Jamui Rain Havoc: कहर बनकर बरस रहे बादल...पूरा इलाका पानी-पानी, टूटा संपर्क, छूटा स्कूल, 24 साल बाद डूबा जमुई!
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Jamui Rain Damage: जमुई में एक महीने से हो रही लगातार बारिश ने जिले की हालत बद से बदतर कर दी है. हर तरफ पानी ही पानी है, रास्ते डूब गए हैं, दूसरे गांवों से संपर्क टूट गया है. पिछले 24 सालों में यहां ऐसी बारिश न...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- जमुई में 24 साल बाद भारी बारिश से तबाही.
- लगातार बारिश से जमुई में हर तरफ पानी ही पानी.
- पुलिया टूटने से कई गांवों का संपर्क टूट गया.
Jamui Rain Havoc: बिहार का जमुई जिला पहाड़ों से घिरा हुआ जिला है, जहां अमूमन अच्छी बारिश होती है. लेकिन इसके बावजूद इस जिले में कभी बाढ़ नहीं आई. बिहार के कई जिले हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं, लेकिन जमुई जिला बाढ़ की चपेट से हमेशा बचा रहा है. लेकिन इस साल मानसून की बारिश ने जमुई जिले की हालत बदल कर रख दी है. जो जिला कभी बाढ़ की चपेट में नहीं आया, वहां हर तरफ पानी ही पानी है.
पिछले एक महीने से लगातार हो रही बारिश के बाद जमुई जिले की हालत बदलने लगी है. हमेशा सूखा रहने वाला जिला अब पानी की चपेट में है. मैदान हो, खेत-खलिहान हो, सड़क हो या नदी, सब में पानी का बहाव इतना तेज हो गया है कि चारों तरफ पानी नजर आ रहा है.
कई रास्ते हो गए हैं बंद, पानी का कहर
बारिश के बाद जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड में पानी का कहर देखने को मिला. जब लगातार बारिश के बाद यहां उलाई नदी में जलस्तर इतना बढ़ा कि सड़क और पुलिया के ऊपर से पानी बहने लगा. जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जखराज स्थान के पास बनी पुलिया के ऊपर उलाई नदी का पानी बहने लगा.
बारिश के बाद जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड में पानी का कहर देखने को मिला. जब लगातार बारिश के बाद यहां उलाई नदी में जलस्तर इतना बढ़ा कि सड़क और पुलिया के ऊपर से पानी बहने लगा. जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जखराज स्थान के पास बनी पुलिया के ऊपर उलाई नदी का पानी बहने लगा.
उलाई नदी का जलस्तर भारी बारिश के बाद बढ़ा हुआ है. इसके बाद देखते ही देखते वह पुलिया टूटकर गिर गई. पानी के तेज बहाव के कारण अब इस रास्ते पर आना-जाना पूरी तरह से बंद हो गया है और कई इलाकों का संपर्क भी आपस में टूट गया है.
छूट गई विद्यार्थियों की पढ़ाई, लोगों का छलका दर्द
पुलिया के ऊपर से पानी बहने के कारण इस रास्ते से होकर ट्यूशन जाने वाले छात्रों की पढ़ाई छूट गई. छात्राएं पुलिया के एक तरफ से दूसरी तरफ नहीं जा सकीं. जिस कारण वे पढ़ाई से दूर रह गईं. ग्रामीणों ने कहा कि जमुई-गिद्धौर होते हुए दाबिल जाने का यही एकमात्र रास्ता है, जिसमें गाड़ियों का चलना बंद हो गया है और अचानक पानी आ जाने से छात्र भी एक तरफ से दूसरी तरफ नहीं जा पा रहे हैं.
पुलिया के ऊपर से पानी बहने के कारण इस रास्ते से होकर ट्यूशन जाने वाले छात्रों की पढ़ाई छूट गई. छात्राएं पुलिया के एक तरफ से दूसरी तरफ नहीं जा सकीं. जिस कारण वे पढ़ाई से दूर रह गईं. ग्रामीणों ने कहा कि जमुई-गिद्धौर होते हुए दाबिल जाने का यही एकमात्र रास्ता है, जिसमें गाड़ियों का चलना बंद हो गया है और अचानक पानी आ जाने से छात्र भी एक तरफ से दूसरी तरफ नहीं जा पा रहे हैं.
कह थमेगा कहर
पुलिया के टूट जाने से बानपुर, कोल्हूआ, कहाडीह, कुमरडीह, दाबिल सहित आधा दर्जन से अधिक गांव का संपर्क गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह से टूट गया है. ऐसा अनुमान है कि यहां पिछले 24 सालों में ऐसी बारिश नहीं हुई कि हर तरफ पानी ही पानी हो जाए. हताहत लोग राहत का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और कुदरत के इस कहर के थमने की प्रार्थना भी जोरों से चल रही है.
पुलिया के टूट जाने से बानपुर, कोल्हूआ, कहाडीह, कुमरडीह, दाबिल सहित आधा दर्जन से अधिक गांव का संपर्क गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह से टूट गया है. ऐसा अनुमान है कि यहां पिछले 24 सालों में ऐसी बारिश नहीं हुई कि हर तरफ पानी ही पानी हो जाए. हताहत लोग राहत का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और कुदरत के इस कहर के थमने की प्रार्थना भी जोरों से चल रही है.
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