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UPSC Success Story: जमुई के चार होनहारों संस्कृति, ईशा, करण और पारस ने यूपीएससी में सफलता पाई, जानिये सभी के रैंक

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UPSC Civil Services Exam Result: जमुई की दो बेटियों ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी के साथ ही एक आईआईटियन ने यूपीएससी 2024 में कामयाबी पाई है. एक ने 17वां, तो दूसरे ने 384वां और आईआईटियन ने 174वां तो शिक्षा विभाग के अधिकारी ने 269वां रैंक हासिल किया है. चारो को बधाइयां मिल रही हैं.

जमुई जिले के 4 होनहारों ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज में गाड़ा झंडा, जानिये रैंकजमुई की संस्कृति त्रिवेदी, ईशा रानी, करण सिंह और शिक्षा विभाग के अधिकारी पारस कुमार ने यूपीएससी में सफलता प्राप्त की.
जमुई. यूपीएससी के सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 में जमुई जिले के तीन लोगों ने अपना परचम लहराया है. यहां की दो बेटियों ने 2022 में सिविल सर्विसेज परीक्षा में ही 313वां रैंक हासिल करने वाली संस्कृति त्रिवेदी इस बार 17वें पोजीशन पर आकर सफलता पाई और अपने चौथे प्रयास में ईशा रानी ने 384वां रैंक हासिल किया है. वहीं, आईआईटियन करण सिंह अपनी प्रतिभा के दम पर पूरे भारत में 174वां रैंक प्राप्त किया है तो जिले में शिक्षा विभाग में कार्यरत अधिकारी पारस कुमार भी चौथे प्रयास में 269वां रैंक लाते हुए UPSC क्रैक किया है.

यहां हम सबसे पहले बात करेंगे जमुई की बेटी संस्कृति त्रिवेदी की जिन्होंने 2022 के यूपीएससी परीक्षा में 313वां रैंक हासिल करने के बाद भी हार नहीं मानी और इस परीक्षा में बेहतर करने के लिए प्रयास में जुटी रहीं. इसका नतीजा रहा कि उन्होंने 2024 में आयोजित यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में पूरे देश में 17वां रैंक हासिल किया है. वर्तमान समय में संस्कृति त्रिवेदी दिल्ली में ट्रेनिंग ले रही हैं. उनके माता-पिता झारखंड के जमशेदपुर में रहते हैं. संस्कृति के पिता आनंद प्रकाश त्रिवेदी रांची में इंजीनियर हैं.

ईशा रानी को चौथे प्रयास में सफलता मिली
384वां रैंक हासिल करने वाली ईशा रानी के पिता प्रसिद्ध नारायण सिंह जमुई सिविल कोर्ट में एडवोकेट हैं, जबकि मां कानून की पढ़ाई करने वाली मां पति का साथ देती हैं. जमुई से स्कूलिंग की करने वाली ईशा रानी कानून में स्नातक है और दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी. ईशा रानी ने यह कामयाबी अपने चौथे प्रयास में हासिल किया है. इससे पहले तीन प्रयास में उसने प्रिलिम्स की परीक्षा पास कर चुकी थी. चौथे प्रयास में यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा क्रैक करने वाली ईशा रानी रिजल्ट के दिन दिल्ली में थीं. वीडियो कॉल के माध्यम से उनके परिवार वालों ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं. वीडियो कॉलिंग के माध्यम से ही ईशा रानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह लॉ में स्नातक है, वह चाहती थी कि आईएएस अधिकारी बनकर समाज के लिए बेहतर करें. यही कारण है कि वह यूपीएससी की तैयारी में जुटी हुई थीं.
आईआईटियन करण सिंह ने पाई कामयाबी
जमुई जिले के खैरा इलाके के बेला गांव का रहने वाला करण कुमार सिंह ने भी यूपीएससी 2024 की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास कर IAS बन गये हैं. करण सिंह ने अपनी प्रतिभा के दम पर पूरे भारत में 174 वां रैंक हासिल किया है. जानकारी के अनुसार 28 वर्षीय करण कुमार सिंह आईआईटी BHU से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक हैं, जो फिलहाल बेंगलुरु में एक कंपनी में जॉब कर रहे हैं. करण सिंह ने यह कामयाबी अपनी दूसरी प्रयास में पाई है, सिविल सर्विसेज के पहले प्रयास में वह इंटरव्यू तक पहुंचे थे. करण सिंह की सफलता पर उनके गांव और परिवार वालों में उत्साह और खुशी का माहौल है. करण के माता-पिता देवघर में रहते हैं उनके पिता शंभू सिंह एक ट्रांसपोर्टर हैं. इस मामले में उनके पिता शंभू सिंह ने बताया कि करण की स्कूलिंग देवघर के जसीडीह में हुई फिर डीपीएस बोकारो से उन्होंने 12वीं की तक पढ़ाई की फिर बाद में आईआईटी पास करते हुए BHU से उन्होंने बीटेक किया, करण का एक छोटा भाई प्रशांत सिंह भी है जो बीटेक करने के बाद वह भी यूपीएससी की तैयारी में लगे हुए हैं.
जमुई जिले के खैरा इलाके के बेला गांव का रहने वाला करण कुमार सिंह ने भी यूपीएससी 2024 की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास कर IAS बन गया हैं। करण सिंह अपने प्रतिभा के दम पर पूरे भारत में 174 वां रैंक हासिल किया है। जानकारी के अनुसार 28 वर्षीय करण कुमार सिंह आईआईटी BHU से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक हैं, जो फिलहाल बेंगलुरु में एक कंपनी में जॉब कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि करण सिंह ने यह कामयाबी अपनी दूसरी प्रयास में पाई है, सिविल सर्विसेज के पहले प्रयास में वह इंटरव्यू तक पहुंचे थे। करण सिंह की सफलता पर उनके गांव और परिवार वालों में उत्साह और खुशी का माहौल है। करण के माता-पिता देवघर में रहते हैं उनके पिता शंभू सिंह एक ट्रांसपोर्टर हैं। इस मामले में उनके पिता शंभू सिंह ने बताया कि करण की स्कूलिंग देवघर के जसीडीह में हुई फिर डीपीएस बोकारो से उन्होंने 12वीं की तक पढ़ाई की फिर बाद में आईआईटी पास करते हुए BHU से उन्होंने बीटेक किया, करण का एक छोटा भाई प्रशांत सिंह भी है जो बीटेक करने के बाद वह भी यूपीएससी की तैयारी में लगे हुए हैं
पारस कुमार ने 269वां रैंक प्राप्त किया
वहीं, जमुई जिले में शिक्षा विभाग में डीपीओ स्थापना के पद पर कार्यरत पारस कुमार ने भी यूपीएससी के सिविल सर्विसेज परीक्षा को क्रैक कर 269 वां रैंक हासिल किया है. मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारी पारस कुमार अपने चौथे प्रयास में यह सफलता पाई है. साल 2021 में बीपीएससी की परीक्षा पास कर वह शिक्षा विभाग के अधिकारी बने थे. यूपीएससी के पहले तीन प्रयास में उन्होंने पहली और दूसरी बार प्रिलिम्स की परीक्षा पास की थी. जबकि, तीसरे प्रयास में उन्होंने इंटरव्यू भी दिया था, लेकिन अंतिम परिणाम नहीं आया. उसके बाद भी उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा और चौथे बार मे UPSC क्रैक किया.
मेहनत और निरंतर पढ़ाई का विकल्प नहीं
पारस कुमार ने बताया कि लगन और मेहनत और निरंतर पढ़ाई जारी रखने के कारण उन्हें यह कामयाबी मिली है. शिक्षा विभाग में अधिकारी के रूप में काम करते हुए उन्हें यूपीएससी की तैयारी में बहुत मदद मिली. जमुई जैसे जिले में यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में कामयाबी पाने वाले इन तीनों लोगों को लोग बधाइयां और शुभकामनाएं दे रहे हैं.

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Vijay jha
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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