कभी आंखों के इलाज के लिए दादा जाते थे नेपाल, अब नाती मधेपुरा में लोगों का कर रहा फ्री इलाज
Agency:News18 Bihar
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मधेपुरा में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रूपेश कुमार प्रत्येक रविवार को निशुल्क आंख जांचने का कैंप लगता हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि यह अभियान आजीवन चलता रहेगा. रूपेश ने अपने दादा से प्रेरणा लेने के बाद निशुल्क आंख जांच की शुरुआत की है.
रविकांत कुमार/मधेपुरा. पैसे की तंगी के कारण आंख जांच नहीं करवा पा रहे हैं, तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. प्रत्येक रविवार को आप मधेपुरा में यहां निशुल्क आंख जांच करवा सकते हैं. मधेपुरा जिले के मुरलीगंज केपी महाविद्यालय के समीप स्थित हेमलता आई ट्रस्ट के निदेशक डॉ.रूपेश कुमार हैं, जो कि नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं. उनके द्वारा प्रत्येक रविवार को निशुल्क मरीजों की आंख जांच की जाती है. उन्होंने बताया कि दादा से प्रेरणा लेने के बाद निशुल्क आंख जांच की शुरुआत की है.
लोकल 18 से बातचीत करते हुए नेत्र रोग विशेषज्ञ हेमलता आई ट्रस्ट के निदेशक डॉ रूपेश कुमार ने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा उनके दादा से मिली है. जब हम लोग छोटे थे, तब दादीजी को आंख की समस्या थी. आंख के इलाज के लिए दादा नेपाल जाया करते थे. इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. वह हमेशा कहा करते थे कि क्षेत्र में भी कोई आंख का अच्छा अस्पताल खुले तो लोगों को सुविधा मिलेगी.
सेवा की भाव से मधेपुरा में खोला अस्पताल
डॉ.रुपेश कुमार ने बताया कि किसी शहर में अस्पताल खोलने के बजाय हमने यहीं पर अस्पताल खोला है. लोगों को सेवा देना शुरू की. इस दौरान मुझे लगा कि हमारा इलाका काफी पिछड़ा हुआ है. बहुत सारे लोगों की स्थिति ऐसी है कि जांच की फीस जमा नहीं करने की वजह से आंखों की जांच समय पर नहीं करवा पाते हैं. वह अंधेपन के शिकार हो जाते हैं. अंधेपन को कम करने के लिए हमने निशुल्क आंख जांच अभियान की शुरुआत की. प्रत्येक रविवार को निशुल्क आंखों का जांच किया जाता है. अभी मधेपुरा ही नहीं आसपास के कई जिले से भी लोग यहां इलाज कराने के लिए आते हैं. यह मेरे जीवित रहने तक चलेगा.
डॉ.रुपेश कुमार ने बताया कि किसी शहर में अस्पताल खोलने के बजाय हमने यहीं पर अस्पताल खोला है. लोगों को सेवा देना शुरू की. इस दौरान मुझे लगा कि हमारा इलाका काफी पिछड़ा हुआ है. बहुत सारे लोगों की स्थिति ऐसी है कि जांच की फीस जमा नहीं करने की वजह से आंखों की जांच समय पर नहीं करवा पाते हैं. वह अंधेपन के शिकार हो जाते हैं. अंधेपन को कम करने के लिए हमने निशुल्क आंख जांच अभियान की शुरुआत की. प्रत्येक रविवार को निशुल्क आंखों का जांच किया जाता है. अभी मधेपुरा ही नहीं आसपास के कई जिले से भी लोग यहां इलाज कराने के लिए आते हैं. यह मेरे जीवित रहने तक चलेगा.
इस तरह से अपनी आंखों का करें बचाव
साथ ही डॉक्टर ने कहा कि जिस तरह चलने फिरने के लिए पैर में चप्पल और जूते आवश्यक होते हैं, ठीक उसी प्रकार अगर आपकी आंखों के लिए चश्मा भी जरूरी होता है. अगर आप बाइक पर चल रहे हैं तो हेलमेट अनिवार्य रूप से लगाएं. कहीं धूप में या फिर धूल मिट्टी में चल रहे हैं तो आप अगर चश्मा लगाएंगे तो आपके आंखों का प्रोटेक्शन होगा. अचानक होने वाले किसी भी प्रकार की समस्या होने से बचा जा सकता है. आजकल लोग मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग कर रहे हैं. जिस वजह से आंखों में सूखापन आ रहा है, जो काफी घातक है. इसलिए मोबाइल से परहेज करें.
साथ ही डॉक्टर ने कहा कि जिस तरह चलने फिरने के लिए पैर में चप्पल और जूते आवश्यक होते हैं, ठीक उसी प्रकार अगर आपकी आंखों के लिए चश्मा भी जरूरी होता है. अगर आप बाइक पर चल रहे हैं तो हेलमेट अनिवार्य रूप से लगाएं. कहीं धूप में या फिर धूल मिट्टी में चल रहे हैं तो आप अगर चश्मा लगाएंगे तो आपके आंखों का प्रोटेक्शन होगा. अचानक होने वाले किसी भी प्रकार की समस्या होने से बचा जा सकता है. आजकल लोग मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग कर रहे हैं. जिस वजह से आंखों में सूखापन आ रहा है, जो काफी घातक है. इसलिए मोबाइल से परहेज करें.
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