बीजिंग से बंबई एक घंटे में पहुंचा सकती है चीन की ये खास ट्रेन
Agency:News18Hindi
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चाइना एरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन का कहना है कि वह ऐसे ट्रांजिट सिस्टम पर काम कर रहा है, जो कि एक घंटे में 4,000 किलोमीटर की स्पीड से चल सकता है.
प्रतीकात्मक फोटोः चीन की स्काई ट्रेन का फोटो, इस ट्रेन को 2017 के आखिर में चलाया जाना है. चीन की एरोस्पेस फर्म चाइना एरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ने खुलासा किया है कि वह एक सुपर फास्ट ‘फ्लाइंग ट्रेन’ बना रही है. कंपनी का दावा है कि यह फ्लाइंग ट्रेन एलन मस्क की हाइपरलूप से भी तेज रफ्तार से दौड़ेगी. चाइना एरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन (CASIC) का कहना है कि वह एक ऐसे ट्रांजिट सिस्टम पर काम कर रहा है, जो कि एक घंटे में 4,000 किलोमीटर की स्पीड से चल सकता है.
अब वैसे तो बीजिंग से बंबई तक कभी डायरेक्ट ट्रेन नहीं चलेगी लेकिन दोनों के बीच की दूसरी तकरीबन 4700 किमी का है. ऐसे में अगर चीन की इस खास ट्रेन से सफर किया जाए तो वह सिर्फ एक घंटे में इस सफर को करा सकती है.
हाइपरलूप से तीन गुना से ज्यादा स्पीड से चलेगी फ्लाइंग ट्रेन
CASIC के चीफ इंजीनियर माओ काई ने चाइना न्यूज सर्विस में इस नए व्हीकल के बारे में पुष्टि की है. चीन की यह फ्लाइंग ट्रेन, हाइपरलूप से तीन गुना से ज्यादा स्पीड से चलेगी. हाइपरलूप के 1200 किलोमीटर घंटे के रफ्तार से चलने की उम्मीद है.
मैग्लेव कॉन्सेप्ट पर आधारित है यह ट्रेन
साउथ चाइना पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्लाइंग ट्रेन मैग्लेव या मैग्नेटिक लेविटेशन के कॉन्सेप्ट पर आधारित है. हालांकि, कंपनी की तरफ से अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि नई सर्विस कब तक ऑपरेशनल होगी. रिपोर्ट में चीफ इंजीनियर काई ने बताया है कि इसमें सिक्योरिटी से जुड़ी कोई चिंता नहीं होगी, क्योंकि शुरुआत में ट्रेन की रफ्तार एरोप्लेन के टेक-ऑफ करने से कम होगी. चीन पहले ही ऐसी ट्रेन बना चुका है, जिनकी रफ्तार 485 किलोमीटर प्रति घंटे की है. अगर यह नई कॉन्सेप्ट ट्रेन सफल रहती है तो इसकी रफ्तार एवरेज जेटलाइन से 4-5 गुना ज्यादा होगी.
अब वैसे तो बीजिंग से बंबई तक कभी डायरेक्ट ट्रेन नहीं चलेगी लेकिन दोनों के बीच की दूसरी तकरीबन 4700 किमी का है. ऐसे में अगर चीन की इस खास ट्रेन से सफर किया जाए तो वह सिर्फ एक घंटे में इस सफर को करा सकती है.
हाइपरलूप से तीन गुना से ज्यादा स्पीड से चलेगी फ्लाइंग ट्रेन
CASIC के चीफ इंजीनियर माओ काई ने चाइना न्यूज सर्विस में इस नए व्हीकल के बारे में पुष्टि की है. चीन की यह फ्लाइंग ट्रेन, हाइपरलूप से तीन गुना से ज्यादा स्पीड से चलेगी. हाइपरलूप के 1200 किलोमीटर घंटे के रफ्तार से चलने की उम्मीद है.
मैग्लेव कॉन्सेप्ट पर आधारित है यह ट्रेन
साउथ चाइना पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्लाइंग ट्रेन मैग्लेव या मैग्नेटिक लेविटेशन के कॉन्सेप्ट पर आधारित है. हालांकि, कंपनी की तरफ से अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि नई सर्विस कब तक ऑपरेशनल होगी. रिपोर्ट में चीफ इंजीनियर काई ने बताया है कि इसमें सिक्योरिटी से जुड़ी कोई चिंता नहीं होगी, क्योंकि शुरुआत में ट्रेन की रफ्तार एरोप्लेन के टेक-ऑफ करने से कम होगी. चीन पहले ही ऐसी ट्रेन बना चुका है, जिनकी रफ्तार 485 किलोमीटर प्रति घंटे की है. अगर यह नई कॉन्सेप्ट ट्रेन सफल रहती है तो इसकी रफ्तार एवरेज जेटलाइन से 4-5 गुना ज्यादा होगी.
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