इलेक्ट्रिक छोड़ इन कारों पर टूट पड़े ग्राहक, देती है 30KM का माइलेज, CNG का भी टेंशन नहीं!
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भारतीय ग्राहकों के लिए कार का माइलेज काफी अहमियत रखता है. गाड़ी चलाते समय यही चीज सबसे ज्यादा अखरता है. मगर, इस समस्या का समाधान इलेक्ट्रिक गाड़ियां नहीं हो सकतीं. इसी कारण ग्राहक खास तकनीक वाली इन गाड़ियों को पसंद कर रहे हैं. इनका परफॉर्मेंस भी शानदार है.

किफायती रनिंग कॉस्ट के मामले में इलेक्ट्रिक कारों का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन इन गाड़ियों की महंगाई और सिंगल चार्ज में सीमित रेंज की वजह से इनकी बिक्री अपेक्षित रफ्तार नहीं पकड़ पा रही हैं. इसी कारण पेट्रोल-डीजल कारों की तुलना में आज भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री काफी कम है. आंकड़ों के मुताबिक देश में हर माह औसतन तीन लाख कारें बिकती हैं. अक्टूबर महीने में 3,28,669 कारों की बिक्री हुई. इनमें इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी केवल 7-8 हजार है. आज बाजार में सबसे सस्सी इलेक्ट्रिक कार टाटा टियागो ईवी है. इसके बेस मॉडल की दिल्ली में ऑनरोड प्राइस 9.30 लाख रुपये है. यही गाड़ी पेट्रोल वर्जन में केवल 6.16 लाख रुपये में आती है. यानी आपको तीन लाख रुपये अधिक देने होते हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रिक कारों के साथ कई अन्य सीमाएं हैं. जैसे आप इस इलेक्ट्रिक कार से लॉन्ग ड्राइव का कोई प्लान नहीं बना सकते. सिंगल चार्ज में यह गाड़ी अधिक-अधिक 200-250 किमी का सफर तय करेगी.
इन्हीं सभी परेशानियों की वजह से इलेक्ट्रिक कारों के प्रति ग्राहक भरोसा नहीं बना पा रहे हैं और इनकी बिक्री रफ्तार नहीं पकड़ रही है. दूसरी तरफ, बाजार में पेट्रोल-डीजल कारों का एक और किफायती विकल्प आ गया है. यह विकल्प सीएनजी नहीं है. बल्कि हम बात कर रहे हैं हाइब्रिड कारों की. देश में इन कारों ने बिक्री के मामले रफ्तार पकड़ ली है. इस खास तकनीक पर मुख्य रूप से जापानी कार निर्माता कंपनियां काम कर रही हैं. ये कंपनियां हैं- मारुति सुजुकी, टोयोटा और होंडा. दरअसल, हाइब्रिड तकनीक में पेट्रोल इंजन के साथ-साथ लिथियम ऑयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है. वह बैटरी दौड़ती कार में बिजली पैदा कर खुद चार्ज भी होती रहती है. पावरफुल बैटरी होने से गाड़ी का अधिकतर फंक्शन उससे संचालित होता है. इस कारण कार का माइलेज पेट्रोल की तुलना में 35 से 40 फीसदी तक बढ़ जाता है.
ईवी की तरह चार्जिंग का झंझट नहीं
इस वक्त देश में केवल चार गाड़ियां मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा, टोयोटा अर्बन क्रूजर हाईराइडर, होंडा सिटी और टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस हाइब्रिड अवतार में हैं. हाइब्रिक कारों ने चार्जिंग के झंझट को दूर करने के साथ माइलेज की समस्या का काफी हद तक समाधान कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन महीने यानी सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में हाइब्रिड कारों की कुल बिक्री 24,062 यूनिट्स की रही, वहीं इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री केवल 21,445 यूनिट्स रही. मजेदार बात यह है कि बाजार में इस वक्त 16 इलेक्ट्रिक कारें मौजूद हैं. हाइब्रिड कारों की बिक्री लगातार बढ़ रही है. जून में खत्म तिमाही के आंकड़े देखों तो पता चलता है कि उस वक्त केवल 14,400 हाइब्रिड कारें बिकी थीं, जबकि उस तिमाही में 25,200 इलेक्ट्रिक कारें बिकीं. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है.
इस वक्त देश में केवल चार गाड़ियां मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा, टोयोटा अर्बन क्रूजर हाईराइडर, होंडा सिटी और टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस हाइब्रिड अवतार में हैं. हाइब्रिक कारों ने चार्जिंग के झंझट को दूर करने के साथ माइलेज की समस्या का काफी हद तक समाधान कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन महीने यानी सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में हाइब्रिड कारों की कुल बिक्री 24,062 यूनिट्स की रही, वहीं इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री केवल 21,445 यूनिट्स रही. मजेदार बात यह है कि बाजार में इस वक्त 16 इलेक्ट्रिक कारें मौजूद हैं. हाइब्रिड कारों की बिक्री लगातार बढ़ रही है. जून में खत्म तिमाही के आंकड़े देखों तो पता चलता है कि उस वक्त केवल 14,400 हाइब्रिड कारें बिकी थीं, जबकि उस तिमाही में 25,200 इलेक्ट्रिक कारें बिकीं. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है.
30 का माइलेज
हाइब्रिड कारों की कीमत शुद्ध पेट्रोल कारों की तुलना में 25 से 30 फीसदी अधिक है. फिर ग्राहक इन्हें पसंद कर रहे हैं. ऐसे में इसके पीछे का मुख्य लॉजिक इसका रनिंग कॉस्ट कम होना है. उदाहरण के लिए गैंड विटारा हाइब्रिड का माइलेज 27.97 किमी प्रति लीटर है. ऐसे में 100 रुपये लीटर के भाव पर जोड़े तो यह कॉस्ट करीब 3.50 रुपये किमी पड़ेगा. दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक कारों का रनिंग कॉस्ट 1.25 से 1.50 रुपये किमी पड़ता है. बावजूद इसके लोग हाइब्रिड कारों को पसंद कर रहे हैं. इसका मुख्य कारण लॉन्ग ड्राइव पर जाने के वक्त चार्जिंग का टेंशन नहीं होना और फिर भविष्य में बैटरी बदलवाने पर मोटा खर्च का भी न होना है.
हाइब्रिड कारों की कीमत शुद्ध पेट्रोल कारों की तुलना में 25 से 30 फीसदी अधिक है. फिर ग्राहक इन्हें पसंद कर रहे हैं. ऐसे में इसके पीछे का मुख्य लॉजिक इसका रनिंग कॉस्ट कम होना है. उदाहरण के लिए गैंड विटारा हाइब्रिड का माइलेज 27.97 किमी प्रति लीटर है. ऐसे में 100 रुपये लीटर के भाव पर जोड़े तो यह कॉस्ट करीब 3.50 रुपये किमी पड़ेगा. दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक कारों का रनिंग कॉस्ट 1.25 से 1.50 रुपये किमी पड़ता है. बावजूद इसके लोग हाइब्रिड कारों को पसंद कर रहे हैं. इसका मुख्य कारण लॉन्ग ड्राइव पर जाने के वक्त चार्जिंग का टेंशन नहीं होना और फिर भविष्य में बैटरी बदलवाने पर मोटा खर्च का भी न होना है.
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Santosh Kumar
न्यूज18 हिंदी में बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्सिट...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्सिट... और पढ़ें
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