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घर खरीदारों को राहत, दिवालिया बिल्डर से टाइम पर मिलेगा रिफंड, सरकार ने दिया आदेश, 'गुजरात मॉडल' अपनाएं RERAs

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केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) से रिकवरी मैकेनिज्म को और दुरुस्त बनाने को कहा है.

घर खरीदारों को राहत, दिवालिया बिल्डर से टाइम पर मिलेगा रिफंड, जानिए कैसे?देशभर में रिफंड को लेकर घर खरीदारों ने शिकायत की हैं.
नई दिल्ली. देशभर में घर या फ्लैट लेने वाले करोड़ों ग्राहकों को बिल्डर्स और डेवलपर्स की गलतियों व मनमानी से नुकसान उठाना पड़ता है. अक्सर डेवलपर्स दिवालिया होने की स्थिति में रिफंड लौटाने में देरी या हाथ खड़े कर देते हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं चलने वाला है. इस मुद्दे को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है इसलिए अब घर खरीदार डेवलपर्स के डिफॉल्ट होने की स्थिति में आसानी से रिफंड पा सकेंगे. खास बात है कि उन्हें फ्लैट या रिफंड के लिए बार-बार RERA के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इसके लिए केंद्रीय शहरी विकास और आवास मंत्रालय ने सभी राज्यों के रेरा को नई एडवाइजरी जारी की है.

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, हाउसिंग मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) से रिकवरी मैकेनिज्म को और दुरुस्त बनाने को कहा है. मंत्रालय ने एडवाइजरी में सभी राज्यों के रेरा को गुजरात रेरा की तर्ज पर अपने नियमों के तहत वसूली की प्रणाली बनाने को कहा है. इसमें रेरा को वसूली अधिकारी नियुक्त करने को भी कहा गया है.
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मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
मंत्रालय ने तीनों सुझावों पर विचार करने के बाद यह एडवाइजरी जारी की है. हाल ही में केंद्रीय सलाहकार परिषद के तहत गठित उपसमिति की दूसरी बैठक हुई, जिसमें मंत्रालय ने गुजरात मॉडल अपनाने की बात कही. इस रिफंड सिस्टम से यह सुनिश्चित होने की उम्मीद है कि घर खरीदारों को समय पर रिफंड अमाउंट का भुगतान हो.
दरअसल देशभर से मंत्रालय को कई शिकायतें मिली थीं कि RERA के आदेश के बाद भी घर खरीदारों को समय पर रिफंड नहीं मिल रहा है. देश में घर खरीदारों को ऑर्डर देने के बाद भी रिफंड न मिलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा था.

6 राज्यों के RERA से मिले सुझाव
मंत्रालय ने इस संबंध में 6 राज्यों तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक के रेरा से सलाह मांगी थी. इन 6 रेरा को रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम के तहत जारी वसूली आदेशों का प्रभावी और समय पर अनुपालन सुनिश्चित करने के तरीके सुझाने के लिए कहा गया था. इसके बाद मंत्रालय को तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र RERA से सुझाव मिले थे.
इंडिया होम बायर्स बॉडी, पीपुल्स कलेक्शन एफेटर्स के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने बताया कि देशभर में घर खरीदारों के सामने डेवलपर्स की ओर से रिफंड नहीं मिलना एक बड़ी समस्या है. इसे बारे में हमने रिकवरी सिस्टम को लेकर गुजरात मॉडल का अध्ययन करने के बाद उस पर विचार करने के लिए मंत्रालय को सुझाव दिया था. यह बेहद अच्छी बात है कि मिनिस्ट्री ने इस पर विचार करते हुए सभी राज्यों के रेरा को रिकवरी के लिए ‘गुजरात मॉडल’ अपनाने को कहा है.

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Chandrashekhar Gupta
चंद्रशेखर गुप्ता को टीवी और डिजिटल पत्रकारिता में 9 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने जी न्यूज में काम किया है. वर्तमान में वह hindi.news18.com के होम पेज पर काम कर रहे हैं. उन्हे...और पढ़ें
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