Advertisement

कम कीमत वाले शेयरों से दिखाया मुनाफे का सपना, फिर लाखों निवेशकों को लूटा, हर्षद से आगे निकला था उसका ये चेला!

Last Updated:

हर्षद मेहता घोटाले के बाद केतन पारेख घोटाला दूसरा सबसे महत्वपूर्ण घोटाला था. 2001 में हुए इस स्कैम से भारतीय शेयर बाजार बुरी तरह गया था. आइये जानते हैं आखिर केतन ने कैसे दिया इस घोटाले को अंजाम?

कम कीमत वाले शेयरों से दिखाया मुनाफे का सपना, फिर लाखों निवेशकों को लूटाकेतन पारेख (फाइल फोटो)
Ketan Parekh Scam: शेयर बाजार में हुए सबसे बड़े घोटाले के दोषी के तौर पर हर्षद मेहता को जाना जाता है. लेकिन, हर्षद मेहता घोटाले के बाद भी स्टॉक मार्केट में एक और बड़ा स्कैम हुआ और इस घोटाले को किसी जमाने में हर्षद मेहता के चेले रहे केतन पारेख ने अंजाम दिया. आपने 2001 में हुए केतन पारेख स्कैम के बारे में जरूर सुना होगा.

हर्षद मेहता घोटाले के बाद केतन पारेख घोटाला दूसरा सबसे महत्वपूर्ण घोटाला था जिसने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को हिलाकर रख दिया था. हर्षद मेहता से ट्रेडिंग के गुर सीखने वाले केतन पारेख ने भी वही काम किया जो उससे 10-15 साल पहले हर्षद मेहता ने किया था. लेकिन, नतीजा वही मिला जो हर्षद मेहता के साथ हुआ.
ये भी पढ़ें- 1 साल में तीन गुना, 3 वर्ष में 13 गुना कर दिया पैसा, खूब भाग रहा रेलवे का यह शेयर, इस वजह से नहीं थम रही तेजी

कौन था केतन पारेख
केतन पारेख एक पेशे से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट था और उसने अपने परिवार के ब्रोकरेज बिजनेस के काम को संभाल लिया. हर्षद मेहता की तरह ही केतन पारेख भी जब बुलंदियों पर था तो उसका रसूख देखते ही बनता था. वह बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिकों के साथ उठता-बैठता था.
केतन पारेख ने हर्षद मेहता द्वारा इस्तेमाल किए गए “पंप एंड डंप” सिस्टम को गहराई से समझा. लेकिन, इसका इस्तेमाल बदलाव के साथ करना चाहा. दरअसल “पंप एंड डंप” शेयर मार्केट में एक ऐसा धोखा है जिसमें कोई बड़ा निवेशक पहले शेयरों के भाव को बढ़ाता है और फिर स्टॉक के उंचाइयों पर पहुंचने के बाद सारे शेयर बेचकर निकल लेता है.

कम कीमत वाले शेयरों से दिखाए बड़े सपने
केतन पारेख ने भी कुछ ऐसा ही किया. 2000 की शुरुआत और उससे पहले केतन पारेख ने भांप लिया था कि देश में आईटी सेक्टर तेजी ग्रोथ दिखाएगा इसलिए केतन पारेख ने आईटी शेयरों में निवेश करना शुरू कर दिया. लेकिन, इस मौके का फायदा उठाने के लिए उसने छोटी कंपनियों को चुना और ‘पंप एंड डंप’ के जरिए बड़ा पैसा बनाया.
इसके बाद केतन पारेख ऐसे शेयरों की तलाश में रहता था जिनका बाज़ार पूंजीकरण कम हो और लिक्विडिटी भी कम हो. वह फिर इन शेयरों में पैसा लगाता था और कंपनियों के अंदर अपने नेटवर्क जरिए इनसाइडर ट्रेडिंग करता था.

खुद के नाम और पहचान को बनाया हथियार
केतन पारेख ने अपने द्वारा चुने गए 10 शेयरों की मार्केटिंग के लिए अनोखा तरीका अपनाया. इन शेयरों को K-10 स्टॉक के रूप में जाना जाने लगा और बाजार व निवेशक हमेशा इन शेयरों के भविष्य को लेकर उत्साहित नजर आते थे, लेकिन सच्चाई कुछ और थी.
शेयर बाजार को केतन पारेख के घोटाले की खबर तब पता चली जब बैंक ऑफ इंडिया की मुंबई शाखा ने आरोप लगाया कि केतन पारेख ने उनके साथ 137 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. इसके बाद स्टॉक मार्केट में बड़ी गिरावट आई. आरबीआई ने पारेख के खिलाफ जांच शुरू की तो केतन पारेख को इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी पाया गया. इसके बाद सीबीआई ने केतन को गिरफ्तार कर लिया.
उसे शेयर की कीमतों में हेराफेर करने का भी दोषी ठहराया गया. जांच के बाद बाजार नियामक ने उसके शेयर बाजार में निवेश या ट्रेड करने पर प्रतिबंध लगा दिया. वहीं, कोर्ट ने उसे कारावास की सजा सुनाई. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केतन पारेख ने इन गलत तरीकों से करीब 40,000 करोड़ के घोटाले का अंजाम दिया.

About the Author

Chandrashekhar Gupta
चंद्रशेखर गुप्ता को टीवी और डिजिटल पत्रकारिता में 9 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने जी न्यूज में काम किया है. वर्तमान में वह hindi.news18.com के होम पेज पर काम कर रहे हैं. उन्हे...और पढ़ें
चंद्रशेखर गुप्ता को टीवी और डिजिटल पत्रकारिता में 9 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने जी न्यूज में काम किया है. वर्तमान में वह hindi.news18.com के होम पेज पर काम कर रहे हैं. उन्हे... और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homebusiness
कम कीमत वाले शेयरों से दिखाया मुनाफे का सपना, फिर लाखों निवेशकों को लूटा
और पढ़ें