अगर आपने ने भी कब्जा की है भावली जमीन, तो जाए सतर्क, दखल-कब्जे का मांगा जाएगा आधार, नहीं तो होगी कार्रवाई
Reported by:
Agency:News18 Bihar
Last Updated:
अंचलाधिकारी हेमेंद्र कुमार ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति भावली यानी बिहार सरकार की (गैरमजरूआ आम, खास, मालिकाना) जमीन पर कब्जा करता है तो उन पर भी अब कार्रवाई की सुई घूमने वाली है. क्योंकि भावली जमीन को बिहार सरकार अधिग्रहण कर रही है.

सीवान: बिहार में भूमि से संबंधित नए नियम को लेकर जहां रैयतदार परेशान थे और आखिरकार रैयतदारो को राहत मिल गई थी. हालांकि, अब नया मामला बावली जमीन को लेकर सामने आया है. जिससे एक बार रैयतदारो की परेशानी फिर से बढ़ गई है. खासकर वैसे रैयत काफी परेशान नजर आ रहे हैं जो किसी न किसी रूप में बावली जमीन पर कब्जा किए हुए, वे लगातार अंचल कार्यालय और कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं. ऐसे रैयतदारो को राहत मिलने की उम्मीद काफी कम है.
अंचलाधिकारी हेमेंद्र कुमार ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति भावली यानी बिहार सरकार की (गैरमजरूआ आम, खास, मालिकाना) जमीन पर कब्जा करता है तो उन पर भी अब कार्रवाई की सुई घूमने वाली है. क्योंकि भावली जमीन को बिहार सरकार अधिग्रहण कर रही है. बहुत से लोग गलत तरीके और फर्जी दस्तावेज के आधार पर भावली गड़हा, पोखरा, सड़क, देव स्थान, ब्रम्ह स्थान सार्वजनिक स्थल, बाजार , हाट सहित अन्य स्थानों पर जमीन पर कब्जा किए हुए हैं. ऐसे स्थानों को राजस्व कर्मचारी के माध्यम से चिन्हित करवा लिया गया है. जिन पर कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा.
दखल-कब्जा का मांगा जाएगा आधार
अंचलाधिकारी ने बताया कि भावली भूमि पर हुए दखल-कब्जा का आधार मांगा जाएगा, इसके लिए नोटिस जारी किया जाएगा. आधार यानी दस्तावेज नहीं दिखाने पर कार्रवाई की तलवार लटकेगी. अंचलाधिकारी ने आगे बताया कि गांवों में बहुत से ऐसे जलाशय है जो खतियान में दर्ज है, उसे जलाशय के रूप में विकसित करना है. ऐसे जलाशयों का सर्वे राजस्व कर्मचारी ने किया है. लोग फर्जी जमीन का पट्टा बनवाकर दावा पेश कर रहे हैं, जबकि नियमतः गैरमजरूआ आम हो या खास उसका बैनामा या रजिस्ट्री नहीं होगी.
अंचलाधिकारी ने बताया कि भावली भूमि पर हुए दखल-कब्जा का आधार मांगा जाएगा, इसके लिए नोटिस जारी किया जाएगा. आधार यानी दस्तावेज नहीं दिखाने पर कार्रवाई की तलवार लटकेगी. अंचलाधिकारी ने आगे बताया कि गांवों में बहुत से ऐसे जलाशय है जो खतियान में दर्ज है, उसे जलाशय के रूप में विकसित करना है. ऐसे जलाशयों का सर्वे राजस्व कर्मचारी ने किया है. लोग फर्जी जमीन का पट्टा बनवाकर दावा पेश कर रहे हैं, जबकि नियमतः गैरमजरूआ आम हो या खास उसका बैनामा या रजिस्ट्री नहीं होगी.
यह भी पढ़ें- इन 4 पौधों में छिपा है त्वचा रोग, कब्ज, खांसी का इलाज! पत्ती, फूल, सब कारगर, सेहत के साथ बढ़ाएंगे घर की शोभा
गैरमजरूआ मालिकाना वालों को मिलेगी राहत
दरअसल, गैरमजरूआ आम से किसी भी हालत में राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, ऐसे भूमि के खुले जमाबंदी रद्द हो जाएंगे, लेकिन गैरमजरूआ मालिकाना जमीन वालों को राहत मिलेगी, इसके लिए उन्हें भूमि के खतियान, दस्तावेज, रिटर्न या 1-1-1996 के पहले का पट्टा और मालिक के रसीद होना आवश्यक है. सबसे खास बात यह है कि इसी भूमि पर सरकार व अंचल का विशेष नजर है. लोग भी अब कब्जा हुए भावली जमीन पर अंचल और लोक शिकायत में कम्प्लेन कर उजागर कर रहे हैं.
दरअसल, गैरमजरूआ आम से किसी भी हालत में राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, ऐसे भूमि के खुले जमाबंदी रद्द हो जाएंगे, लेकिन गैरमजरूआ मालिकाना जमीन वालों को राहत मिलेगी, इसके लिए उन्हें भूमि के खतियान, दस्तावेज, रिटर्न या 1-1-1996 के पहले का पट्टा और मालिक के रसीद होना आवश्यक है. सबसे खास बात यह है कि इसी भूमि पर सरकार व अंचल का विशेष नजर है. लोग भी अब कब्जा हुए भावली जमीन पर अंचल और लोक शिकायत में कम्प्लेन कर उजागर कर रहे हैं.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
और पढ़ें