शेयर मार्केट में आखिर क्यों हो रही लगातार गिरावट? क्या है इसकी वजह? CA ने खोले राज
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Share Market: भारतीय शेयर मार्केट में 29 साल की सबसे बड़ी गिरावट पर चल रहा है. शेयर मार्केट की इस गिरावट के पीछे आखिर क्या कारण है. गिरावट के इस कारण को समझने के लिए हमने सीए से बातचीत की. आइए जानते हैं क्या वजह है.
Share Market: भारतीय शेयर मार्केट में लगातार गिरावट जारी है. इस गिरावट ने 29 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2025 में हर दिन औसतन 2700 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. आखिर घरेलू शेयर मार्केट क्यों गिर रहा है? सरल शब्दों में कहें तो, वैश्विक अनिश्चितता, घरेलू अर्थव्यवस्था में सुस्ती, कंपनियों के कमजोर नतीजे, FIIs की बिकवाली और रुपये की कमजोरी ने मिलकर भारतीय शेयर बाजार को नीचे धकेल दिया है.
अमेरिकी चुनाव से बिगड़ा खेल
गिरावट के कारण को समझने के लिए लोकल 18 ने सीए अभय प्रताप से बात की. उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता बढ़ी, जिससे ट्रेड वॉर की आशंका और बढ़ गई. कम ब्याज दरों का दौर खत्म हो गया है और अब लंबे समय तक ब्याज दरें ऊंची रह सकती हैं. अभय ने बताया कि पिछले कुछ क्वार्टर से भारतीय कंपनियों ने खराब प्रदर्शन किया है. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयरों को बेचना शुरू कर दिया, क्योंकि उन्हें शेयरों की कीमतें ज्यादा लग रही थीं.
ट्रेड वॉर की आशंका ने डराया
सीए अभय प्रताप ने कहा कि इस बार जो बजट आया उसमें भी शेयर मार्केट के लिए कुछ नहीं था. इसका नतीजा भी देखने को मिल रहा है. इस वजह से घरेलू अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गई. वहीं, चीन जैसे अन्य उभरते बाजारों में आकर्षक निवेश के अवसर और ट्रेड वॉर की आशंका के कारण FIIs ने भारतीय बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और घरेलू अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेतों ने विदेशी निवेशकों को भी डरा दिया है. इस वजह से शेयर मार्केट गिरावट की तरफ बढ़ गया.
अमेरिकी चुनाव से बिगड़ा खेल
गिरावट के कारण को समझने के लिए लोकल 18 ने सीए अभय प्रताप से बात की. उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता बढ़ी, जिससे ट्रेड वॉर की आशंका और बढ़ गई. कम ब्याज दरों का दौर खत्म हो गया है और अब लंबे समय तक ब्याज दरें ऊंची रह सकती हैं. अभय ने बताया कि पिछले कुछ क्वार्टर से भारतीय कंपनियों ने खराब प्रदर्शन किया है. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयरों को बेचना शुरू कर दिया, क्योंकि उन्हें शेयरों की कीमतें ज्यादा लग रही थीं.
ट्रेड वॉर की आशंका ने डराया
सीए अभय प्रताप ने कहा कि इस बार जो बजट आया उसमें भी शेयर मार्केट के लिए कुछ नहीं था. इसका नतीजा भी देखने को मिल रहा है. इस वजह से घरेलू अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गई. वहीं, चीन जैसे अन्य उभरते बाजारों में आकर्षक निवेश के अवसर और ट्रेड वॉर की आशंका के कारण FIIs ने भारतीय बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और घरेलू अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेतों ने विदेशी निवेशकों को भी डरा दिया है. इस वजह से शेयर मार्केट गिरावट की तरफ बढ़ गया.
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