Advertisement

हाइड्रेशन फॉर हेल्थ सीजन 2: भारत की तपती गर्मियों में डिहाइड्रेशन का सामना

Last Updated:

नेटवर्क 18 और एलेक्ट्राल ने हाइड्रेशन फॉर हेल्थ पहल की सफलता का इस्तेमाल करके भारतीयों को डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) से लड़ने में बनाया सशक्त.

हाइड्रेशन फॉर हेल्थ सीजन 2: भारत की तपती गर्मियों में डिहाइड्रेशन का सामनाडिहाइड्रेशन एक बड़ी समस्या है.
भारतीय तेज गर्मियों के आदती होते हैं, लेकिन फिर भी हमें स्वीकार करना पड़ेगा कि पिछले कुछ वर्ष बहुत निर्मम रहे हैं. भारत में 2023 में पहली हीट वेव की चेतावनी फरवरी में आयी थी. यह हमारी सदी की सबसे गर्म फरवरी भी थी. मार्च तक, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अनुमान लगाया था कि मार्च के अन्तिम सप्ताह में गंगा के मैदान और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री ऊपर रह सकता है. अप्रैल तक, हम अपनी हीट वेव का नाम रखने के बारे में सोचने लगे थे, जैसा पश्चिम में हरिकेन के साथ करते हैं.

एक गर्म होते हुए ग्रह का निवासी होने के नाते, हम सभी को सीखने की ज़रूरत है कि इन तापमानों से अनुकूलन कैसे किया जाये. यह बात ख़ास तौर से भारत में सच है, जहाँ गर्मियों का मौसम लम्बा, ज्यादा समय तक रहने वाला होता है. ज़ाहिर तौर से, साल में 4 महीने अपने वातानुकूलित घरों में बैठे रहना विकल्प नहीं है. हमें काम पर और स्कूल जाना होता है, रोज़मर्रा के काम होते हैं, दोस्तों से मिलना होता है और शरीर को व्यायाम करना होता है.
अधिक गर्म जलवायु में रहने (और कामयाब होने!) के तरीके सीखने में, उन चीज़ों में सबसे पहली जो हमें सीखनी है यह है कि हमें को उचित जलयोजन की शिक्षा देनी होगी. तापघात के आलावा, डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) उच्च तापमान में जीने और काम करने में सबसे बड़े ज़ोखिमों में से एक है. डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) न केवल उनके लिए बहुत बड़ा जोखिम है जो बाहर काम करते हैं, बल्कि हममें से उनके लिए भी जो इतने विशेषाधिकार प्राप्त हैं कि वातानुकूलित घरों में रहते हैं और अन्दर बैठकर काम करते हैं.

दुर्भाग्य से, डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) इतना आम है कि हममें से ज़्यादातर इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं. पर इसके बारे में सोचिये: केवल भारत में पाँच साल से कम उम्र के 1 लाख से अधिक बच्चे डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) और उससे सम्बन्धित जटिलताओं के कारण मरते हैं, और दुनिया में, ये आँकड़ा 7.6 लाख बच्चों तक पहुँच जाता है.
इस त्रासदी का सबसे दुर्भाग्यशाली पक्ष ये है कि ये मौतें लगभग पूरी तरह से उचित हाइड्रेशन (जलीकरण) के जरिये रोकी जा सकती हैं. एक जागरूकता के कमी से निपटने के लिए, एलेक्ट्राल और नेटवर्क 18 ने 2022 में हाइड्रेशन फॉर हेल्थ पहल शुरू की. इस पहल में देश भर के चिकित्सकों के साथ पैनल चर्चा, जिसमें हाइड्रेशन (जलीकरण) के विभिन्न पहलुओं, और डायरिया सम्बन्धी डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) को रोकने के सबस अच्छे उपाय – विशेष तौर पर बच्चों में पर चर्चा शामिल है. उन्होंने अचानक होने वाले डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के कई कारणों पर केन्द्रित किया – जिसमें डायरिया, तेज बुखार, उलटी जैसी बीमारियाँ आदि शामिल हैं.

लेकिन केवल बच्चे ही नहीं हैं जो डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) से पीड़ित होते हैं. डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) बड़ों में भी फैल जाता है. प्रायः, डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) को पहचान पाना मुश्किल होता है, ख़ास तौर पर बड़ों में, और साथ ही, बहुत छोटे बच्चों में भी – विशेष तौर पर जब डायरिया कारण न हो. हाइड्रेशन (जलीकरण) हमारी प्रतिरोधक क्षमता पर भी बहुत अधिक असर डालता है, और बहुत से लोग अपने और अपने परिवार को जलीकृत रखने के सबसे अच्छे तरीकों को नहीं जानते. और शर्करायुक्त पेय विकल्प नहीं हैं! हाइड्रेशन फॉर हेल्थ पहल ने इन सभी विषयों को, साथ ही बहुत कुछ और को शामिल किया है.
प्रचलित विश्वास के विपरीत, बस बहुत सारा पानी पी लेने से आप जलीकृत नहीं होते. अच्छे हाइड्रेशन (जलीकरण) में द्रव और इलेक्ट्रोलाईट दोनों शामिल हैं. जिस तरह हमने अभी-अभी ‘एल निनो’ प्रभाव और ‘वेट बल्ब’ तापमान के बारे में जाना है, ‘द्रव संतुलन’ को भी हमारी शब्दावली का हिस्सा होना चाहिए. सौभाग्य से, आपके लिए ज़रूरी हर जानकारी आप तक आसानी से समझ आने वाले वीडियो, लेखों और पैनल चर्चा के रूप में हाइड्रेशन फॉर हेल्थ के सीजन 2 में आ रही है.

इस बीच, आप आपनी हाइड्रेशन (जलीकरण) आईक्यू की जाँच यहाँ पर हमारे हाइड्रेशन फॉर हेल्थ पहेली से कर सकते हैं. हाइड्रेशन फॉर हेल्थ क्विज से कर सकते हैं. आपको आश्चर्य होगा कि आपको कितना कुछ नहीं पता है! अच्छी ख़बर यह है कि इन सभी प्रश्नों के उत्तर हमारे सीजन 1 के लेखों और वीडियो में पाये जा सकते हैं. भले ही आप पहेली में अच्छा स्कोर नहीं करते हैं, हिम्मत रखिये. आपके पास संभवतः अपने घर के प्राथमिक चिकित्सा किट में डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) का सबसे अच्छा विकल्प है – एलेक्ट्राल!
1960 में अपनी खोज से अब तक, ORS ने डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) की परिस्थितियों में अपने जीवनरक्षक प्रभाव को भरोसेमन्द तरीके से दिखाया है. इतना अधिक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने फार्मूला को सटीक बनाने के लिए वर्षों अनुसंधान किया. यह फार्मूला भारत में हमारे पास 1972 से उपलब्ध है, एलेक्ट्राल के रूप में. बेशक, एलेक्ट्राल भारत में चिकित्सकों द्वारा अनुशंसित WHO मौखिक पुनर्जलीकरण विलयन है.

तो गर्मियों के ताप को अपने पर असर मत करने दीजिये. इसकी बजाय, हमेशा जलीकृत रहिये, एलेक्ट्राल के साथ.
-पार्टनर पोस्ट.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homebusiness
हाइड्रेशन फॉर हेल्थ सीजन 2: भारत की तपती गर्मियों में डिहाइड्रेशन का सामना
और पढ़ें