RBI का बड़ा ऐलान, इस बैंक का कैंसिल किया लाइसेंस, ग्राहकों के जमा पैसों का क्या होगा?
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लखनऊ के एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक (HCBL Co-operative Bank) का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. आरबीआई ने सोमवार को कहा कि बैंक ने 19 मई की शाम से कामकाज बंद कर दिया है.

नई दिल्ली. एक और बैंक ग्राहकों पर बड़ी मुसीबत आ पड़ी है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा एक्शन लिया है. आरबीआई ने एक को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस कैंसिल करने का ऐलान कर दिया है. दरअसल, आरबीआई ने लखनऊ के एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक (HCBL Co-operative Bank) का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त कैपिटल और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं, जिसकी वजह से उसका लाइसेंस कैंसिल किया गया है. आरबीआई ने सोमवार (19 मई) को बयान में कहा कि एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक ने 19 मई की शाम से कामकाज बंद कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के को-ऑपरेटिव कमिश्नर और रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है. लिक्विडेशन पर हर डिपॉजिटर्स डीआईसीजीसी से 5 लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि पर डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट हासिल करने का हकदार होगा. आरबीआई ने कहा कि बैंक के डेटा के मुताबिक, 98.69 फीसदी डिपॉजिटर्स डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि हासिल करने के हकदार हैं. डीआईसीजीसी ने 31 जनवरी, 2025 तक कुल इंश्योर्ड डिपॉजिट में से 21.24 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है.
नियमों का पालन करने में फेल रहा बैंक
आरबीआई ने कहा कि को-ऑपरेटिव बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की कुछ सेक्शंस की जरूरतों का पालन करने में फेल रहा है और बैंक का जारी रहना इसके डिपॉजिटर्स के हित में नहीं है. लाइसेंस को रद्द करने के परिणामस्वरूप, एचसीबीएल को-ऑपरेटिव को तत्काल प्रभाव से डिपॉजिट और विड्रॉल समेत बैंकिंग कामकाज से रोक दिया गया है.
आरबीआई ने कहा कि को-ऑपरेटिव बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की कुछ सेक्शंस की जरूरतों का पालन करने में फेल रहा है और बैंक का जारी रहना इसके डिपॉजिटर्स के हित में नहीं है. लाइसेंस को रद्द करने के परिणामस्वरूप, एचसीबीएल को-ऑपरेटिव को तत्काल प्रभाव से डिपॉजिट और विड्रॉल समेत बैंकिंग कामकाज से रोक दिया गया है.
बैंक डूबने पर 5 लाख रुपये तक सुरक्षित
बता दें कि बैंक डूबने या दिवालिया होने पर जमाकर्ता के पास एकमात्र राहत डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा दिया जाने वाला इंश्योरेंस कवर होता है. डीआईसीजीसी के तहत इंश्योरेंस कवर 5 लाख रुपये तक मिलता है. एक ही बैंक में आपके सभी अकाउंट्स को मिलाकर कितना ही पैसा जमा क्यों न हो, आपको केवल 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इस रकम में मूलधन और ब्याज की राशि दोनों शामिल हैं.
बता दें कि बैंक डूबने या दिवालिया होने पर जमाकर्ता के पास एकमात्र राहत डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा दिया जाने वाला इंश्योरेंस कवर होता है. डीआईसीजीसी के तहत इंश्योरेंस कवर 5 लाख रुपये तक मिलता है. एक ही बैंक में आपके सभी अकाउंट्स को मिलाकर कितना ही पैसा जमा क्यों न हो, आपको केवल 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इस रकम में मूलधन और ब्याज की राशि दोनों शामिल हैं.
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vinoy jha
प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत करने के बाद पिछले 5 वर्षों से News18Hindi में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कार्यरत हैं. लगभग 2 वर्षों से बिजनेस न्यूज टीम का हिस्सा हैं. पत्रकारिता में करीब एक दशक का अनुभव रखते हैं. ...और पढ़ें
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