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कौन है संजय झा जिस पर नीतीश कुमार ने जताया भरोसा, बनाया JDU का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष

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Bihar Politics : जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा उतर बिहार के बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जाने जाते है ख़ासकर मिथिलांचल में जदयू के बड़े नेता के तौर पर पहचान बनाई है. संजय झा की राजनीति की शुरुआत JNU से हुई जहां से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की. जेएनयू को राजनीति का गढ़ भी माना जाता है.

कौन है संजय झा? नीतीश ने जताया भरोसा, बनाया JDU का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्षसंजय झा को सीएम नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. (फोटो-News18)
पटना. जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक पर इस बात को लेकर निगाहें टिकी हुई थी कि नीतीश कुमार अपने संकट मोचक संजय झा को लेकर क्या बड़ा फ़ैसला करने वाले है. जैसे ही बैठक शुरू हुई राजनीतिक प्रस्ताव के साथ साथ संगठन को लेकर भी प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कई महत्वपूर्ण फ़ैसले भी लिए गए लेकिन निगाहें टिकी हुई थी संजय झा की भूमिका को लेकर जिसका खुलासा ख़ुद नीतीश कुमार ने अपने संबोधन के दौरान किया. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एक एक करके तमाम नेता भाषण दे रहे थे और सबसे आख़िरी में नीतीश कुमार बोलने उठे और कई मुद्दों पर बात कही लेकिन सबसे आख़िरी में उन्होंने संजय झा को लेकर घोषणा कि और कहा कि मैं चाहता हूँ कि संजय झा जी जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सम्भाले जिसके बाद पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा और तमाम लोगों ने नीतीश कुमार के इस फ़ैसले का समर्थन किया.

बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद संजय झा भावुक दिखे और उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया और आभार भी जताया . संजय झा ने X पर भी लिखा कि जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष का महती दायित्व सौंपने के लिए मैं पार्टी के आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar जी के प्रति हृदय से कोटिश: आभार प्रकट करता हूं. मैं @Jduonline की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सम्मानित नेताओं के प्रति भी दिल की गहराइयों से आभार जताना चाहता हूं कि आपने इतने बड़े दायित्व के लिए मुझ पर विश्वास जताया है.
नई जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ निर्वाह
संजय झा ने कहा है कि हमारे नेता ने ‘न्याय के साथ विकास’ की राजनीति के जरिये गांधी, आंबेडकर, लोहिया, जेपी और कर्पूरी जी के विचारों तथा विरासत को जिस प्रकार एक मुकाम तक पहुंचाया है, उसे आगे बढ़ाने के प्रयासों में हमें आप सभी का मार्गदर्शन और पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता साथियों का स्नेह, समर्थन व सहयोग निरंतर प्राप्त होगा, इस आशा और विश्वास के साथ मैं नई जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ निर्वाह करने के लिए संकल्पित हूं.

नीतीश कुमार के बेहद करीबी और संकटमोचक
संजय झा को नीतीश कुमार का बेहद करीबी और संकटमोचक भी माना जाता है. नीतीश कुमार के संकटमोचक माने जाने वाले संजय झा को कुछ दिन पहले ही राज्यसभा सदस्य नीतीश कुमार ने बनाया है. 2017 में जब नीतीश कुमार एनडीए में दुबारा आए थे तब जदयू को बीजेपी के नज़दीक लाने में इनकी बड़ी भूमिका रही थी, वहीं इस बार भी जब नीतीश कुमार महा गठबंधन से नाराज़ हुए थे तब एनडीए के साथ लाने में संजय झा ने फिर से बड़ी भूमिका निभाई थी. संजय झा उतर बिहार राजनीति की शुरुआत JNU से हुई जहां से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की. युवा अवस्था से ही संजय झा की रुचि राजनीति में रही और उनका झुकाव शुरू शुरू में बीजेपी की तरफ रहा और धीरे धीरे अरुण जेटली के बेहद करीबी बने और राजनीति में आगे बढ़ते चले गए.

संजय झा की अहमियत बढ़ी और नीतीश कुमार के बने खास
संजय झा बीजेपी में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे और इसी दौरान उनकी नजदीकी नीतीश कुमार से भी बढ़ती जा रही थी जिनका अरुण जेटली से बेहद मधुर संबंध माना जाता था और जब दोनों की मुलाकात दिल्ली में होती थी तो संजय झा भी मौजूद रहते थे. नीतीश कुमार और अरुण जेटली के मधुर संबंध के बीच संजय झा की अहमियत नीतीश कुमार के नजर में तब और बढ़ती चली गई जब अरुण जेटली बिहार बीजेपी के प्रभारी बने. अरुण जेटली के बिहार प्रभारी बनने के बाद संजय झा दोनों के बीच सेतु बनते चले गए. इसी दौरान आपसी तालमेल और राजनीतिक हालात की वजह से संजय झा बीजेपी से जदयू में आ गए और तब से नीतीश कुमार के साथ ना सिर्फ मजबूती से बने हुए है.

नीतीश कुमार ने अपनी कैबिनेट में मंत्री भी बनाया
संजय झा की ऐसे तो पॉलिटिकल ट्रेनिंग बीजेपी में हुई लेकिन 2012 में नीतीश कुमार ने संजय कुमार झा को जेडीयू जॉइन कराया और 2014 में जेडीयू के उम्मीदवार के तौर पर दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ाया मगर तब वो चुनाव हार गए थे लेकिन संजय झा की अहमियत इसी से समझी जा सकती है जब नीतीश कुमार ने ना सिर्फ राज्यपाल कोटा से विधान परिषद का सदस्य बनवाया बल्कि अपनी कैबिनेट में मंत्री भी बना दिया.

परिवार में राजनीति से कोई नहीं, पब्लिकेशन का बिजनेस करते हैं संजय कुमार झा
संजय झा जल संसाधन और जनसंपर्क विभाग के मंत्री भी बने थे. जल संसाधन मंत्री रहते संजय झा की बिहार को बाढ़ से काफी हद तक बचाने में अहम भूमिका रही है. उन्होंने सिमरिया घाट के सौंदर्यीकरण और गया में रबड़ डैम का भी प्रोजक्ट लाया और हर घर गंगाजल योजना, मधुबनी हाट जैसी योजनाएं भी लाया था. संजय झा मूल रूप से मधुबनी जिले के झंझारपुर ब्लॉक के अरड़िया के रहने वाले हैं. JNU से एमए करने वाले संजय कुमार झा का अपना पब्लिकेशन का बिजनेस है. संजय झा की 3 संतान हैं जिसमें से दो बेटियां विश्व स्तर के संस्थान स्टैनफ़ोर्ड और हॉर्वर्ड से LLM की डिग्री ली हैं तो वहीं बेटा इंजीनयरिंग कर रहा है. संजय झा की पत्नी हाउस वाइफ हैं और इनके परिवार में कोई और राजनीति में नहीं है.
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