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JEE Success Story: ना कोचिंग, ना ट्यूशन...ड्रायवर का बेटा बना JEE टॉपर

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JEE Success Story, JEE Main 2025: बोकारो के ऋषव रंजन ने बिना कोचिंग और ट्यूशन के JEE Main 2025 में 99.90 परसेंटाइल हासिल कर जिले का टॉपर बनने का गौरव पाया. ड्राइवर के बेटे ऋषव ने मोबाइल से पढ़ाई कर यह सफलता पाई.

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ड्रायवर के बेटे ने किया कमाल, गरीबी को मात देकर बना JEE का टॉपरJEE Main 2025, JEE Success Story: जेईई मेन परीक्षा में बोकारो के बेटे ने किया टॉप.
रिपोर्ट- मृत्युंजय कुमार, बोकारो 

JEE Success Story, JEE Main 2025: हौसला और कुछ करने का जज्‍बा हो तो तमाम मुश्‍किलों के बाद भी मंजिल मिल ही जाती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया बोकारो के एक लाल ने. ना कोचिंग, ना ट्यूशन… सिर्फ हौसला, मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर बोकारो के एक ड्राइवर के बेटे ने वो कर दिखाया, जो कई महंगी कोचिंग करने वाले भी नहीं कर पाते. हम बात कर रहे हैं ऋषव रंजन की, जिन्होंने JEE (Main) 2025 के सेशन-2 में 99.90.16 परसेंटाइल लाकर जिले का टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है.

दूसरे प्रयास में लगाई छलांग
चास के बिहार कॉलोनी में रहने वाले ऋषव रंजन ने दिखा दिया कि मजबूत इरादे और सच्ची लगन के सामने कोई भी कठिनाई बड़ी नहीं होती. न कोई कोचिंग, न ट्यूशन-सिर्फ मोबाइल के सहारे घर में बैठकर पढ़ाई की और JEE के सेशन-1 में 90.6 परसेंटाइल लाने के बाद दूसरे प्रयास में शानदार छलांग लगाई.ऋषव ने बताया कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है और पहली परसेंटाइल से मनचाहा ट्रेड नहीं मिल पाता, इसलिए उसने फिर से परीक्षा देने की ठानी. अब वह जेईई एडवांस्‍ड (JEE Advanced) की तैयारी में जुट गया है.ऋषव कहते हैं कि अगर आपमें आत्मविश्वास है और आप मेहनत करते हैं, तो बिना कोचिंग के भी सफलता मिल सकती है. मैंने मोबाइल से ही ऑनलाइन पढ़ाई की थी.
मां हो गईं भावुक
जेईई की परीक्षा में ऋषव के टॉप करने की सूचना पाकर उनकी मां रूबी देवी भावुक हो गईं. उन्होंने बताया कि बेटा बहुत ही शांत स्वभाव का है, कभी कोई फिजूल की मांग नहीं करता था, अगर जिद करता भी था तो सिर्फ स्कूल की फीस के लिए.हमेशा डर लगा रहता था कि फीस समय पर न दे पाए, तो बेटा परीक्षा न दे पाए. लेकिन हमें उस पर पूरा विश्वास था, वो हमेशा मेहनत करता था.पेशे से ड्राइवर पिता रवि रंजन बेटे की सफलता से गदगद हैं. उन्‍होंने कहा कि बेटे ने उम्मीद से ज्यादा दिया है. पहले बेटी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट बनकर नाम रोशन किया और अब बेटे ने कमाल कर दिया. मां ने हमेशा बच्चों को संभाला, क्योंकि मैं तो बाहर गाड़ी चलाता रहता था. ऋषव की यह कहानी सिर्फ एक सफलता की कहानी नहीं, बल्कि लाखों उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं.ऋषव ने 100 तक की पढ़ाई चास के SVN पब्लिक स्कूल से की है,जबकि 11 और 12 आदर्श विद्या मंदिर से की है.

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Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य... और पढ़ें
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