कार्ति के बाद क्या अब पिता पी चिदंबरम की है बारी!
Agency:News18Hindi
Last Updated:
मनी लॉन्ड्रिंग और रिश्वतखोरी मामलों में कार्ति चिदंबरम के बुरी तरह फंसने के बाद उनके पिता और पूर्व फाइनेंस व होम मिनिस्टर पी चिदंबरम भी इसकी जद में आते जा रहे हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग और रिश्वतखोरी मामलों में कार्ति चिदंबरम के बुरी तरह फंसने के बाद उनके पिता और पूर्व फाइनेंस व होम मिनिस्टर पी चिदंबरम भी इसकी जद में आते जा रहे हैं. वैसे तो कार्ति के नाम कई काले केस गिनाए जाते हैं, लेकिन ताजा आईएनएक्स मामले ने सीनियर चिदंबरम की भी पूरी राजनीतिक कमाई और हैसियत को कठघरे में खड़ा कर दिया है. कहा यहां तक जा रहा है कि अब उनकी ही बारी है!
यूं तो मामला फिलवक्त अदालत में है और उसके फैसले के बाद ही किसी ठोस नतीजे पर पहुंचना उचित होगा, लेकिन इसकी मार अगर किसी पर सबसे अधिक पड़ती दिख रही है तो वे हैं- पी चिदंबरम, जो अपनी कानूनी, आर्थिक और राजनीतिक प्रखरता के लिए जाने जाते हैं.
सीनियर चिदंबरम पर आरोप है कि चूंकि फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड वित्त मंत्रालय के अधीन था, ऐसे में बगैर उनकी शह के नियम को धता बताकर आईएनएक्स मीडिया में निवेश की गैरकानूनी अनुमति संभव नहीं थी. इसीलिए पी चिदंबरम से भी जल्द पूछताछ की आशंका जताई जा रही है.
वैसे, चिदंबरम के विरोधियों की तो छोड़िए, मामले के जानकार भी इस बात को नहीं पचा पा रहे हैं कि कैसे एक अदना लीगल कंसलटैंसी कंपनी चेस मैनेजमेंट के पास क्लाएंट की लंबी लिस्ट रही है. इस लिस्ट में मारुति समेत देश और दुनिया की टॉप 63 से अधिक कंपनियां रही हैं, जिनसे कार्ति ने करोड़ों रुपये बनाए हैं.
वैसे इन खबरों की सत्यता पर आंखें मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता है. लेकिन अगर इनमें थोड़ी भी सच्चाई है तो सीनियर चिदंबरम की निष्ठा पर भी सवाल उठना लाजिमी है. कार्ति पर आरोप यह भी है कि उन्होंने अपने वित्तमंत्री पिता से मीटिंग कराने के लिए मुखर्जी दंपत्ति से मोटी रिश्वत ली थी. कार्ति के संबंध एयरसेल-मैक्सिस और वासन हेल्थकेयर जैसे मामलों से भी बताए जाते हैं. तभी तो चिदंबरम के विरोधियों का दावा है कि चिदंबरम ने जो आर्थिक सुधार किए, उनका सबसे ज्यादा फायदा उनके बेटे कार्ति को ही मिला और इस तरह कार्ति एक ताकतवर मिडलमैन के रूप में स्थापित हो गए.
गौरतलब है कि 2012 में एक छोटे उद्योगपति ने कार्ति चिदंबरम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. तब कार्ति के पिता देश के वित्त मंत्री थे और आरोप लगाने वाले को तब पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
ये भी पढ़ें
INX मीडिया केस: कार्ति चिदंबरम को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 3 दिन बढ़ी CBI रिमांड
यूं तो मामला फिलवक्त अदालत में है और उसके फैसले के बाद ही किसी ठोस नतीजे पर पहुंचना उचित होगा, लेकिन इसकी मार अगर किसी पर सबसे अधिक पड़ती दिख रही है तो वे हैं- पी चिदंबरम, जो अपनी कानूनी, आर्थिक और राजनीतिक प्रखरता के लिए जाने जाते हैं.
मामला 2007 का है. उस समय सीनियर चिदंबरम यूपीए-1 सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर थे. आरोप है कि अपने पिता की हैसियत का गलत फायदा उठाकर कार्ति ने पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश लाने में मदद की. वही पीटर और बेटी की हत्या के आरोप में जेल में बंद इंद्राणी ने आज उन पर 3 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है.
सीनियर चिदंबरम पर आरोप है कि चूंकि फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड वित्त मंत्रालय के अधीन था, ऐसे में बगैर उनकी शह के नियम को धता बताकर आईएनएक्स मीडिया में निवेश की गैरकानूनी अनुमति संभव नहीं थी. इसीलिए पी चिदंबरम से भी जल्द पूछताछ की आशंका जताई जा रही है.
वैसे, चिदंबरम के विरोधियों की तो छोड़िए, मामले के जानकार भी इस बात को नहीं पचा पा रहे हैं कि कैसे एक अदना लीगल कंसलटैंसी कंपनी चेस मैनेजमेंट के पास क्लाएंट की लंबी लिस्ट रही है. इस लिस्ट में मारुति समेत देश और दुनिया की टॉप 63 से अधिक कंपनियां रही हैं, जिनसे कार्ति ने करोड़ों रुपये बनाए हैं.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, करीब 14 से 20 देशों में कार्ति चिदंबरम के कारोबार फैले हुए हैं. उनके 21 विदेशी बैंक खाते यूके के मेट्रो बैंक में और 4 सिंगापुर में हैं. इनके अलावा, स्पेन, मोनाको, फ्रांस और स्विट्जरलैंड में भी उनके खाते हैं. उनकी 5 हॉलबेन क्लोज, कैम्ब्रिज, यूके में एक बड़ी प्रॉपर्टी बताई जाती है, जिसकी कीमत 85 करोड़ आंकी जाती है, लेकिन इसे सिर्फ 5 करोड़ रुपये दिखाया गया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, समरसेट-यूके में 88 एकड़ का उनके पास सररिज नाम का एक फार्म हाउस है, जिसकी कीमत एक मिलियन पाउंड आंकी गई है.
वैसे इन खबरों की सत्यता पर आंखें मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता है. लेकिन अगर इनमें थोड़ी भी सच्चाई है तो सीनियर चिदंबरम की निष्ठा पर भी सवाल उठना लाजिमी है. कार्ति पर आरोप यह भी है कि उन्होंने अपने वित्तमंत्री पिता से मीटिंग कराने के लिए मुखर्जी दंपत्ति से मोटी रिश्वत ली थी. कार्ति के संबंध एयरसेल-मैक्सिस और वासन हेल्थकेयर जैसे मामलों से भी बताए जाते हैं. तभी तो चिदंबरम के विरोधियों का दावा है कि चिदंबरम ने जो आर्थिक सुधार किए, उनका सबसे ज्यादा फायदा उनके बेटे कार्ति को ही मिला और इस तरह कार्ति एक ताकतवर मिडलमैन के रूप में स्थापित हो गए.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह भी दावा किया है कि कार्ति चिदंबरम ने एक रसूखदार नेता के बैंक अकाउंट में 1 करोड़ 80 लाख रुपए ट्रांसफर किए हैं. कार्ति ने रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड (आरबीएस) की चेन्नई स्थित शाखा में अपने खाते से यह रकम ट्रांसफर की थी. ईडी के अधिकारियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रकम 16 जनवरी, 2006 से लेकर सितंबर 2009 के बीच उस नेता के खाते में 5 बार में ट्रांसफर की गई.
गौरतलब है कि 2012 में एक छोटे उद्योगपति ने कार्ति चिदंबरम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. तब कार्ति के पिता देश के वित्त मंत्री थे और आरोप लगाने वाले को तब पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
ये भी पढ़ें
INX मीडिया केस: कार्ति चिदंबरम को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 3 दिन बढ़ी CBI रिमांड
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
और पढ़ें