Advertisement

देश के पहले ब्यूटी ब्रांड को बुलंदी तक पहुंचाने वाली रतन टाटा की सौतली मां, प्रोडक्ट बनाने में खुद रहीं शामिल

Written by:
Last Updated:

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा की सौतेली मां, सिमोन टाटा, जिन्होंने भारत के पहले ब्यूटी ब्रांड लैक्मे को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. उनके नेतृत्व में लैक्मे ने भारत में ब्यूटी प्रोडक्ट्स की दुनिया में क्रांति ला दी और 1980 में पहला ब्रांडेड ब्यूटी सैलून भी खोला.

देश के पहले ब्यूटी ब्रांड को बुलंदी तक पहुंचाने वाली रतन टाटा की सौतली मांलैक्मे की शुरुआत 1952 में हुई थी.
नई दिल्ली. दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के आखिरी सफर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने उनकी सौतेली मां भी पहुंची. सिमोन टाटा की शादी 1955 में नवल एच. टाटा से हुई थी. नवल एच टाटा की 2 पत्नियां रहीं. पहली पत्नी सूनी से रतन टाटा और जिम्मी टाटा का जन्म हुआ और दूसरी पत्नी यानी सिमोन टाटा ने नोएल टाटा को जन्म दिया. नोएल टाटा आज टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन बना दिये गए. सिमोन टाटा देश के पहले ब्यूटी ब्रांड को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाने में बड़ा योगदान है.

लैक्मे की शुरुआत उनकी देन भले न हो लेकिन उसे 200 करोड़ की कंपनी बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. लैक्मे की शुरुआत 1952 में हुई थी. कंपनी की नींव रखे जाने में बहुत सारे समीकरण लेकिन फिलहाल हम उसकी बात नहीं करेंगे. इस लेख में केवल लैक्मे की बुलंदी और उसे वहां तक पहुंचाने वाली सिमोन टाटा की बात की जाएगी.
ये भी पढ़ें- नो कॉस्ट EMI का क्या मतलब है, फ्री नहीं मिलती सुविधा, ऐसे समझें कंपनियों का खेल

1961 में संभाली कमान
लैक्मे को शुरू हुए लगभग 1 दशक हो चुका था. इसका रंग लोगों पर चढ़ने लगा था. पहले जो कंपनी किराए एक छोटे से परिसर में थी उसे 1960 में एक बड़ी जगह शिफ्ट कर दिया गया. लैक्मे के लॉच होने के बाद भारत में विदेशी ब्यूटी प्रॉडक्ट का आयात लगभग बंद होने लगा. ब्रांड को और बड़ा करने के लिए टाटा ने इसकी जिम्मेदारी सिमोन टाटा को दी। सिमोन टाटा, नावल एच टाटा की पत्नी थीं। साल 1961 में उन्हें लैक्मे की मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया. सिमोन टाटा ने लैक्मे को बुलंदियों पर पहुंचा दिया. साल 1980 में लैक्मे ने अपना पहला ब्रांडेड ब्यूटी सैलों (Beauty Salon) खोला. साल 1982 तक सिमोन टाटा चेयरमैन के पद पर बनीं रही.
ऐसा कहा जाता है कि लैक्मे के बेहतर बनाने के लिए प्रोडक्ट प्रिप्रेशन में वह खुद भी शामिल होती थीं. वह विदेश से प्रोडक्ट्स लातीं और भारत के उत्पाद को उस क्वालिटी का बनाने का प्रयास करतीं. केवल लैक्मे ही नहीं, बल्कि कपड़ो के रिटेल स्टोर वेस्टसाइड की शुरुआत का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है.

हिन्दुस्तान यूनिलीवर ने किया अधिग्रहण
साल 1993 में टाटा और हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) ने लैक्मे में 50:50 की पार्टनरशिप की. साल 1998 में लैक्मे की पूरी हिस्सेदारी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने ले ली. टाटा ने इस सोच के साथ लैक्मे को हिंदुस्तान यूनिलीवर को सौंपा कि वो भविष्य में इसके साथ बेहतर न्याय कर पाएगी. टाटा ने 200 करोड़ रुपये में लैक्मे की बाकी हिस्सेदारी हिंदुस्तान यूनिलीवर को बेची थी.

About the Author

Jai Thakur
जय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे...और पढ़ें
जय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे... और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homebusiness
देश के पहले ब्यूटी ब्रांड को बुलंदी तक पहुंचाने वाली रतन टाटा की सौतली मां
और पढ़ें