यूनिटेक के खरीदारों को राहत, पैसा लौटाने का आदेश
Agency:भाषा
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उच्चतम न्यायालय ने यूनिटेक लिमिटेड के जेल में बंद प्रबंध निदेशक संजय चंद्र से उन परेशान खरीदारों को जो अब फ्लैट नहीं चाहते हैं, उनका पैसा लौटाने के वास्ते कुल 1,865 करोड़ रुपये में से कम से कम 1,000 करोड़ रुपये जमा कराके अपनी सदाशयता दिखाने को कहा है.

उच्चतम न्यायालय ने यूनिटेक लिमिटेड के जेल में बंद प्रबंध निदेशक संजय चंद्र से उन परेशान खरीदारों को जो अब फ्लैट नहीं चाहते हैं, उनका पैसा लौटाने के वास्ते कुल 1,865 करोड़ रुपये में से कम से कम 1,000 करोड़ रुपये जमा कराके अपनी सदाशयता दिखाने को कहा है.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ को न्यायमित्र ने सूचित किया कि यूनिटेक से घर खरीदने वाले 4,688 ग्राहक घर पर कब्जा ना चाहकर अपना धन वापस चाहते हैं. कंपनी के आंकड़ों के अनुसार इस हिसाब से वापस की जाने वाली कुल रकम 1,865 करोड़ रुपये बनती है.
चंद्र की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने पीठ के समक्ष कहा कि उन्हें जेल से बाहर आने दिया जाए ताकि वह निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए धन का प्रबंध कर सकें और आवासीय परियोजनाओं को पूरा कर सकें. इस पर न्यायालय ने कहा कि वापसी की रकम को जमा करके उन्हें अपनी प्रमाणिकता दिखानी होगी.
इस पीठ में न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूढ़ भी शामिल हैं. पीठ ने कहा, ‘‘आपने अब तक 130 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. कम से कम 1,000 करोड़ रुपये तो जमा किए जाने चाहिए.’’ पीठ ने कहा, ‘‘धन वापस चाहने वाले लोगों के लिए हमारा फर्ज है कि हम देखें कि उन्हें वह धन वापस मिल रहा है. धन की वापसी के लिए आपको प्रामाणिकता दिखानी चाहिए. हमारे विचार में यह तस्वीर बहुत बड़ी है.
हम आपको (बाहर आने की) अनुमति दे सकते हैं और एक समय सीमा तय कर सकते हैं.’’ शीर्ष अदालत ने रीयल एस्टेट कंपनी से प्रश्न भी किया कि लोगों का पैसा लौटाने और आवासीय परियोजनाएं पूरी करने के लिए वह अपनी संपत्तियों की नीलामी क्यों नहीं कर देते?
कुमार ने न्यायालय से कहा कि यदि चंद्र को सिर्फ चार हफ्तों के लिए जेल से बाहर आने की अनुमति दी जाए तो वह ग्राहकों का पैसा लौटाने के लिए धन का प्रबंध कर सकते हैं साथ ही जो लोग घर चाहते हैं उन्हें घर का कब्जा दिलवा सकते हैं. उनके बाहर आए बिना यह मुमकिन नहीं है. कंपनी ने अब तक 130 करोड़ रुपये जमा कराए हैं.
अदालत के संपत्ति को बेचने के सवाल पर कुमार ने कहा कि संपत्तियों की नीलामी से इतना धन नहीं जुटाया जा सकता. कंपनी की कुल 64 परियोजनाएं हैं.
पीठ ने कहा कि वापसी के लिए धन जुटाने हेतु संपत्तियों को नीलामी के लिए रखा जा सकता है. इस पर कुमार ने कहा कि इस मसले पर आगे सलाह-मशविरा कर वह अदालत में वापस लौटेंगे. इस पर न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 30 अक्तूबर तय की है.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ को न्यायमित्र ने सूचित किया कि यूनिटेक से घर खरीदने वाले 4,688 ग्राहक घर पर कब्जा ना चाहकर अपना धन वापस चाहते हैं. कंपनी के आंकड़ों के अनुसार इस हिसाब से वापस की जाने वाली कुल रकम 1,865 करोड़ रुपये बनती है.
चंद्र की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने पीठ के समक्ष कहा कि उन्हें जेल से बाहर आने दिया जाए ताकि वह निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए धन का प्रबंध कर सकें और आवासीय परियोजनाओं को पूरा कर सकें. इस पर न्यायालय ने कहा कि वापसी की रकम को जमा करके उन्हें अपनी प्रमाणिकता दिखानी होगी.
इस पीठ में न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूढ़ भी शामिल हैं. पीठ ने कहा, ‘‘आपने अब तक 130 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. कम से कम 1,000 करोड़ रुपये तो जमा किए जाने चाहिए.’’ पीठ ने कहा, ‘‘धन वापस चाहने वाले लोगों के लिए हमारा फर्ज है कि हम देखें कि उन्हें वह धन वापस मिल रहा है. धन की वापसी के लिए आपको प्रामाणिकता दिखानी चाहिए. हमारे विचार में यह तस्वीर बहुत बड़ी है.
हम आपको (बाहर आने की) अनुमति दे सकते हैं और एक समय सीमा तय कर सकते हैं.’’ शीर्ष अदालत ने रीयल एस्टेट कंपनी से प्रश्न भी किया कि लोगों का पैसा लौटाने और आवासीय परियोजनाएं पूरी करने के लिए वह अपनी संपत्तियों की नीलामी क्यों नहीं कर देते?
कुमार ने न्यायालय से कहा कि यदि चंद्र को सिर्फ चार हफ्तों के लिए जेल से बाहर आने की अनुमति दी जाए तो वह ग्राहकों का पैसा लौटाने के लिए धन का प्रबंध कर सकते हैं साथ ही जो लोग घर चाहते हैं उन्हें घर का कब्जा दिलवा सकते हैं. उनके बाहर आए बिना यह मुमकिन नहीं है. कंपनी ने अब तक 130 करोड़ रुपये जमा कराए हैं.
अदालत के संपत्ति को बेचने के सवाल पर कुमार ने कहा कि संपत्तियों की नीलामी से इतना धन नहीं जुटाया जा सकता. कंपनी की कुल 64 परियोजनाएं हैं.
पीठ ने कहा कि वापसी के लिए धन जुटाने हेतु संपत्तियों को नीलामी के लिए रखा जा सकता है. इस पर कुमार ने कहा कि इस मसले पर आगे सलाह-मशविरा कर वह अदालत में वापस लौटेंगे. इस पर न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 30 अक्तूबर तय की है.
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