UPSC Civil Services Result: इंजीनियर की नौकरी छोड़ IAS बने सुमित, ऐसे मिली सफलता
Agency:News18 Bihar
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सेल्फ स्टडी के भरोसे सुमित ने तीसरी बार में ही यह मुकाम हासिल कर लिया और अपनी मेहनत, लगन से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की.

यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों में बिहारी मेधा का भी परचम बखूबी लहराया है. सूबे के गोपालगंज निवासी सुमित ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है. गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी लगन और मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा में 54 वा रैंक हासिल किया.
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सुमित राय कुचायकोट के बंजरिया गांव के रहने वाले हैं. वो वर्तमान में दिल्ली में आईआईटी इंजिनियर हैं. सुमित ने अपनी तीसरी कोशिश में यह मुकाम हासिल किया है. सुमित के पिता का नाम बृजकिशोर राय है जो साधारण किसान है. बृज किशोर राय के दो बेटे हैं जिसमे उनका बड़ा बेटा अमित राय रेलवे में एसएम के पद पर है जबकि दूसरा बेटा सुमित दिल्ली में इंजीनियर है.
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सुमित के भाई अमित के मुताबिक उसका भाई शुरू से ही मेधावी था. उसने गांव के सरकारी स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की. फिर वो इंटर की परीक्षा पास करने के बाद सेल्फ स्टडी करने लगा. सेल्फ स्टडी के भरोसे सुमित ने तीसरी बार में ही यह मुकाम हासिल कर लिया और अपनी मेहनत, लगन से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की.
सुमित राय के पिता बृजकिशोर के मुताबिक, उनके बेटे सुमित ने कभी धैर्य नहीं खोया. उनका बेटा मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद बहन के घर देवरिया चला गया. वहां से उसने तैयारी शुरू की और यह सफलता हासिल की. बेटे की इस सफलता से पूरे घर और गांव में ख़ुशी की लहर है. लोगों का बधाई देने का सिलसिला चल रहा है.
पिता के साथ साथ सुमित की मां की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है. सुमित राय की मां सुमन देवी के मुताबिक, उनके बेटे की चाहत पूरी हो गई. उनका बेटा देश की सेवा करना चाहता था और वो डीएम बनना चाहता था और आज आज उसने यह साबित कर दिखाया है.
रिपोर्ट- मुकेश कुमार
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सुमित राय कुचायकोट के बंजरिया गांव के रहने वाले हैं. वो वर्तमान में दिल्ली में आईआईटी इंजिनियर हैं. सुमित ने अपनी तीसरी कोशिश में यह मुकाम हासिल किया है. सुमित के पिता का नाम बृजकिशोर राय है जो साधारण किसान है. बृज किशोर राय के दो बेटे हैं जिसमे उनका बड़ा बेटा अमित राय रेलवे में एसएम के पद पर है जबकि दूसरा बेटा सुमित दिल्ली में इंजीनियर है.
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सुमित के भाई अमित के मुताबिक उसका भाई शुरू से ही मेधावी था. उसने गांव के सरकारी स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की. फिर वो इंटर की परीक्षा पास करने के बाद सेल्फ स्टडी करने लगा. सेल्फ स्टडी के भरोसे सुमित ने तीसरी बार में ही यह मुकाम हासिल कर लिया और अपनी मेहनत, लगन से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की.
सुमित राय के पिता बृजकिशोर के मुताबिक, उनके बेटे सुमित ने कभी धैर्य नहीं खोया. उनका बेटा मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद बहन के घर देवरिया चला गया. वहां से उसने तैयारी शुरू की और यह सफलता हासिल की. बेटे की इस सफलता से पूरे घर और गांव में ख़ुशी की लहर है. लोगों का बधाई देने का सिलसिला चल रहा है.
पिता के साथ साथ सुमित की मां की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है. सुमित राय की मां सुमन देवी के मुताबिक, उनके बेटे की चाहत पूरी हो गई. उनका बेटा देश की सेवा करना चाहता था और वो डीएम बनना चाहता था और आज आज उसने यह साबित कर दिखाया है.
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