बिहार को क्यों मिले विशेष राज्य का दर्जा? इन आंकड़ों को दिखा और मुखर हुए CM नीतीश व जदयू नेता
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Agency:News18 Bihar
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Bihar Special Status: नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को विकास के कई मानकों पर पिछड़ा दिखाना यहां के शासक वर्ग को काफी खल रहा है. सीएम नीतीश कुमार समेत जेडीयू के कई वरिष्ठ व कनिष्ठ नेताओं का मानना है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्रीय सहायता में वृद्धि एवं विभिन्न प्रकार के करों में छूट मिलेगी और बिहार भी विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा हो सकेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को सवाल उठाए जाने पर सदन में खड़े होकर कहा कि उन्हें जानकारी है कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शौचालय की सुविधा है (फाइल फोटो)पटना. नीति आयोग ने जैसे ही रिपोर्ट दी कि बिहार विकास के कई पैमाने पर देश का सबसे पिछड़ा हुआ राज्य है, बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुखर हो गए. नीतीश कुमार के बोलने भर की देर भर थी JDU के तमाम छोटे बड़े नेताओं ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर मुहिम छेड़ दी है. JDU एक तरफ ये बताने की कोशिश में है कि नीतीश कुमार ने बिहार को अपने शासन काल में कितना विकास किया है. वहीं, दूसरी ओर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों मिलना चाहिए इसको लेकर JDU की तरफ से उन राज्यों से तुलना की जाने लगी है जिन्हें विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है. जेडीयू के नेता यह तर्क दे रहे हैं कि आखिर कैसे विशेष राज्य का दर्जा मिलते ही उन राज्यों का प्रति व्यक्ति आय कितनी तेजी से बढ़ती गई है.
नीचे दिये गए आंकड़ों में यह तुलना की गई है कि विशेष राज्य दर्जा प्राप्त राज्यों की प्रति व्यक्ति और बिहार की प्रति व्यक्ति आय में कैसे अंतर है. आइये एक नजर डालिए उन राज्यों के प्रति व्यक्ति आय पर जिन्हें विशेष राज्य का दर्जा मिला है.
विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्य प्रति व्यक्ति आय (2019-2020)
सिक्किम – 4,87,201रु
उत्तराखंड – 2,26,144 रु
हिमाचल प्रदेश – 2,25,839 रु
मिज़ोरम – 2,21,380 रु
अरुणाचल प्रदेश – 1,81,185 रु
नागालैंड – 1,47,309 रु
त्रिपुरा – 1,39,512 रु
मेघालय – 1,02,672 रु
असम – 1,01,851 रु
मणिपुर- 92,430 रु
उत्तराखंड – 2,26,144 रु
हिमाचल प्रदेश – 2,25,839 रु
मिज़ोरम – 2,21,380 रु
अरुणाचल प्रदेश – 1,81,185 रु
नागालैंड – 1,47,309 रु
त्रिपुरा – 1,39,512 रु
मेघालय – 1,02,672 रु
असम – 1,01,851 रु
मणिपुर- 92,430 रु
अगर भारत के इन विशेष राज्यों में प्रति व्यक्ति आय देखें तो उसके मुकाबले बिहार की प्रति व्यक्ति आय बेहद कम है. 2019-20 में बिहार की प्रति व्यक्ति आय पर नजर डालें तो पूरी तस्वीर साफ हो जाती है. इस वित्तीय वर्ष में बिहार में प्रति व्यक्ति औसत आय 50,735 रही है. जाहिर है प्रति व्यक्ति आय के अनुसार बिहार की प्रति व्यक्ति आय विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त अन्य राज्यों से काफी कम है. जिस भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिला उन सभी राज्यों ने तेज गति से विकास किया है.
यही कारण है कि नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को विकास के कई मानकों पर पिछड़ा दिखाना यहां के शासक वर्ग को काफी खल रहा है. सीएम नीतीश कुमार समेत जेडीयू के कई वरिष्ठ व कनिष्ठ नेताओं का मानना है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्रीय सहायता में वृद्धि एवं विभिन्न प्रकार के करों में छूट मिलेगी और बिहार भी विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा हो सकेगा.
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