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बिहार चुनाव 2025 में LPG सिलेंडर बनेगा बड़ा मुद्दा? जानें उज्ज्वला योजना वालों को अब कितने पैसे देने पड़ेंगे

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Bihar chunav LPG News: केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की है, जिससे उज्जवला योजना के लाभार्थियों को झटका लगेगा. केंद्र सरकार के इस फैसले का असर क्या बिहार चुनाव पर भी पड़ सकता है?

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बिहार चुनाव 2025 में LPG सिलेंडर बनेगा बड़ा मुद्दा? उज्ज्वला योजना वालों...क्या बिहार चुनाव 2025 में मुद्दा बनेगा एलपीजी?
पटना. केंद्र सरकार ने सोमवार को एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये का इजाफा कर दिया है. इस बढ़ोतरी से आम आदमी को महंगाई का तगड़ा झटका लग सकता है. एलपीजी गैस सिलेंडर में 50 रुपये की वृद्धि केंद्र सरकार की उज्जवला योजना पर भी लागू होगी. अब उज्जवला योजना के लाभार्थियों के लिए भी सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत ₹500 से बढ़ाकर ₹550 हो गई है. वहीं, बिना सब्सिडी वाली घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत अब ₹803 से बढ़कर ₹853 हो जाएगी. इस बढ़ोतरी का असर देशभर के करोड़ों उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. लेकिन अक्टूबर-नवंबर महीने में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर भी इस बढ़ोतरी का असर पड़ सकता है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियां एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी का मुद्दा बिहार चुनाव में भुनाएंगी? क्या बीजेपी के वोट बैंक पर इस फैसले का असर पड़ेगा?

सोमवार को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी भी 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने का ऐलान किया था. हालांकि, इस फैसले से पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ेंगे. लेकिन एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ने से हर आदमी प्रभावित होगा. खासकर गरीब महिलाओं को हर महीने 50 रुपये अधिक देने पड़ेंगे. उज्जवला गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी का बिहार चुनाव पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं, यह अभी कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी. लेकिन आरजेडी और कांग्रेस जैसी पार्टियां इस मुद्दे को भुनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगी.

LPG के दाम बढ़ने से बिहार चुनाव पर असर?
बिहार में ग्रामीण और गरीब आबादी का बड़ा हिस्सा उज्जवला योजना पर निर्भर है. ऐसे में दाम बढ़ाने से लोगों में असंतोष पैदा हो सकता है. लेकिन, इतना भी बड़ा मुद्दा नहीं बन सकता है जितनी बातें हो रही हैं. उज्जवला योजना गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं को सस्ता और स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दी जाती है. दाम बढ़ने से यह योजना अपनी सस्ती छवि खो सकती है, जिससे लाभार्थियों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ सकती है. बिहार में ग्रामीण मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं और यह मुद्दा उनके वोटिंग पैटर्न को प्रभावित कर सकता है. इससे पहले से ही बढ़ती महंगाई के बीच गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि से विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका मिलेगा.
महिला वोटर्स क्या ह जाएंगी नाराज?
क्योंकि, अभी 5 महीने बिहार चुनाव के बचे हैं, ऐसे में बाद में मतदाता इसे भूला भी सकते हैं. आरजेडी, कांग्रेस और महागठबंधन के अन्य घटक दल इस मुद्दे को भुनाने के लिए अभी से ही कई तरीका अपना सकते हैं. हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में विपक्षी पार्टियां सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करें, धरना और रैलियां आयोजित कर इस फैसले का विरोध कर सकती हैं.
कुल मिलाकर उज्जवला गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी बिहार चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, खासकर अगर विपक्ष इसे प्रभावी ढंग से भुनाए. यह सरकार के खिलाफ जनता के गुस्से को हवा दे सकता है, लेकिन इसका असर इस बात पर भी निर्भर करेगा कि सरकार इसकी भरपाई के लिए क्या कदम उठाती है और विपक्ष कितनी कुशलता से इसे प्रचारित करता है. हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि तेल मार्केटिंग कंपनियों को लागत से कम कीमत पर एलपीजी सिलेंडर बेचने से लगभग 41 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. यह सब तब हो रहा है जब कच्चे तेल की कीमत घट रही है. क्रूड की कीमतों में गिरावट के दौर में सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर 2 रुपये का उत्पाद शुल्क बढ़ा कर अपना हित साध लिया.
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