बन रहा है एशिया का सबसे बड़ा पार्क, 885 एकड़ में लगेंगे 76 हजार पेड़, 3 लाख फूलों के पौधे, घूमने को चाहिए होगी गाड़ी
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Delhi Eco Park: इको पार्क के दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है. इसका निर्माण नई दिल्ली में बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन (Badarpur Thermal Power Station) की खाली पड़ी जमीन पर हो रहा है.

नई दिल्ली. विश्व का दूसरा और एशिया का पहला सबसे बड़ा पार्क दिल्ली के बदरपुर इलाके में बन रहा है. 885 एकड़ एरिया में फैले इको पार्क (Ecological Park) के निर्माण पर 450 करोड़ रुपये खर्च होंगे. दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा को तो यह सुधारेगा ही, साथ ही यह राष्ट्रीय राजधानी का बड़ा पिकनिक स्पॉट भी बनेगा. इस पार्क में पेड़-पौधे तो लगाए ही जाएंगे, साथ ही बोटिंग के लिए जलाशय और बच्चों के खेलने के लिए किड्स जोन, म्यूजियम, इको पार्क में योग केंद्र, जोगिंग ट्रैक और फव्वारे भी बनाए जाएंगे. इको पार्क के दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है.
इको पार्क का निर्माण बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन (Badarpur Thermal Power Station) की जमीन पर हो रहा है. इस जगह पर पहले थर्मल पावर स्टेशन का कचरा डाला जाता था. नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) इस पार्क का निर्माण कर रहा है. न्यू टाउन कोलकाता (New Town kolkata) भारत का अब तक का सबसे बड़ा पार्क है. यह पार्क 480 एकड़ में फैला है. इस पार्क के चारों ओर 104 एकड़ में एक जलाशय है.
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होंगे हजारों पेड़
यह पार्क प्रकृति के प्रेमियों का स्वर्ग होगा. इस पार्क में लगभग 76,000 पेड़ लगाए जाएंगे. पार्क में लगभग 3 लाख लताएं और फूलों के पौधे भी होंगे. यहां पर्यावरण संरक्षण के लिए 3,500 वृक्ष ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं, जो कि सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) से प्रभावित हुए करीब साढ़े तीन हजार पेड़ों को यहां ट्रांसप्लांट किया जा रहा है. कुल पेड़ों में से कंप्लेंट सेंट्रल प्लांटेशन (Complaint Central Plantation) के तहत 65 एकड़ जगह पर 35,000 पेड़ लगाए जाएंगे.
यह पार्क प्रकृति के प्रेमियों का स्वर्ग होगा. इस पार्क में लगभग 76,000 पेड़ लगाए जाएंगे. पार्क में लगभग 3 लाख लताएं और फूलों के पौधे भी होंगे. यहां पर्यावरण संरक्षण के लिए 3,500 वृक्ष ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं, जो कि सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) से प्रभावित हुए करीब साढ़े तीन हजार पेड़ों को यहां ट्रांसप्लांट किया जा रहा है. कुल पेड़ों में से कंप्लेंट सेंट्रल प्लांटेशन (Complaint Central Plantation) के तहत 65 एकड़ जगह पर 35,000 पेड़ लगाए जाएंगे.
50 एकड़ में बनेंगे चार जलाशय
पार्क में 50 एकड़ एरिया में 4 जलाशय भी बनाए जाएंगे. इन जलाशयों में लोग नौकायन का आनंद ले सकेंगे. व्यायामशाला, योग केंद्र, चिड़ियाघर, हर्बल गार्डन सहित बहुत सी सुविधाएं भी यहां विकसित की जा रही हैं. सुबह से लेकर शाम तक यहां पर्यटकों के आने के लिए यहां परिवहन सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी. बदरपुर इको पार्क को दिल्ली मुंबई-एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा. इस पार्क के खुलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
पार्क में 50 एकड़ एरिया में 4 जलाशय भी बनाए जाएंगे. इन जलाशयों में लोग नौकायन का आनंद ले सकेंगे. व्यायामशाला, योग केंद्र, चिड़ियाघर, हर्बल गार्डन सहित बहुत सी सुविधाएं भी यहां विकसित की जा रही हैं. सुबह से लेकर शाम तक यहां पर्यटकों के आने के लिए यहां परिवहन सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी. बदरपुर इको पार्क को दिल्ली मुंबई-एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा. इस पार्क के खुलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
घूमने के लिए मिलेगी गाड़ी
यह पार्क इतना बड़ा है कि इस सारे पार्क में कोई पैदल नहीं घूम सकता. यहां आने वाले लोग पार्क का कोना-कोना देख सके, इसके लिए यहां गोल्फ कॉर्ट चलाई जाएगी. इनमें बैठकर यहां आने वाले लोग पूरे पार्क का चक्कर लगा पाएंगे. इको पार्क में बिजली के लिए सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है.
यह पार्क इतना बड़ा है कि इस सारे पार्क में कोई पैदल नहीं घूम सकता. यहां आने वाले लोग पार्क का कोना-कोना देख सके, इसके लिए यहां गोल्फ कॉर्ट चलाई जाएगी. इनमें बैठकर यहां आने वाले लोग पूरे पार्क का चक्कर लगा पाएंगे. इको पार्क में बिजली के लिए सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है.
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