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जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद गोपालगंज लौटे 7 मजदूर, बोले- नमक-रोटी खाएंगे, परदेस नहीं जाएंगे

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Bihar News: आतंकी हमले में भिखु उर्फ राजू राम को गोली लगी थी, जो सदर प्रखंड की जादोपुर दुखहरण पंचायत के मशानथाना गांव का रहनेवाला है. इनके साथ मशानथाना गांव के नगीना राम, धर्मेंद्र राम, सुनील राम, मुन्ना साह, हीरापाकड़ गांव के हरेंद्र मांझी, चौराव गांव निवासी सुरेंद्र राम भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से घिरे हुए थे. घर लौटने पर प्रवासी मजदूरों ने राहत की सांस ली है और सांसद के पहल की सराहना की है.

जम्मू-कश्मीर में हमले के बाद गोपालगंज लौटे 7 मजदूर, बोले-नमक-रोटी खाएंगे...घर लौटने पर प्रवासी मजदूरों ने राहत की सांस ली है और सांसद के पहल की सराहना की है.
रिपोर्ट- गोविंद कुमार 

गोपालगंज. जम्मू-कश्मीर में रोजी-रोटी के लिए कमाने गए गोपालगंज के सात मजदूरों पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. तीन नवंबर को अनंतनाग जिले में हुए इस हमले में गोपालगंज के एक प्रवासी मजदूर को गोली लगी थी. जबकि इन मजदूरों को बचाने में वहां तैनात नेपाली नागरिक तिल बहादुर थापा की मौत हो गयी थी. वारदात के बाद से इन सभी मजदूरों को स्थानीय प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में नजरबंद कर रखा था.
परिजनों को वारदात के 12 दिनों बाद घटना की जानकारी हुई. इधर, परिजनों को जब इसकी जानकारी हुई, तो गोपालगंज के सांसद सह जेडीयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन को पूरी बात बतायी और सुरक्षित वापस बुलाने की गुहार लगायी. सांसद ने गृह विभाग में बात की और मामले में जम्मू-कश्मीर में फंसे मजदूरों को वापस घर बुलाने के लिए पत्र लिखा. इसके बाद सेना ने सभी मजदूरों को अनंतनाग जिले से बाहर निकाला और घर भेज दिया.

आतंकी हमले में भिखु उर्फ राजू राम को गोली लगी थी, जो सदर प्रखंड की जादोपुर दुखहरण पंचायत के मशानथाना गांव का रहनेवाला है. इनके साथ मशानथाना गांव के नगीना राम, धर्मेंद्र राम, सुनील राम, मुन्ना साह, हीरापाकड़ गांव के हरेंद्र मांझी, चौराव गांव निवासी सुरेंद्र राम भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से घिरे हुए थे. घर लौटने पर प्रवासी मजदूरों ने राहत की सांस ली है और सांसद के पहल की सराहना की है.
बाल-बाल बची जिंदगी 

वहीं, आतंकी हमले में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले से बचकर घर पहुंचे प्रवासी मजदूरों ने कहा कि घर पर रहकर नमक-रोटी खा लेंगे, लेकिन आतंकियों के इलाके में जम्मू-कश्मीर नहीं जायेंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से फायरिंग की गयी, उससे सात मजदूरों की जिंदगी बाल-बाल बची है. प्रवासी मजदूरों ने कहा कि सेना नहीं होती तो शायद उनकी जान नहीं बच पाती. आपबीती सुनाते हुए प्रवासी मजदूर फफक-फफक कर रो पड़ रहे थे.
सांसद ने कहा- प्रवासियों को घर पर मिलेगा काम

शनिवार को सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन ने गोपालगंज पहुंचे प्रवासी मजदुरों से पूरी घटना की जानकारी ली. सांसद ने एक-एक प्रवासी मजदूरों से घटना की जानकारी लेने के बाद कहा कि बिहार सरकार उनकी रोजगार और उन्हें काम देने के लिए लगातार काम कर रही है. अब इन प्रवासी मजदूरों को घर पर ही काम मिलेगा. इन्हें ऐसे जोन में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सांसद ने कहा कि जिला प्रशासन से बात कर इन प्रवासी मजदूरों को काम दिलाया जायेगा.
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