Bihar News: बालिग हो गयी नीतीश कुमार की JDU, जानें कैसा रहा 21 सालों का सफर
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Bihar News: नीतीश कुमार की पार्टी जब उभर कर आई तब जदयू के लिए राह इतना आसान नहीं थी. लेकिन, नीतीश कुमार की अगुवाई में बीजेपी के सहयोगी होने के बाद जदयू ने जो रफ्तार पकड़ी उसने जदयू को बिहार की सत्ता में सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी के तौर उभारने का काम किया.

पटना. सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने अपने स्थापना के 21 साल पूरे कर लिए है, यानि जेडीयू अब बालिग हो गयी है. जाहिर है जदयू ने अपने स्थापना का लंबा सफर तय कर लिया है. जदयू को उम्मीद है कि जवानी की दहलीज पर खड़ी जदयू आगे का सफर और तेजी से पूरा करेगी. लेकिन, आगे का रास्ता नीतीश कुमार की पार्टी के लिए क्या इतना आसान होगा यह सबसे बड़ा सवाल है.
दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व में जनता दल (सेक्यूलर) के अलग होने के बाद जो परिस्थियां उभरी थी. वहीं इससे पहले लालू यादव से मतभेद होने के बाद दिवंगत शरद यादव के नेतृत्व में जनता दल बना था. इसके कुछ साल बाद जदयू अस्तित्व में तब आया जब जनता दल का शरद यादव गुट, लोकशक्ति पार्टी और समता पार्टी एक साथ पास आए गए और 30 अक्टूबर 2003 को आपस में विलय कर जनता दल (यूनाइटेड) नाम से एक नई पार्टी का गठन किया गया.
बता दें, नीतीश कुमार की पार्टी जब उभर कर आई तब जदयू के लिए राह इतना आसान नहीं थी. लेकिन, नीतीश कुमार की अगुवाई में बीजेपी के सहयोगी होने के बाद जदयू ने जो रफ्तार पकड़ी उसने जदयू को बिहार की सत्ता में सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी के तौर उभारने का काम किया. आज तक बिहार की राजनीति नीतीश कुमार के इर्द गिर्द ही घूमती दिख रही है. एक समय था जब जदयू में नीतीश कुमार के साथ जॉर्ज फर्नाडिस, दिग्विजय सिंह, शरद यादव, शिवानंद तिवारी, आरसीपी सिंह जैसे दिग्गज नेता भी साथ थे.
लेकिन, समय के साथ-साथ ऐसे नेता नीतीश से दूर होते चले गए. लेकिन, नीतीश कुमार इन सब की परवाह किए बगैर जदयू को आगे बढ़ाते रहे. समय-समय पर नीतीश कुमार के साथ नए नेता जुड़ते गए. लेकिन, जदयू 2014 के बाद पहले से उतनी मज़बूत नहीं रही जो जदयू 2005 से हर बार बिहार में बड़े भाई की भूमिका में रहती आई थी. वहीं एक दौर ऐसा भी आया जब नीतीश कुमार अपने पुराने सहयोगी बीजेपी से अलग होकर उसी लालू यादव से हाथ मिला बीजेपी को शिकस्त भी दी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने बिहार की सत्ता को अपने कब्जे में लिया था. वहीं कुछ साल बाद ही फिर से अपने पुराने सहयोगी बीजेपी के साथ आ गए हैं. एक बार फिर 2024 के चुनाव को लेकर ताल ठोक रहे हैं. दावा कर रहे हैं कि 2024 में 220 प्लस सीट नीतीश कुमार की अगुवाई में आएगी.
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि नीतीश कुमार का सुनहरा दौर गुजर गया है. लेकिन, आज भी नीतीश कुमार का साथ जिस गठबंधन को मिला उसके लिए जीत आसान हो जाएगी. लेकिन, सवाल यह भी उठता है जिसकी चर्चा समय समय पर होती रहती है. नीतीश कुमार के सेहत को लेकर क्या नीतीश कुमार उसी उत्साह के साथ जनता के बीच अपने काम को लेकर जनता से वोट मांगेंगे. नीतीश कुमार के विरोधी भी नीतीश कुमार को थका हुआ मुख्यमंत्री बता निशाना साधता रहे हैं. साथ ही वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में महागठबंधन तेजस्वी यादव की अगुवाई में मजबूत दिख रही है जिसका उदाहरण 2020 का चुनाव परिणाम भी है.
वहीं दूसरी तरफ जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने X पर पोस्ट कर लिखा है- महात्मा गांधी, जेपी, डॉ लोहिया और कर्पूरी जी जैसी महान विभूतियों के आदर्शों पर चलने और अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के कुशल नेतृत्व में ‘न्याय के साथ विकास’ तथा ‘सुशासन’ के निरंतर नये कीर्तिमान गढ़ने वाली पार्टी जनता दल यूनाइटेड के 21वें स्थापना दिवस पर सभी सेवाभावी कार्यकर्ता साथियों, समर्थकों और शुभचिंतकों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं.
About the Author
Utkarsh Kumar
A digital media journalist having experience of 14 years in mainstream media industry. He has been working with Network 18 Since July 2017. Currently Working as a Chief Sub Editor for News 18 Hindi. He played a...और पढ़ें
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