंग की जाती है कि वो ठीक तरह से काम कर रहे हैं या नहीं. इसके अलावा आपको कार में डेंट, डैमेज, री-पेंटिंग, स्क्रैच आदि की जांच करनी चाहिए. आप अपनी उपस्थिति में इसे डीलर से चेक करने को कह सकते हैं या खुद भी जांच कर सकते हैं.

PDI के पहले न करें फुल पेमेंट
कई बार डीलर कार की फुल पेमेंट डिलीवरी से पहले करने के लिए ग्राहक पर दबाव बनाते हैं. कई डीलर इस बात का बहाना बनाते हैं कि यदि आप पूरी राशि का भुगतान पहले कर देंगे तो आपको कार समय से पहले डिलीवर कर दी जाएगी. एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि आप कार की पूरी कीमत का भुगतान पहले ही कर देते हैं तो ऐसे में डीलर मौके का फायदा उठाकर खराब कार आपके नाम रजिस्टर कर सकता है. हालांकि कार की कीमत की फुल कीमत का भुगतान करना या न करना आपकी चाॅइस पर भी निर्भर करता है.  इसलिए सलाह दी जाती है कि प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन में संतुष्ट होने के बाद ही गाड़ी की पूरी कीमत का भुगतान कराना चाहिए. यदि आपको कार में कुछ गड़बड़ी दिखाई देती है तो आप डीलर से उसे बदलने या उसे ठीक करने की बात कह सकते है.

डीलर से मांगें Form 22
आपको अपने नाम पर नई कार को रजिस्टर करवाने से पहले उसे डीलर के स्टॉक यार्ड में जाकर चेक करना चाहिए. यहां आप डीलर से कार के Form 22 (फॉर्म 22) की मांग कर सकते हैं. फॉर्म 22 में कार के मैन्युफैक्चरिंग ईयर, इंजन नंबर, चेसिस नंबर सहित कई जानकारियां होती हैं. इसे आप नई कार के डिटेल से मैच कर सकते हैं.
Form 22 पर एक और महत्वपूर्ण चीज होती है वो है VIN (व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर). यह 17 डिजिट का एक कोड होता है जिससे कार की मैन्युफैक्चरिंग, वारंटी सहित कई जानकारियां पता की जा सकती हैं. कार का VIN नंबर ड्राइवर साइड विंडस्क्रीन दरवाजे पर एक छोटे से स्टीकर में लिखा होता है. बेहतर होगा कि आप कार की डिलीवरी के दिन किसी एक्सपर्ट, दोस्त या रिश्तेदार को लेकर जाएं. इनसे आपको कार की अच्छी तरह इंस्पेक्शन करने में मदद मिलेगी.
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